छोटे बच्चों का डॉग्स के साथ खेलना और सोना हो सकता है खतरनाक
छोटे बच्चों का डॉग्स के साथ खेलना और सोना हो सकता है खतरनाक
घर में पालतू कुत्तों की होने पर बच्चे उनके साथ बहुत घुल-मिल जाते हैं. कुत्तों को बच्चों के साथ खेलना और उनके आस-पास रहना बहुत पसंद आता है. बच्चे अपने घर के पालतू पशुओँ से बहुत प्यार करते हैं. उन्हें कुत्तों को पकड़ना, उनके साथ खिलौनों से खेलना और उनके साथ सोना बहुत अच्छा लगता है. ऐसे में क्या आप जानते हैं कि पालतू जानवर के साथ एक ही पलंग पर सोने और उनके साथ खेलना नुकसानदायक हो सकता है. आइए आज हम जानते हैं कि छोटे बच्चों से साथ पालतू जानवर जैसे डॉग्स, कैट्स आदि का सोना कितना नुकसानदायक हो सकता है.
एलर्जी
अमेरिका में करोड़ों लोग ऐसे हैं जिन्हें पालतू जानवरों से एलर्जी होती है.खासकर छोटे बच्चों की इम्यूनिटी कमजोर होती है इसलिए उन्हें एलर्जी की खतरा ज्यादा हो सकता है. इसलिए बच्चों के साथ पालतू जानवर जैसे डॉग्स कैट्स को नहीं सोने देना चाहिए. रात को सोते समय उनके बालों व त्वाचा से से बच्चों को एलर्जी हो सकता है. हमारी त्वचा या सांस के रास्ते हमारे शरीर में अंदर जाते हैं. इससे श्वसन संबंधी समस्याएं, त्वचा पर चकत्ते या खुजली, आंखों में जलन और सांस लेने में तकलीफ जैसे एलर्जी के लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं. ये लक्षण कुछ लोगों में बहुत ही गंभीर रूप भी ले सकते हैं.
संक्रमण का खतरा
पालतू जानवर अपने साथ कई प्रकार के सूक्ष्म जीवाणु और कीटाणु लेकर आते हैं. इनमें से कुछ हमारे शरीर के लिए लाभदायक हो सकते हैं जबकि कुछ हानिकारक भी.कुछ हानिकारक बैक्टीरिया और वायरस गंभीर बीमारियों का कारण बन सकते हैं. कुछ वायरस भी शरीर में जाकर बीमारियां पैदा कर देते हैं. खासकर बच्चों के अंदर क्योंकि उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होती है और वे आसानी से संक्रमण होने वाली बीमारियों के शिकार हो जाते हैं. इसलिए बच्चों को पालतू जानवरों से साथ नहीं सोने देना चाहिए,
नींद का खलल
कुछ बड़े आकार के डॉग्स अक्सर बिस्तर में जगह ज्यादा घेर लेते हैं जिससे नींद खराब हो सकती है. अध्ययनों से पता चलता है कि कुत्तों के साथ सोने से नींद में खलल पैदा हो सकता है. इसलिए बच्चों को कुत्तों के साथ अकेले नहीं छोड़ा जाना चाहिए और उनके साथ सोने से बचाना चाहिए.