कोरबा : मानसून आगमन का संदेश लेकर पहुंच रहे एशियन बिल स्टार्क

कोरबा : जिले करतला विकासखंड के ग्राम कनकी में विदेशी एशियन बिल स्टार्क पक्षी का आगमन शुरू हो गया। 1000 से भी अधिक पक्षियों ने यहां शिव मंदिर परिसर में लगे पेड़ो में अपना डेरा जमा लिया है। जुलाई माह में ये पक्षी अंडे देते हैं। इसके लिए घोसला बनाने की तैयारी कर दी है। पक्षियों को क्षेत्रवासी मानसून का संदेशा देने वाले देवदूत मानते हैं। अधिक संख्या में पक्षियों के आने और बेहतर मानसून की संभावना को लेकर ग्रामीणों में खुशियां देखी जा रही है।
जिला मुख्यालय से 20 किलोमीटर दूर कनकी में प्रवासी पक्षी एशियन ओपन बिल स्टार्क मानसून पहुंचने लगे हैं। पक्षियों के लिए अनुकूल वातावरण हो से वन विभाग ने कनकी सहित आसपास को को संरक्षित क्षेत्र घोषित किया है।
कनकेश्वर शिव मंदिर के पुजारी पुरुषोत्तम यादव कर कहना है कि पक्षी यहां वंशवृद्धि के लिए आते हैं। जुलाई से अगस्त माह के बीच अंडे से चूजे निकल आते हैं। अक्टूबर नवंबर तक ये उड़ान भरने योग्य होने पर ये वापस चले जाते हैंं। धान की फसल को नुकसान पहुंचाने वाले कीटों को भी ये नष्ट कर किसानों के लिए सहयोगी होते हैं।
प्रवासी पक्षी एशियन ओपन बिल स्टार्क भारत उपमहाद्वीप के साथ-साथ दक्षिण पूर्व एशिया के , कमबोडिया, थाईलैंड, वियतनाम, इंडोनेसिशा, श्रीलंका, म्यामार, मलेशिया, फिलिंपिंस, सिंगापुर में पाए जाते हैं। भारत में इसे घोघिंल के रूप से जाना जाता है। कनकी में अधिकांश पक्षी श्रीलंका से आते हैंं।
इनकी 20 प्रजाति पाई जाती है। वन विभाग ने पक्षियों को सुरक्षित करने पैरों में कटीले तार भी लगाए हैं। वे इमली, बरगद और पीपल के जिस पेड़ पर ये घोंसला बनाते हैं अगले बरस उसी पेड़ पर फिर घोसला बनाते हैं। कनकी में बड़ी संख्या में पीपल, इमली के पेड़ हैं। बारिश के दौरान गाज की चपेट में पक्षियों की मौत हो जाती है। सुरक्षा के लिए वन विभाग ने तड़ित लगाया है।

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