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आज से लागू हो गया नया कानून, कुसमुंडा पुलिस ने कार्यक्रम आयोजित कर क्षेत्रवासियों को दी विस्तृत जानकारी

सतपाल सिंह

कोरबा – आज एक जुलाई 2024 से भारत में नया कानून लागू हो गया।जिसके तहत तीन नये कानून भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 के संबंध में विस्तार से जानकारी देने तथा इसमें जुड़े प्रावधानों पर चर्चा करने आज कुसमुंडा थाना क्षेत्र अंतर्गत आदर्श नगर स्थित सामुदायिक भवन में कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें क्षेत्रवासियों को नये कानून के संबंध में जानकारी देते हुए पीड़ितों को न्याय देने में नए कानून के नियमों को विस्तार से बताया गया ।

इस अवसर पर कुसमुंडा थाना प्रभारी निरीक्षक रूपक शर्मा ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि नए प्रावधान के अनुसार कोई भी व्यक्ति किसी भी केस में फोन या ईमेल के जरिए थाने को सूचना दे सकता है पुलिस फौरन इसमें FIR दर्ज करेगी। हां परंतु यह भी आवश्यक है कि पीड़ित या उसके सहयोगी को तीन दिन के भीतर थाने पहुंचकर पुलिस की दर्ज रिपोर्ट में आवशयक रूप से हस्ताक्षर करना होगा। यही नहीं कोई भी आवेदक या सूचनाकर्ता देश के किसी भी कोने में हुई घटना की रिपोर्ट कभी भी किसी दूसरे राज्य में पहुंचकर करवा सकेगा।जैसे कोरबा का कोई व्यक्ति अगर दिल्ली या मुंबई जाता है। वहां उसके साथ कोई घटना हो गई। किसी कारणवश या उस समय वहां के थाने पहुंचकर शिकायत नहीं कर सका और उसे फौरन लौटना पड़ा तो, वह रायपुर के किसी भी थाने में पहुंचकर उस घटना की रिपोर्ट दर्ज करा सकता है।

चेन स्नैचिंग, चोरी या लूट के लिए धारा 304 का प्रावधान कर दिया गया है। ऐसी घटना होने पर सीधे नई धारा के तहत केस दर्ज किया जाएगा। पहले इस पर केवल चोरी की जैसी धाराएं जोड़ी जाती थी। निरीक्षक रूपक शर्मा ने नए कानून की जानकारी के साथ साथ उपस्थित लोगों से क्षेत्र में होने वाले अपराधों के नियंत्रण पर भी चर्चा की गई।

कुसमुंडा क्षेत्र में आयोजित आज के इस कार्यक्रम में क्षेत्र के जनप्रतिनिधि,पार्षद, पत्रकार,व्यापारी, महिला संगठन और बड़ी संख्या आमजन उपस्थित रहें।

लिंक पर जाकर देखें कार्यक्रम की वीडियो…https://youtube.com/@groundzeronewstube8929?si=0aCliBkaZAwT46lb

जानिए आज से लागू हो रहें नए कानून की विस्तृत जानकारी….

आतंकवादी केस: UAPA लगेगा या धारा 113, स्टेट पुलिस को जांच

आतंकी एक्टिविटी जैसे देश की अखंडता एकता के खिलाफ काम करने वालों के खिलाफ मामलों के लिए धारा 113 का प्रावधान किया गया है। इस तरह के मामलों में UAPA भी दर्ज होता है, लेकिन UAPA दर्ज होने पर 99% मामलों में सेंट्रल एजेंसी जांच करती है। अब धारा 113 दर्ज होने पर स्टेट पुलिस जांच कर सकेगी।लेकिन किस केस में UAPA दर्ज करना है और किस केस में धारा 113 के तहत अपराध दर्ज करना है, ये एसपी या उससे बड़ी रैंक के अधिकारी तय करेंगे।मारपीट या दूसरे केस में डॉक्टरों को फौरन देनी होगी रिपोर्ट।गंभीर केस के आरोपियों को हथकड़ी लगाकर भी कोर्ट में पेश किया जा सकेगा।शादी का प्रलोभन देकर दुष्कर्म के मामलों में धारा-69 के तहत केस दर्ज होंगे।

नकल का मामला अब गैर जमानती , गंभीर संगठित अपराध धारा-111 के दायरे में आएंगे। अभी तक धारा-34 दर्ज होती थी।

छोटे संगठित अपराध जैसे जुआ खेलना, परीक्षा में नकल के लिए धारा 112 के तहत केस। ये गैरजमानती हैं। अब तक जुआ में 13 जुआ एक्ट में थाने से बेल मिलती थी।

छोटे बच्चों को अपराध के लिए प्रेरित करने वालों पर धारा-95 के तहत कार्रवाई होगी।राजद्रोह समाप्त होगा, पर अब 152 के तहत केस दर्ज होगा। सजा न्यूनतम 3 से बढ़ाकर 7 साल। आम आदमी किसी को अपराध करते पकड़ लेता है तो 6 घंटे में पुलिस को सौंपना होगा

गंभीर अपराध…..

नाबालिग से रेप के दोषी को उम्रकैद या फांसी होगी।पहले रेप की धारा 375, 376 थी, अब धारा 63, 69 होगी।हत्या की धारा 302 थी, अब यह 101 होगी।गैंगरेप के दोषी को 20 साल तक की सजा या जिंदा रहने तक जेल की सजा होगी।मॉब लिंचिंग में फांसी की सजा होगी।

एक्सीडेंट के मामले

वाहन से किसी के घायल होने पर ड्राइवर अगर पीड़ित को पुलिस स्टेशन या अस्पताल ले जाता है तो उसे कम सजा दी जाएगी।हिट एंड रन केस में 10 साल की सजा मिलेगी। सिर पर लाठी मारने वाले पर अभी सामान्य झगड़े की धारा लगती है। अब विक्टिम के ब्रेन डेड की स्थिति में दोषी को 10 साल की सजा मिलेगी।

ट्रायल के मामले

किसी व्यक्ति को गिरफ्तार करने पर पुलिस को उसके परिवार को जानकारी देनी होगी। पहले यह जरूरी नहीं था।किसी भी केस में 90 दिनों में क्या हुआ, इसकी जानकारी पुलिस विक्टिम को देगी।अगर आरोपी 90 दिनों के भीतर कोर्ट के सामने पेश नहीं होता है तो उसकी गैरमौजूदगी में भी ट्रायल होगा।गंभीर मामलों में आधी सजा काटने के बाद रिहाई मिल सकती है।अब ट्रायल कोर्ट को फैसला अधिकतम 3 साल में देना होगा।मुकदमा समाप्त होने के बाद जज को 43 दिन में फैसला देना होगा।फैसले के 7 दिन के भीतर सजा सुनानी होगी।दया की याचिका दोषी ही कर सकता है। अभी NGO या कोई संस्थान दया याचिकाएं दाखिल करता था।

भारतीय न्याय संहिता में क्या बड़े बदलाव हुए

भारतीय न्याय संहिता (BNS) में 20 नए अपराध जोड़े गए हैं।

ऑर्गेनाइज्ड क्राइम, हिट एंड रन, मॉब लिंचिंग पर सजा का प्रावधान।डॉक्यूमेंट में इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल रिकॉर्ड शामिल हैं। IPC में मौजूद 19 प्रावधानों को हटा दिया गया है। 33 अपराधों में कारावास की सजा बढ़ा दी गई है। 83 अपराधों में जुर्माने की सजा बढ़ा दी गई है।छह अपराधों में सामुदायिक सेवा की सजा का प्रावधान किया गया है।

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