SECL से मुवावजे के लालच में बन रहे सैकड़ों लंबे चौड़े मकान, लाल ईट का बड़े पैमाने पर हो रहा प्रयोग, प्रबंधन के साथ- साथ खनिज विभाग भी नींद में डूबा…..
कोरबा – जिले के कुसमुंडा खदान से लगे ग्राम खोडरी, रिसदी, पाली इत्यादि में इन दिनों बड़े पैमाने पर मकान निर्माण कार्य चल रहा है, कच्चे पक्के लाल ईट पर मिट्टी के गिलाव से लंबे चौड़े दीवार खड़े किए जा रहे हैं, १ बोरी सीमेंट में १० से १२ बोरी बालू के रेसियो से मिश्रण बनाकर प्लास्टर किया जा रहा है। कही सीट तो कहीं ढलाई कर छत तैयार की जा रही है। गांव के बड़े बड़े खाली पड़े मैदानों पर मकानों के निर्माण कार्य इन दिनों किसी आपातकालीन रिफ्यूजी कैंप की तरह युद्धस्तर पर तैयार किए जा रहे हैं। तकरीबन सैकड़ों की संख्या में बन रहे ये सभी मकान सिर्फ और सिर्फ मुवावजे पाने के लिए है। आपको बता दें कुसमुंडा खदान विस्तार के लिए बहुत जल्द ग्राम रिस्दी और खोडरी का अधिग्रहण होना है,आने वाले कुछ ही दिनों में मुवावजा,बसावट इत्यादि प्रकरण बनने हैं, ऐसे में मुवावजा राशि अधिक पाने के लालच में बड़े पैमाने पर निर्माण कार्य चल रहे हैं। गांव में हर तरफ लाल ईट के बन रहे मकान स्पष्ट दिखाई दे रहे हैं। गांव में ही लाल ईट बनाने का काम धडल्ले से चल रहा है। चूंकि गांव खदान के पास ही है तो ईट को पकाने के लिए कोयला भी आसानी से मिल रहा है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अधिकांश घर भू स्वामी के जमीन पर बाहरी लोग अथवा बाहरी रिश्तेदार इस वायदे के साथ निर्माण कार्य में अपना पैसा लगा रहे है की मुवावजा राशि मिलने पर निर्माण कार्य का खर्च काटकर बाकी पैसा बराबर बांट लेंगे। इस बड़े पैमाने पर हो रहे निर्माण कार्य के पूरे मामले पर कुसमुंडा प्रबंधन के भू राजस्व विभाग के अधिकारी आंख मूंदे बैठे हैं,मानो जैसे हमें कौन सा घर से भुगतान करना है,दूसरी तरफ लाल ईट के प्रयोग पर भी खनिज विभाग भी गहरी नींद में डूबा हुआ प्रतीत हो रहा है।