
कोयला आवंटन में नई नीति से बिजली संयंत्रों को मिलेगी ताकत, 25 साल के लिए हासिल कर सकते हैं कोयला

कोयला आवंटन में नई नीति से बिजली संयंत्रों को मिलेगी ताकत, 25 साल के लिए हासिल कर सकते हैं कोयला

नई दिल्ली – आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीईए) ने विद्युत क्षेत्र को कोयला आवंटन के लिए भारत में पारदर्शी तरीके से कोयला दोहन व आवंटन की संशोधित योजना (शक्ति) को मंजूरी दे दी, ताकि उन्हें दीर्घकालिक तथा अल्पकालिक कोयला आवश्यकता को पूरा करने में मदद मिल सके। प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने ‘लिंकेज’ प्रक्रिया को सरल बनाने के उद्देश्य से यह मंजूरी दी। इसमें केंद्रीय राज्य क्षेत्र और स्वतंत्र बिजली उत्पादकों के ताप विद्युत संयंत्रों को नए कोयला लिंकेज दिया जाएगा। संशोधित नीति के तहत दो विकल्प प्रस्तावित किए गए हैं। एक बयान में कहा गया है कि दो विकल्पों में केंद्रीय विद्युत उत्पादन करने वाले राज्य और कंपनियों को अधिसूचित मूल्य पर कोयला लिंकेज-विंडो एक तहत मिलेगा। इसके अलावा अन्य सभी विद्युत उत्पादन कंपनियों को अधिसूचित मूल्य से अधिक प्रीमियम पर कोयला लिंकेज-विंडो दो के तहत मिलेगाइन्हें होगा फायदा… इसमें थर्मल पावर प्लांट रेलवे, कोल इंडिया लिमिटेड, सिंगरेनी, कोलियरीज कंपनी लिमिटेड, अंतिम उपभोक्ता और राज्य सरकारों को इसका फायदा होगा।
25 साल के लिए कोयला कर सकते हैं हासिल
राज्यों के लिए निर्धारित कोयला लिंकेज का उपयोग राज्य अपनी विद्युत उत्पादन कंपनियों में कर सकते हैं। जबकि विंडो दो में कोई घरेलू कोयला आधारित बिजली उत्पादक जिसके पास बिजली खरीद समझौता है या संयुक्त आयातित कोयला आधारित बिजली संयंत्र हैं।
अधिसूचित मूल्य से अधिक प्रीमियम को चुका कर 12 माह या 25 साल तक के लिए नीलामी के आधार पर कोयला हासिल कर सकते हैं। उन्हें बिजली संयंत्रों को अपनी पसंद के अनुसार बिजली बेचने का लचीलापन प्रदान किया जा सकता है।
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