Chhattisgarh

हैवी ब्लास्टिंग,रोजगार और पानी की समस्या को लेकर ग्रामीणों ने गेवरा खदान में बंद कराया काम

ओमकार यादव

कोरबा – जिले के एसईसीएल गेवरा खदान से लगे गांवों में समस्या कम होने का नाम नहीं ले रही है। ग्रामीण एसईसीएल गेवरा प्रबंधन के अधिकारियों की हरकतों से त्रस्त हैं। वर्तमान में गेवरा खदान ग्राम नरईबोध और भिलाई बाजार के बेहद नजदीक आ गए हैं। खदान में रोज हो रही हैवी ब्लास्टिंग से लोगों का जीना दूभर हो गया है। ग्रामीणों का कहना है कि गेवरा प्रबंधन उनकी मांगों को अनदेखा करता है,जिस वजह वे सभी अपनी समस्याओं को लेकर बार बार खदान में उतरने को मजबूर हैं। जब खदान का काम बंद होता है तो अधिकारियों के कान खड़े हो जाते है और लोगों को बहला फुसला कर झूठे आश्वासन देकर काम को शुरू करवा देते हैं और जब उनका काम निकल जाए खदान का काम शुरू हो जाए फिर लोगों को उनके समस्याओं से उन्हें कोई फर्क नही पड़ता अपना काम बनता तो भाड़ में जाए जनता वाली कहावत है, पूर्व में नरईबोध के ग्रामीण पानी, हैवी ब्लास्टिंग, रोजगार को लेकर खदान के काम को बंद कराए थे जिसमे एसईसीएल के अधिकारी गांव के स्थानीय लोगों को रोजगार मुहैया कराने, पाईप लाइन से खदान के पानी को नरईबोध के तालाब में पानी भरने, नए बोर खोदने, पानी टैंकर से पानी की व्यवस्था करने की बात कहे थे, कुछ दिन कुछ घरों में पानी टैंकर कभी कभार आता था तो कभी नहीं आता जिससे लोगों पानी की भारी समस्या होती थी, बार बार एसईसीएल के रवैए से क्षुब्ध हो रविवार को नरईबोध के ग्रामीण महिलाओं सहित सैकड़ों की संख्या में गेवरा खदान उतर कर खदान के मिट्टी खनन, कोयला खनन के काम को सुबह 7 बजे से दोपहर 12 बजे तक बंद करा दिए थे। जब खदान का काम बंद हुआ तो एसईसीएल के अधिकारी अपने नींद से जाग धरना स्थल पहुंच लोगों को फिर से आश्वाशन दिए की हैवी ब्लास्टिंग को कम करेंगे, ब्लास्टिंग की तीव्रता को नापेंगे, नरईबोध के पानी के लिए नए टेंडर जारी करने की बात कही गई, वही रोजगार के लिए 8 मई को सीजीएम कार्यालय में कॉन्फ्रेंस मीटिंग आउट सोर्सिंग कंपनियों, एसईसीएल के अधिकारियों व गांव वालों के बीच मीटिंग कर स्थानीय लोगों को आउट सोर्सिंग में रोजगार मुहैया करने की बात जीएम माइनिंग अशोक सिंह, व सुरेश चौधरी ने लिखित आश्वाशन दिए हैं, यदि 8 जून को सही पहल नहीं हुई तो 9 तारीख को पुनः नरईबोध के ग्रामीण गेवरा खदान के काम को पूर्ण रूप से अनिश्चित कालीन तक बंद कराने की बात गांव वालों ने की है जिसमे एसईसीएल के अधिकारियों ने अपनी सहमति भी दिए हैं, धरना स्थल में राकेश पटेल, कोमल दास, रमेश दास, जय कौशिक, दीपक साहू , पप्पू यादव, मन्नू चौहान, रामा बाई, गंगा बाई, अघ्घन बाई, परमिला बाई, रमिला सहित सैकड़ों की संख्या में महिलाएं व ग्रामीण उपस्थित थे ।

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