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इमली छापर चौक पर फिर से हुए विशालकाय गड्ढे, हादसों को दे रहें है न्योता, इधर ओवर ब्रिज का काम भी हुआ बंद

सतपाल सिंह

KB Automobile kusmunda korba

इमली छापर चौक पर फिर से हुए विशालकाय गड्ढे, हादसों को दे रहें है न्योता, इधर ओवर ब्रिज का काम भी हुआ बंद

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कोरबा – जिले के कुसमुंडा क्षेत्र अंतर्गत इमली छापर चौक एक बार फिर से विशालकाय गड्ढे हादसों को निमंत्रण दे रहे हैं। अधूरे पड़े कोरबा कुसमुंडा फोर लेन सड़क को जैसे तैसे आवागमन के लिए बना लिया गया है, परंतु इमली छापर चौक की दुर्दशा नही सुधर रही हैं। खदान से निकलने वाले भारी वाहनों के दवाब में थाना चौक से इमली छापर चौक तक बनी सीसी सड़क भी टूटने लगी है। वहीं इमली छापर चौक से बांकी और कोरबा की ओर जाने वाले मोड की स्थिति बेहद खराब हो गई है। यहां हुए विशालकाय गढ्डों में भारी वाहन मुड़ते समय मानो ऐसा लगता है की कहीं पलट ना जाए, और अगर कहीं पलट गए तो किसी हल्के वाहन उसकी चपेट में ना आ जाएं। गढ्डों की वजह से लोगों को आवाजाही में दिक्कतों का समाना करना पड़ रहा है। घंटो फाटक बंद होने की वजह से यहां भारी वाहनों का जाम लगा रहता है। चारो ओर से भारी वाहन मधुमक्खी के छत्ते की भांति चौक को घेरे रहते है, ऐसे में दुपहिया चारपहिया वाहनों का आवागमन ढप्प हो जाता है।इधर वर्षो से बन रहा ओवर ब्रिज का भी अब बंद पड़ा हुआ है, इमली छापर चौक पे शुरुवाती एक क्यूब नुमा पिलहर ही बन पाया है,जिसमें एक ओर जमीन तक राख भरने का काम कुछ दिन चला वह भी अभी बंद है, आगे रेल फाटक तक जमीन खाली नही होने की वजह से काम शुरू ही नही हो पाया है, रेल फाटक के बाद दो पिल्हर बन गए है,कुछ दूर एप्रोच सड़क भी बन गई है। यहां एसईसीएल की हाई टेंशन टावरों को शिफ्ट करने का काम चल रहा है। ओवर ब्रिज की जद में 10 से 12 घर आ रहे है, जिसके मुआवजे की मांग को लेकर यह काम बंद पड़ा हुआ हैं, यहां प्रशासन को हस्तक्षेप कर उपयुक्त निराकरण करना चाहिए ताकि बंद अधूरे पड़े ओवर ब्रिज का काम जल्द से जल्द पूरा हो सके। साधन संसाधन से परिपूर्ण कुसमुंडा क्षेत्र में प्रशासन की उदासीनता की वजह से आवगमन में परेशानी का दंश झेल रहा है, जब बीते कई वर्षो से ओवर ब्रिज का कार्य शुरू हो चुका है, तो उसे पूरा करने में इतना समय नहीं लगाना चाहिए। ठेकेदार द्वारा जहां जहां स्थान मिला वहां कार्य किया गया है,बाकी जगह खाली कराने के जिम्मेदारी प्रशासन की है। कार्य में बाधा अथवा समस्या को सुलझाने की जिम्मेदारी प्रशासन की है। प्रशासन अगर यहां हस्तक्षेप नहीं करता तो यह ओवर ब्रिज आने वाले और कई वर्षो तक नही बन पाएगा और क्षेत्र की जनता ऐसे ही परेशानियों से जूझती रहेगी।