एलीफैंट अलर्ट एप:कभी घर के सामने तो कभी खेतों में ही घेर लेते हैं हाथी अब 20 किलोमीटर दूर से ही पता चल जाएगी
छत्तीसगढ़ में पहली बार एलीफैंट अलर्ट एप लॉन्च होने वाला है। यह एप जनहानि रोकने के साथ जानवरों की सुरक्षा पर काम करेगा। इस एप्लीकेशन को लॉन्च करने से पहले वाइल्ड लाइफ रायपुर के अफसर प्रदेश के 3 जिले धमतरी, महासमुंद, गरियाबंद जिले के अलावा धरमजयगढ़ व बारनवापारा में ट्रायल चल रहा है। इसके जरिए 20 किमी के दायरे में मौजूद इस एप से जुड़े सभी को अलर्ट मैसेज मिलेगा। एलीफैंट अलर्ट एप से प्रदेश के 15 जिलों के करीब 10 हजार लोगों को जोड़ने की प्लानिंग है।
सीतानदी-उदंती टाइगर रिजर्व के उपनिदेशक वरूण जैन ने बताया कि इस एप का शुभारंभ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अप्रैल में करेंगे। प्रदेशभर में इस समय करीब 250 हाथी अलग-अलग जिले में विचरण कर रहे हैं।
35 हाथी आसपास घूम रहे
35 हाथियों का सिकासेर दल सीतानदी अभयारण्य के रिसगांव रेंज में घूम रहा है। मंगलवार को यह दल एकावरी के पास था। करीब सालभर से गरियाबंद और धमतरी जिले के सीतानदी-उदंती अभयारण्य में ही ये दल डेरा डाले हुए है।
जानिए, 2 तरीकों से इस तरह काम करेगा ये एलीफैंट एप
पहला- ओपन सोर्स (ओडीके कलैक्ट)
हाथी मित्र दल की ओर से एप्लीकेशन में हाथी सहित अन्य जानवरों का लोकेशन के साथ फोटो सब्मिट करेंगे, जो सर्वर में अपलोड होगा। नेटवर्क नहीं है, तो ऑफलाइन मोड पर काम करेगा। इसके बाद नेटवर्क पकड़ते ही तुरंत सर्वर तक फोटो पहुंच जाएगी। ये एप इन 15 जिलों धमतरी, गरियाबंद, बालोद, बलौदाबाजार, महासमुंद, सरगुजा, रायगढ़, कोरबा, बिलासपुर, मुंगेली, सूरजपुर, अंबिकापुर, कोरबा, जशपुर और बलरामपुर में लाॅन्च होगा।
दूसरा- वाइल्ड लाइफ विंग, एफएमआईएफ
इस एप से अलर्ट मैसेज व फोन खुद से पहुंच जाएगा। कई लोग हमेशा मैसेज नहीं देखते। इसलिए फोन के जरिए उन्हें बताया जाएगा कि हिंसक हाथी आपके एरिया से कितना दूर पर मौजूद है। सीतानदी-उदंती अभयारण्य के गांवों में ग्रामीण, सरपंच-उपसरपंच, कोटवार मिलाकर 300 लोगों को जोड़ा जा चुका है। प्रदेश में अभी हाथियों के 11 दल मौजूद हैं। इनमें सिकासेर दल, गुरु घासीदास दल, चंदा दल, गौतमी दल, बांकी दल, शांत दल, चंदा दल, रूहासी सहित अन्य दल मौजूद हैं।