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इंसान की सफलता की पहली सीढ़ी शिक्षा है, ध्येय के साथ संचालित है आदिवासी बालक आश्रम…

ब्लाक रिपोर्टर सक्ती- उदय मधुकर 

इंसान के सफलता की पहली सीढ़ी शिक्षा है, इस ध्येय को आत्मसात कर नन्हें मुन्ने आदिवासी बच्चों की शिक्षा के लिए सतत प्रयत्नशील अनुसूचित जनजाति बालक आश्रम मसानिया खुर्द का बाह्य वातावरण पर्वत की वादियों से उन्मुक्त है तो वहीं हसदो बांगो नहर में बहती जलधारा शायद बच्चों को सिखाती है कि इस उन्मुक्त वादियों में शिक्षा की अविरल प्रवाह में स्नान कर पर्वतों की चोटियों की तरह सफलता की शिखर तक पहुंचना है, तो वहीं आश्रम के आंतरिक स्वरूप को देख अभिभूत होने से आपको कोई नही रोक सकता क्योंकि निजी अथवा नगरीय विद्यालयों से भी ऊपर हर चीज को वैज्ञानिक आधार पर बच्चों को समझाने की तमाम कोशिशें विद्यालय की कक्षाओं में साफ नजर आता है, यह उद्गार किसी रचनाकार की कल्पना नहीं बल्कि विद्यालय में गणेश विसर्जन उत्सव में शामिल उच्च न्यायालय अधिवक्ता चितरंजय पटेल की जुबानी कही गई मन की बात है । आज विद्यालय प्रधान पाठक शैल पांडे के आग्रह पर गणेश पूजन, हवन और विसर्जन पर अधिवक्ता पटेल मीडिया व मानवाधिकार एवं सामाजिक न्याय आयोग के सदस्यों के साथ विद्यालय पहुंचे चितरंजय पटेल के साथ आगंतुकों ने विद्यालय अधोसंरचना से लेकर आंतरिक गतिविधियों का विस्तार से अध्ययन व अवलोकन किया तथा भविष्य में भी इन नौनिहालों के बीच अपने जीवन के यादगार पलों को गुजारने का संकल्प लिया।

विदित हो कि अधिवक्ता पटेल अपने जीवन के स्मरणीय पलों को अक्सर समाज के वंचितों के बीच गुजारने के लिए जाने जाते हैं चाहे दृष्टि बाधित दिव्यांग बच्चों के बीच या फिर कैदियों के बीच अपना जन्म दिवस मनाते रहें हैं। आज इन पलों में आश्रम के बच्चों के बीच अविरत प्रवाहित चल, मंद मंद हवा के बीच गणेश विसर्जन पर्व का आनंद लेते हुए फिर संकल्प ले लिया कि अपने आने वाले स्मरणीय पलों को इन नौनिहालों को समर्पित करेंगे।

आज इन पलों में विद्यालय परिवार के लोग, बच्चों के अभिभावक तथा मीडिया लोगों की उपस्थिति रही। इस अवसर पर सबने हवन पूजन के पश्चात भोग प्रसाद ग्रहण किया

 

 

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