खेती-किसानी

Dhan No.1 Variety 2024: सामान्य धान की तुलना में इस धान की वैरायटी देगी कम पानी के भी 122 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक उत्पादन होंगी धन की बरसात, जाने जानकारी

Dhan No.1 Variety 2024: सामान्य धान की तुलना में इस धान की वैरायटी देगी कम पानी के भी 122 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक उत्पादन होंगी धन की बरसात, जाने जानकारी। धान खरीफ सीजन की मुख्य फसल है. कम पानी, खाद और कम लागत में सामान्य धान की तुलना में धान की नई वेरायटी सबौर मंसूरी में लगभग डेढ़ गुना ज्यादा उपज मिलेगी. केंद्र से इस वेरायटी की नोटिफिकेशन एक महीने में जारी होगी. इसी खरीफ सीजन से ही किसान इस धान को अपने खेतों में लगा सकेंगे. 9 राज्यों बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, तेलंगाना और पांडिचेरी में इस धान का उत्पादन होगा.



इस धान के बीज को बिना रोपनी सीधी लगाई जा सकती है. धान की नई किस्म Sabour Mansuri की खोज बिहार कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने की है. पिछले 4 वर्षों तक बिहार सहित देश के 19 राज्यों में समन्वित धान सुधार परियोजना के तहत 125 केंद्रों पर परीक्षण किया गया था.

यह भी पढ़ें:-मॉडर्न युग में अधूरा सपना पूरा करने आ गयी Maruti WagonR अब मात्र इतनी कम कीमत में, फीचर्स और लुक ने Tata और Hyundai को भी छोड़ा पीछे

Dhan No.1 Variety 2024: सामान्य धान की तुलना में इस धान की वैरायटी देगी कम पानी के भी 122 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक उत्पादन होंगी धन की बरसात, जाने जानकारी

Sabour Mansuri Dhan बिहार कृषि विभाग के मुताबिक, सबौर मंसूरी धान का औसत उत्पादन 65 से 70 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है. अधिकतम उत्पादन क्षमता 122 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पाया गया है. राज्य के किसानों के खेतों में प्रयोग में भी इस वेरायटी का उत्पादन 107 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक मिला है.

Sabour Mansuri Dhan की खासियतें

Sabour Mansuri मौसम के अनुकूल वेरायटी है. सीधी बुवाई और कठिन परिस्थिति में भी 135 से 140 दिनों में 65 क्विंटल प्रति हेक्टेयर से ज्यादा उत्पादन पाया है. इस वेरायटी के पौधे में औसतन 18 से 20 कल्ले होते हैं. इसमें 29 सेमी की बालियां होती हैं. इसमें 300 से ज्यादा दाने पाए गए हैं. दाने का रंग सुनहरा है. यह नाटी मंसूरी के दाने जैसा होता है.

Sabour Mansuri Dhan कीट और प्रतिरोधक क्षमता अधिक

धान की इस प्रजाति में रोग प्रतिरोधक क्षमता ज्यादा है. जीवाणु झुलसा, झोंका रोग के प्रति मध्यम प्रतिरोधी है. तना छेदक और भूरा पत्ती लपेटक कीट के प्रति सहनशील है. साथ ही इसका तना भी बहुत मजबूत है, जिससे ये बदलते जलवायु में बार-बार आने वाले आंधी और तूफान में नहीं गिरेगी.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *