Chhattisgarh

CG के 13 जिलों में यलो, एक में ऑरेंज अलर्ट:आज भी अंधड़ के साथ बारिश की चेतावनी..

प्रदेश में पिछले दो दिनों से हो रही बारिश के कारण में मार्च में अब तक जमकर पानी गिर चुका है। पिछले 24 घंटे के दौरान भी जमकर वर्षा हुई। रविवार शाम को भी राजधानी रायपुर, भिलाई, दुर्ग और राजनांदगांव सहित पश्चिम छत्तीसगढ़ के कई हिस्सों में जमकर बारिश हुई। मौसम विज्ञानियों का कहना है कि अगले दो-तीन दिनों तक प्रदेश में बादल और बारिश के हालात रहेंगे। राज्य के कुछ हिस्सों में गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ने और कहीं-कहीं पर हल्की से मध्यम वर्षा हो सकती है।

समुद्र से आ रही नमी के कारण राज्य में मौसम बदला हुआ है। पिछले दो-तीन दिनों से राज्य के अलग-अलग हिस्सों में बारिश हो रही है। शुक्रवार-शनिवार को बस्तर, रायपुर और सरगुजा संभाग में जमकर बारिश हुई। रविवार को दिनभर मौसम साफ रहा। कहीं-कहीं पर धूप भी खिली, लेकिन शाम से मौसम फिर बदलने लगा। शाम करीब साढ़े पांच बजे के बाद रायपुर, दुर्ग, भिलाई और राजनांदगांव में तेज गरज-चमक के साथ पानी गिरने लगा।

बादलों की गड़गड़ाहट और पानी की तेज धार से मार्च में मानसून जैसी स्थिति बन गई है। शाम से शुरू हुई बारिश रात को देर तक चलती रही। पिछले 24 घंटे के दौरान सबसे ज्यादा बस्तर संभाग में बारिश हुई है। गीदम में 67, दंतेवाड़ा में 65, कुआकोंडा में 62, बस्तर-बास्तानार-सुकमा में 58, लोहंडीगुड़ा में 48, जगदलपुर में 46, कांकेर के पखांजूर में 53, भैरमगढ़ में 38, उसूर में 35, नारायणपुर में 29 मिमी पानी बरस गया। रविवार को दिनभर मौसम हल्का खुला रहा, लेकिन शाम को रायपुर, भिलाई, राजनांदगांव और दुर्ग में कई जगहों पर तेज गर्जना के साथ भारी बारिश हुई। रात तक रुक-रुककर बारिश होती रही। सोमवार को भी कई जगहों पर हल्की से मध्यम बारिश और गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ने की संभावना है।

मौसम विभाग के अनुसार ऊपरी हवा का एक चक्रवात पश्चिम मध्यप्रदेश के ऊपर सक्रिय है। दूसरा पश्चिम राजस्थान उसके आसपास 1.5 किलोमीटर ऊंचाई तक है। एक द्रोणिका उत्तर छत्तीसगढ़ होते हुए उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी तक फैली हुई है। द्रोणिका/हवा की अनियमित गति दक्षिणी कर्नाटक से पश्चिम विदर्भ तक 0.9 ऊंचाई तक विस्तारित है। प्रदेश में कल 20 मार्च को कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा होने या गरज-चमक के साथ छींटे पड़ने की संभावना है। प्रदेश में एक-दो स्थानों पर गरज-चमक के साथ अंधड़ चलने तथा वज्रपात होने की भी संभावना है।

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