
Kota Student Suicide Case: कोटा में नहीं थम रहे सुसाइट के मामले ,कैबिनेट मंत्रियों ने दिए बयान, प्रधानमंत्री से की गई है आग्रह जाने डिटेल्स
Kota Student Suicide Case: कोटा में नहीं थम रहे सुसाइट के मामले ,कैबिनेट मंत्रियों ने दिए बयान, प्रधानमंत्री से की गई है आग्रह जाने डिटेल्स आइये जानते है कोटा suicide केस के बारे में ,जी हाँ कोटा में कोचिंग संस्थानों से जुड़ी छात्रों की आत्महत्याओं ने समाज के लोगो को सोचने पर मजबूर कर दिया है।क्युकी इस साल की शुरुआत से अब तक, राज्य में छात्रों की आत्महत्या के मामलों में रिकॉर्ड दर्ज हो चुकी है। हम आपको बता दे की यह समस्या न केवल राज्य सरकार के लिए बल्कि समाज के लिए भी गंभीर चुनौती है।

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कोटा प्रसाशक ने स्प्रिंग वाले फैंस लगाने के दिए थे निर्देश
हम आपको बता दे की कोटा प्रशासन ने हाल ही में हॉस्टल और पीजी कक्षों में स्प्रिंग वाले सीलिंग फैन्स लगाने के आदेश दिए थे, लेकिन इसके बावजूद यह समस्या अब भी नहीं रुकी है। और सुसाइट के गंभीर मामले सामने ही आ रहे है।
राजस्थान के कैबिनेट मंत्रियों ने दिए बयान
आपको बता दे की राजस्थान के कैबिनेट मंत्री डॉ. महेश जोशी ने हाल ही में अपने एक टीवी इंटरव्यू में कहा कि देशभर में कोचिंग सिस्टम को बंद करने की दिशा में कदम उठाने की आवश्यकता है। साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस समस्या के समाधान के लिए कठोर कदम उठाने की भी आग्रह किया।

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Kota Student Suicide Case: कोटा में नहीं थम रहे सुसाइट के मामले ,कैबिनेट मंत्रियों ने दिए बयान, प्रधानमंत्री से की गई है आग्रह जाने डिटेल्स
जी हाँ कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खचरियावास ने भी कोचिंग संस्थानों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की है।प्रताप सिह ने बताया कि छात्रों की आत्महत्याओं में कोचिंग संस्थानों का भी बहुत बड़ा योगदान है, और इसे देखने का समय आ गया है।
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने कहा शिक्षा प्रणाली को सुधारे
हम आपको बता दे की बाद रही सुसाइड की घटनाओं के संबंध में दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने सकल मिडिया पे ट्वीट करते हुए यह बताया कि कोटा में कुछ ही दिनों में 2 NEET छात्रों ने आत्महत्या कर ली है। इसके साथ ही, उन्होंने शिक्षा प्रणाली को सुधारने की आवश्यकता की बात कही और बच्चों की मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखने की विशेषताओं पर जोर दिया।
समाज को सोचने और कार्रवाई करने आवश्यकता
कोटा में बाद रहे आत्महत्या के मामलो के में अधिकांश समझदार लोगों की राय में, यह समस्या को गंभीरता से लेना चाहिए और आवश्यक और जरुरी कदमों की ओर बढ़ना चाहिए। जी हाँ छात्रों के बचपन की खो दी जाने की कीमत को देखते हुए, समाज को सोचने और कार्रवाई करने की आवश्यकता है। जिससे की कोटा के अपराधों को कम किया जा सके।
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