Health

खांसी है कि जाती ही नहीं… फ्लू अटैक से पूरा देश परेशान, जानें लक्षण, कारण और निदान

देश इन्फ्लुएंजा की चपेट में आ गया है। हालत यह है कि करीब-करीब हर चौथे-पांचवें व्यक्ति को खांसी की शिकायत है। चिंता की बात यह है कि इस समस्या से जल्दी निजात नहीं मिल पा रही है। जिसे भी खांसी पकड़ती है, वह कई दिनों तक जूझता रहता है। कई लोगों के तो सप्ताह दर सप्ताह बीत रहे हैं हैं, खांसी छूट ही नहीं रही है। खांसी भी ऐसी-वैसी नहीं, ऐसा लगता है खांसते-खांसते फेफड़ा ना फट जाए। कलेजे और पेट में दर्द उठ जाता है। रातभर रह-रहकर खांसी उठती रहती है और नींद गायब। इतना जोर-जोर से खांसते हैं कि घर वालों की नींद में भी खलल पड़ जाती है। लेकिन ऐसा हो क्यों रहा है? डॉक्टर्स इसके जवाब में बताते हैं कि कोविड के कारण लोगों की बीमारियों से लड़ने की क्षमता यानी इम्यूनिटी लेवल घट गई है। इस कारण इन्फ्लुएंजा ए वायरस (H3N2) हावी हो जा रहा है।

इसे () भी कहते हैं।देश में स्प्रिंग इन्फ्लुएंजा का कहरदिल्ली एम्स के पूर्व डॉक्टर जीसी खिलनानी ने कहा कि बीते दो महीनों में इन्फ्लुएंजा इन्फेक्शन के केस तेजी से बढ़े हैं। उन्होंने कहा, ‘हर दूसरा आदमी बुखार, कफ, गला बैठने और सांस उखड़ने की समस्या से परेशान है।’ उन्होंने आगे बताया, ‘जिन्हें खांसी की शिकायत हो रही है, उनमें कई लोगों को छींकें आ रही हैं, कुछ को नहीं। वो जांच करवाते हैं तो एच3एन2 वायरस अटैक का पता चलता है।’ पश्चिमी देश भी सितंबर से जनवरी तक इसी दौर से गुजरे थे। वहां विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, कई देशों में तो कोविड से पहले जैसी हालत हो गई जब इन्फ्लुएंजा का भयकंर प्रकोप हुआ करता था। सितंबर से जनवरी के बीच पश्चिम के कई देश इन्फ्लुएंजा A(H1N1)pdm09, A(H3N2) और इन्फ्लुएंजा B वायरस की चपेट में आ गए। ज्यादातर देशों में इन्फ्लुएंजा ए वायरस का ही ज्यादा प्रकोप देखा गया।

ये हैं फ्लू के लक्षणयूएस सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) के मुताबिक, के कारण श्वसन प्रणाली प्रभावित होती है। इससे मामूली या फिर गंभीर बीमारी हो सकती है और कई बार तो मृत्यु तक हो सकती है। भारत में यूं तो हर वर्ष फ्लू की वैक्सीन लगवाने की जरूरत होती है, लेकिन लोग इस तरफ कभी ध्यान नहीं देते हैं। भारत में इन्फ्लुएंजा का प्रकोप मॉनसून सीजन में जून से सितंबर के बीच होता है। फिर यह नवंबर और फरवरी के बीच दोबारा फैलता है।डॉक्टर बताते हैं कि उनके पास आने वाले मरीज जो समस्याएं बता रहे हैं उनके मुताबिक इन्फ्लुएंजा से पीड़ित व्यक्ति में ये लक्षण देखे जा रहे हैं…○ बुखार○ कंपकंपी○ गले में खरास○ खांसी○ जुकाम और छींक○ थकान○ मांसपेशियों और शरीर में जकड़नइम्यूनिटी घटने का असरजर्नल ऑफ अमेरिकन मेडिकल असोसिएशन (JAMA) ने फरवरी के शुरुआती दिनों में एक स्टडी पब्लिश हुई।

इसमें कहा गया है कि 2021-2022 में इन्फ्लूएंजा के मौसम के दौरान इन्फ्लूएंजा वायरस के संक्रमण के प्रति संवेदनशीलता में वृद्धि हो सकती है। ऐसा इन्फ्लुएंजा संक्रमण की कम दरों से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता घटने और संक्रमण फैलाते वायरस में एंटीजेनिक बदलावों के कारण हुआ है। कैसे हो बचाव?डॉ. खिलनानी कहते हैं कि फ्लू की चपेट में आनसे बचने का सर्वोत्तम उपाय है भीड़भाड़ से दूर रहना। उन्होंने कहा कि जब लोग बीमार पड़ने लगें तो समझ जाान चाहिए कि फ्लू अटैक होने लगा है। ऐसे में अच्छे से हाथ धोने, स्वच्छ हवा में सांस लेने, फ्लू वैक्सीन लेने, बाहर निकलने पर पॉल्युशन मास्क पहनने जैसी अच्छी आदतों का पालन करें। साथ ही, सर्द-गर्म से बचने के लिए धूप से लौटकर तुरंत स्नान करने, एसी या तेज फंखे की हवा लेने, गटागट ठंडा पानी पीने से बचें। एक्सपर्ट डॉक्टर निखिल मोदी कहते हैं कि लोग मास्क पहनकर फ्लू के अटैक से खुद को बचा सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘अगर फ्लू की चपेट में आ जाएं तो घर में ही भाप लेना और गारगल करना शुरू कर दें। फिर जितना जल्द हो सके डॉक्टर से संपर्क करें ताकि बीमारी गंभीर रूप धारण नहीं कर सके। इसके साथ ही लोगों को अपनी इम्यूनिटी बढ़ाने पर ध्यान देना चाहिए।’

PRITI SINGH

Editor and Author with 5 Years Experience in INN24 News.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button