
कोरबा : क्या परिवहन कार्यालय की फ़ाइल घूमती है एजेंट की गाड़ी में? विवादित एजेंट संतोष राठौर की गाड़ी में दिखे ढेर सारी सरकारी फ़ाइल।
बड़े एजेंट को मिला है स्पेशल पावर, कार्यालय के सामने की दुकानों में भी घूमती है फ़ाइल।
कोरबा परिवहन कार्यालय की फाइलें घूमती है गाड़ियों में जी हां आपको यह जानकर बड़ी हैरानी होगी कि कोरबा परिवहन कार्यालय में जितने भी फाइल कार्यालय उपयोग एवं एक सेक्शन से दूसरे सेक्शन किसी चपरासी के द्वारा लाया ले जाना चाहिए वह फाइलें गाड़ियों में माफी चाहते हैं एजेंटों की गाड़ियों में पूरे कोरबा जिला में भ्रमण करते हैं जिस की ताजा तस्वीरें INN24 न्यूज़ को मिली है तस्वीर एवं वीडियो के अनुसार सुप्रसिद्ध आरटीओ एजेंट संतोष राठौर जिन्होंने पिछले माह काफी ध्यान खींचा एवं साहब के चहेते कहे जाने वाले संतोष राठौर की गाड़ी क्रमांक CG12 AF 4400 के पीछे डिक्की भर की फाइलें थी अब सवाल यह उठता है क्या यह फाइलें कार्यालय में जमा करने के लिए लाई गई या यह फाइल कार्यालय से किसी जिला परिवहन कार्यालय के अधिकारी या कर्मचारी के घर जा रहे थे हस्ताक्षर के लिए यह एक गंभीर प्रश्न है?
फाइलों की तादाद एवं फाइलों में लिपटा हुआ पीला कपड़ा यह सब अंदेशीत करता है कि सरकारी कार्यालय में अमूमन लाल एवं पीले कपड़े का उपयोग किया जाता है फाइलों की गांठ बनाने के लिए तो यह बात मानी जा सकती है कि यह फाइलें सरकारी कार्यालय से ही एजेंट संतोष राठौर की गाड़ी में लोड हो रहे थे।
तस्वीरों में ध्यान से देखा जाए तो फाइलों की मात्रा बहुत ज्यादा है और गाड़ी जिला परिवहन कार्यालय के मुख्य गेट के सामने खड़ी है और एक व्यक्ति उसमें फाइलों को डाल रहा है और निकाल रहा है। सरकार द्वारा एजेंट प्रथा खत्म कर देने की बात कहती है बावजूद उसके कोरबा परिवहन कार्यालय में एजेंटों का ही बोलबाला है INN24 न्यूज़ यह प्रश्न करता है क्या यह सरकारी फाइलें थी या संतोष एजेंट राठौर पर इतने गंभीर आरोप लगने के बाद भी इतने तादाद में उसको काम मिलना एवं उसके काम को सुचारू रूप से परिवहन कार्यालय द्वारा पारित करना क्या सिर्फ और सिर्फ भ्रष्टाचार के दम पर ही?
हमने पहले भी खुलासा किया था कि किस तरह एजेंट संतोष राठौर जिला परिवहन कार्यालय में कंप्यूटर के आगे बैठकर अपने कामों को निपटा लिया करता था आज उसकी तक चल इतनी है कि वह परिवहन कार्यालय की फाइलों को अपनी गाड़ी की डिक्की में रख कर अपने कार्यालय या अपने निवास ले जाकर पूरे काम को निपटा सकता है।
दूसरे वीडियो में आप देखेंगे तो एक चर्चित आरटीओ एजेंट के गाड़ी में भी इतनी सारी फाइलें आपको देखने को मिलेंगे दबी जुबान में छोटे एजेंट ऐसा कहते हैं कि बड़े एजेंट जिनके पास प्रति माह लाखों के काम आते हैं उनको कार्यालय द्वारा विशेष पावर दिया गया है कि वह पूरी फाइल को अपनी गाड़ी में रख सकते हैं और साहब के घर पर भी उनसे हस्ताक्षर करवा सकते हैं, अब ऐसा क्यों होता है और किसके आधिकारिक परमिशन से होता है यह तो समझने वाली बातें हैं।
INN24 न्यूज़ कुछ प्रश्न जिला परिवहन कार्यालय में कार्यरत कर्मचारियों एवं जिला परिवहन अधिकारी शशिकांत कुर्रे सवाल करता है।
वीडियो एवं फोटो में दिखने वाले फाइलों को एक आरटीओ एजेंट अपनी गाड़ी में लेकर कैसे घूम सकता है?
क्या यह फाइलें आवेदन पत्र है तो फिर गेट के सामने खड़ा कर आरटीओ एजेंट इतनी सारी फाइलों को किस अधिकार से कार्यालय के अंदर ले जा रहा है ?
क्या कोरबा जिला में एक आम आदमी का काम सिर्फ आरटीओ एजेंट के सहारे ही हो रहा है?
इतनी सारी फाइलें क्या प्रतिदिन या प्रतिमाह एजेंटों द्वारा वारे नारे किए जाते हैं और अगर किसी मामले में आरटीआई लगाकर जानकारी चाही जाए तो आरटीओ कार्यालय द्वारा फाइल ना मिलने का एक औपचारिक बहाना क्यों दिया जाता है?
क्या फ़ाइल कार्यालय से बाहर जा सकता है जिसमे वहां की पूरी जानकारी होती है?
इतने गंभीर आरोप लगने के बाद भी जिला परिवहन अधिकारी शशिकांत कुर्रे एजेंट संतोष राठौर को कैसे कार्यालय में कार्य हेतु अनुमति प्रदान कर देते हैं साथ ही उनके साथ घनिष्ठता रखते हैं?
सरकारी फाइलों की हेराफेरी इतनी आसान है कि चंद एजेंटों की गाड़ियों के डिक्की में भी उनको रखा जा सकता है?
परीवाहन कार्यालय के सामने संचालित अवैध कब्जा दुकान में भी फाइल राखी जाती है किस अधिकार से?