Chhattisgarh

कलयुग के श्रवण कुमार डॉ कृष्ण कुमार अपनी मां को भारत दर्शन के लिए स्कूटर पर निकले हैं, एक लाख किलोमीटर की यात्रा कर चुके हैं

 

 

जगदलपुर ।आज के दौर में जहां लोग अपने बूढ़े माता-पिता को साथ रखने से कतराते है । ,वहां एक हिंदुस्तान में ऐसा भी पुत्र है जो अपनी मां के तीर्थ के लिए अपने नौकरी
व सब कुछ त्याग कर निकल पड़ा, भारत भ्रमण पर वो भी मामूली स्कूटर पर, ये कोई कहानी नहीं बिल्कुल सत्य है । कलयुग के श्रवण कुमार कर्नाटक के मैसूर से डॉ कृष्णमूर्ति कृष्ण कुमार अपनी मां यचूड़ा रत्नम्मा (75) को अपने पिता के 20 साल पुराने स्कूटर से पूरे देश की यात्रा कराने निकले हैं। आज जगदलपुर पहुंचने पर समाज सेवियों ने उनका माला पहना कर व शाल श्रीफल देकर उन्हें सम्मानित किया. । कृष्ण कुमार ने बताया कि उनके पिता का निधन हुए काफी अरसा हो गया ।. उनकी मां घरों के कामों में इतनी व्यस्त रहती थी कि वह पड़ोस के मंदिर में भी कामों के वजह से नहीं जा पायी थी ।. चर्चा मे उन्होंने बताया,
जब एक दिन उनके बेटे को यह बात पता चली. फिर क्या था,, बेटे ने अपने पिता के स्कूटर से 16 जनवरी 2018 को भारत दर्शन यात्रा पर निकलने का प्रण किया।

 

कर्नाटक के मैसूर के डॉ कृष्णमूर्ति कृष्ण कुमार और अपनी मां यचूड़ा रत्नम्मा के साथ यात्रा पर निकलने से पूर्व कृष्ण कुमार ने अपनी नौकरी से इस्तीफा दे दिया ।. अपने स्कूटर से केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, पांडिचेरी, गोवा, ओड़िशा, पश्चिम बंगाल, कन्याकुमारी होते हुए झारखंड छत्तीसगढ़ पहुंचे ।. कृष्ण कुमार ने बताया कि सेवा संकल्प यात्रा के तहत यह यात्रा चल रही है. । उन्होंने कहा कि अभी तक वह बाहर में कहीं भी खाना नहीं खाये हैं ।. हर जगह देश के मंदिर और मठ में रहने व खाने की व्यवस्था हो जाती है ।. कलयुग के श्रवण कुमार कर्नाटक से स्कूटर चला कर मां को लगभग 1 लाख किलोमीटर की यात्रा कर आज जगदलपुर पहुंचे ।
उनकी मां ने बताया कि सतयुग में एक श्रवण कुमार था। और कलयुग में मेरा बेटा है श्रवण कुमार है । ऐसे बेटे को जन्म देकर मै धन्य हूं।

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