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Paytm के नुकसान से किसे हुआ फायदा? जानना चाहते हैं तो देख लीजिए ये आंकडे

पेटीएम पेमेंट बैंक पर RBI के एक्शन के बाद देशभर के किराना कारोबारियों में पैनिक देखने को मिला है। इससे पहले बहुतों के लिए डिजिटल पेमेंट का मतलब था पेटीएम का क्यूआर कोड। लेकिन अचानक हुई आरबीआई की कार्रवाई के बाद किराना व्यापारी पेटीएम का विकल्प ढूंढने लगे हैं। 42 फीसदी से अधिक किराना स्टोर्स ऑलरेडी भारतपे, फोनपे, गूगलपे और मोबिक्विक की तरफ चले गए हैं। वहीं, 20 फीसदी किराना कारोबारी ऐसा करने की प्लानिंग कर रहे हैं।

भारतपे से बड़ी संख्या में जुड़ रहे नए व्यापारी

भारतपे के मर्चेंट साइन-अप्स में टियर-1, टियर-2 और टियर-3 कस्बों और शहरों में 100 फीसदी का इजाफा देखने को मिला है। मेट्रो सिटीज में कंपनी के मर्चेंट साइन-अप्स में 104 फीसदी की मंथली ग्रोथ देखी गई है। इसके अलावा, टियर-2 और टियर-3 शहरों में नए व्यापारियों के जुड़ने की संख्या में भी उछाल आया है। लाइव मिंट की रिपोर्ट के अनुसार, इसमें मंथ ऑन मंथ करीब 95 फीसदी का उछाल आया है। किराना क्लब द्वारा कराये गए सर्वे के अनुसार, 42 फीसदी भारतीय किराना स्टोर्स ने ऑलरेडी दूसरे पेमेंट ऐप्स का इस्तेमाल शुरू कर दिया है। रिपोर्ट के अनुसार, पहले पेटीएम के पास किराना स्टोर्स में 69 फीसदी बाजार हिस्सेदारी थी।

लोकल रिटेलर्स के बीच भी है ट्रस्ट इश्यू

सर्वे ने आगे बताया कि लोकल रिटेलर्स के बीच भी पेटीएम को लेकर ट्रस्ट इश्यू पैदा हो गए हैं। सर्वे के अनुसार, जिन रिटेलर्स ने दूसरे पेमेंट ऐप यूज करना शुरू कर दिया है या इसकी प्लानिंग कर रहे हैं, उनमें से 50 फीसदी रिटेलर्स फोनपे को चुन रहे हैं। 30 फीसदी गूगलपे की तरफ जा रहे हैं और 10 फीसदी भारतपे की तरफ जा रहे हैं।

किराना कारोबारियों के पास हैं कई ऑप्शंस

किराना क्लब के फाउंडर और सीईओ अंशुल गुप्ता ने कहा, ‘किराना कारोबारी अधिक चिंतित नहीं हैं, क्योंकि उनके पास वैकल्पिक पैमेंट ऑप्शन उपलब्ध हैं। हमारा हालिया सर्वे बताता है कि उन्होंने दूसरे पेमेंट ऐप्स का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है या इसकी प्लानिंग कर रहे हैं, ताकि परिचालन में कोई परेशानी नहीं आए।

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