Bilaspur Breaking: आपस में उलझे टीआई और तहसीलदार, टी आई पर तहसीलदार को थाने में पीटने का आरोप
Bilaspur : बिलासपुर के सरकंडा थाने में टीआई तोप सिंह ने नायब तहसीलदार पुष्पराज मिश्रा से मारपीट की थी। ये घटना थाना परिसर में लगे सीसीटीवी में कैद हो गई थी जो अब वायरल हो रहा। दोनों के बीच विवाद का ऑडियो भी सामने आया है। 17 नवंबर की रात गश्त पर निकले पुलिस जवानों और नायब तहसीलदार के बीच गाड़ी रोकने को लेकर विवाद हो गया था।
इस मामले में नायब तहसीलदार पुष्पराज मिश्रा ने आरोप लगाया था कि उनके साथ पुलिस जवान ने गाली-गलौज की थी। इस दौरान उनके साथ कार में पिता और भाई भी सवार थे। विरोध करने पर पुलिस के जवान जबरन उन्हें और उनके भाई को सरकंडा थाना ले गए। यहां TI तोप सिंह ने उनके और उनके भाई के साथ मारपीट की।
बिना किसी कारण उन्हें मेडिकल परीक्षण के लिए सिम्स भेजा। इतना ही नहीं उनके खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाने का आरोप लगाकर झूठी FIR कर ली गई।
थाने में धक्कामुक्की और मारपीट
फोन पर बातचीत के बाद जब तहसीलदार थाने पहुंचे तो तोप सिंह की फिर बहस हो गई और टीआई ने पुष्पराज मिश्रा को थप्पड़ जड़ दिया। इस दौरान सरकंडा CSP सिद्धार्थ बघेल भी वहां मौजूद हैं। जो जेब में हाथ डालकर सबकुछ शांति से देख रहे थे।
TI ने कहा- तहसीलदार ने सिपाहियों के साथ बदतमीजी की
इस पूरे मामले में दैनिक भास्कर की टीम से बातचीत के दौरान II तोप सिंह ने कहा कि, नायब तहसीलदार ने उनके सिपाहियों के साथ बदतमीजी की थी। जिसके बाद उन्हें थाना लाया गया था। यहां जब उन्हें मेडिकल के लिए ले जाया जा रहा था तो वो मेडिकल नहीं कराने पर अड़ गए।
जिसके बाद उनके साथ धक्का-मुक्की हुई थी। वहीं इस मामले पर हमने CSP सिद्धार्थ बघेल का पक्ष जानने उन्हें भी कॉल किया, लेकिन उनकी ओर से कोई जवाब नहीं मिला।
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डैमेज कंट्रोल करने IG ने TI को किया लाइन अटैच
इस मामले में पुलिस कार्रवाई से पहले से ही प्रशासनिक सेवा संघ नाराज है। आज विरोध जताने के लिए एक दिवसीय सामूहिक अवकाश भी लिया गया है। इस बीच बिलासपुर IG डॉ. संजीव शुक्ला ने सरकंडा TI तोप सिंह को लाइन अटैच कर दिया है। वहीं एसपी से तीन दिन के भीतर पूरे मामले में रिपोर्ट भी मांगी है।
ऑडियो-वीडियो वायरल होने के बाद अब ये विवाद बढ़ता दिख रहा है। राज्य प्रशासनिक संघ ने भी पुलिस के खिलाफ मोर्चा दिया है। संघ की मांग है कि पूरे मामले में आरोपी पुलिसवालों के खिलाफ केस दर्ज किया जाए। दुर्व्यवहार की शिकायत कलेक्टर, डीजीपी, राजस्व सचिव के साथ ही विभागीय मंत्री से की गई है।