स्वच्छता सबसे महत्वपूर्ण आदत है जिसे कोई भी अपना सकता है, क्योंकि स्वच्छता और स्वास्थ्य एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। अगर आप साफ-सुथरे हैं, तो आप कई बीमारियों से लड़ सकते हैं और उन्हें रोक सकते हैं, खासकर संक्रामक बीमारियों से। इसके अलावा, स्वच्छता आपके शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य को बढ़ाती है।अपने शरीर को साफ रखने से बैक्टीरिया या वायरस से होने वाली बीमारी और संक्रमण को रोकने में मदद मिलती है। हमारे उदाहरण की तरह, नियमित रूप से अपने हाथ धोने का सरल कार्य कीटाणुओं को फैलने से रोकने का एक प्रभावी तरीका है।
स्वच्छता हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण पहलु है जो एक स्वस्थ और स्वच्छ वातावरण सुनिश्चित करता है। हर व्यक्ति के लिए उनके आस-पास स्वच्छता बनाए रखना ज़रूरी है, चाहे वो उनका घर हो, उनकी वर्कप्लेस हो या समुदाय हो। एक साफ वातावरण न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है, बल्कि मानसिक और भावनात्मक आराम भी प्रदान करता है।स्वच्छता हमारे स्वास्थ्य और खुशहाली के लिए बहुत ज़रूरी है । इसका मतलब है कि हम अपने आस-पास और खुद को गंदगी और कीटाणुओं से मुक्त रखें। जब हम स्वच्छता बनाए रखते हैं, तो हम बीमारियों से दूर रहते हैं और एक सुखद वातावरण बनाते हैं। साफ-सुथरे घर और सड़कें हमें सकारात्मक और ऊर्जावान महसूस कराती हैं।
उपरोक्त सभी तथ्यों के मद्दे नजर इंडस पब्लिक स्कूल दीपका के विद्यार्थियों ने दीपका क्षेत्र के अलग-अलग क्षेत्र में जाकर नुक्कड़ नाटक के माध्यम से स्वच्छ भारत स्वच्छ भारत का महत्वपूर्ण संदेश दिया। नुक्कड़ नाटक के माध्यम से विद्यार्थियों ने बहुत ही शानदार अभिनय कर क्षेत्र वासियों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करने का प्रयास किया।
इस नुक्कड़ नाटक टीम में लगभग 35 से 40 विद्यार्थियों ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। नुक्कड़ नाटक के विशेष परिधान में जिसमें सफेद कुर्ता एवं लाल दुपट्टे तथा काला पेंट में विद्यार्थी अपनी अलग ही छवि प्रस्तुत कर रहे थे। सभी विद्यार्थियों ने गोल घेरा बनाकर अपने-अपने अभिनय का बहुत ही शानदार प्रदर्शन किया । विभिन्न नारों के माध्यम से लोगों को स्वच्छता का महत्व बताने का प्रयास किया। विद्यार्थियों ने नुक्कड़ नाटक के माध्यम से बताने का प्रयास किया कि यदि हमारे आसपास का वातावरण अस्वच्छ है तो हमें कितनी परेशानी हो सकती है साथ ही आसपास के रह वासियों को भी इसे कितनी सुविधा होती है जाने अनजाने में हम कई प्रकार की बीमारियों से ग्रस्त हो जाते हैं । स्वच्छता हर हाल में आवश्यक है एवं स्वच्छता सबको पसंद है। विद्यार्थियों के नुक्कड़ नाटक को सभी क्षेत्र वासियों ने भरपूर आनंद लिया।
विद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर संजय गुप्ता ने कहा कि हमारे आस-पास और पर्यावरण की सफाई सामाजिक और बौद्धिक स्वास्थ्य के लिए ज़रूरी है । हमें स्वच्छता के साथ कभी समझौता नहीं करना चाहिए। माता-पिता और शिक्षकों को बच्चों को स्वच्छता की आदत डालने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए और इसे अपने जीवन का हिस्सा बनाना चाहिए। स्वच्छता किसी और की ज़िम्मेदारी नहीं है,बल्कि हम सब की जिम्मेदारी है।
स्वच्छता हमारे स्वास्थ्य और सेहत के लिए बहुत ज़रूरी है। इसका मतलब है अपने आस-पास और खुद को गंदगी और कीटाणुओं से मुक्त रखना। जब हम स्वच्छता बनाए रखते हैं, तो हम बीमारियों से दूर रहते हैं और एक सुखद वातावरण बनाते हैं। साफ-सुथरे घर और सड़कें हमें सकारात्मक और ऊर्जावान महसूस कराती हैं। इसके अलावा, स्वच्छता का मतलब सिर्फ़ स्वच्छ वातावरण ही नहीं बल्कि व्यक्तिगत स्वच्छता भी है। नियमित रूप से हाथ धोना, दाँत साफ करना और नहाना ज़रूरी है। समाज में, स्वच्छता हानिकारक बैक्टीरिया और वायरस के प्रसार को रोकती है, जिससे समग्र सामुदायिक स्वास्थ्य को बढ़ावा मिलता है। संक्षेप में, स्वच्छता हमारे अनुशासन और खुद के प्रति और अपने आस-पास के लोगों के प्रति सम्मान का प्रतिबिंब है।