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आई0पी0एस0 दीपका में आया सैंटा क्लॉस, दिया बच्चों को ऊपहार

हर त्यौहार हमें शत्रुनता व वैमनस्य को भूलाकर मित्रता एवं सत्यता का पाठ पढ़ाती है-डॉ. संजय गुप्ता।

दिसम्बर का महिना, फिजा में गुलाबी ठंड बहती है, फैली है हर ओर धुंध आया है सैंटा क्लॉस नाच उठे सब सुन कर जिंगल बेल की धुन। त्यौहारों का देश कहा जाने वाला देश भारत जहाँ हर त्यौहार बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है, चाहे वह धार्मिक त्यौहार हो चाहे राष्ट्रीय त्यौहार। दिसम्बर जो कि पूरे वर्ष का अंतिम समय अंतिम महिना है, ऐसे में जहाँ हम अपने पूरे वर्ष के कार्यों की समीक्षा कर, पुराने की विदाई हेतु भाव- विभोर रहते हैं, उसी समय जिंगल बेल की धुन पर सैंटा हमारे बीच क्रिशमस की सौगात लेकर नये वर्ष का स्वागत करता हमारे चेहरे पपर खुशियों के रंग बिखेरता हैं।

दीपका स्थित इंडस पब्लिक स्कूल में बड़े ही हर्षोल्लाष के साथ क्रिशमस का त्यौहार मनाया गया इस अवसर पर विद्यालय में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए। सर्वप्रथम क्रिशमस के पावन अवसर पर परंपरानुसार केक काटकर सभी को क्रिशमस की शुभकामनाऐं दी गई। बच्चों ने मनमोहक नृत्य एवं क्रिशमस गीतों की प्रस्तुती दी। छोटे बच्चों ने सैंटा का रूप धर माहौल को पूर्ण क्रिशमस मय बना दिया, ऐसा प्रतीत हो रहा था मानो आई0पी0एस0 के आंगन में सैंटा अपने बाल रूप में आकर सभी को खुशियों की सौगात दे रहा है।

छोटे-छोटे बच्चों ने सांता क्लास का मनमोहक रूप धारण कर सबको क्रिसमस की बधाइयां दी। सैंटा बने बच्चों ने अन्य विद्यार्थियों को चॉकलेट बांटकर क्रिसमस की खुशियां बांटी। इस अवसर पर शिक्षिका श्रीमती स्वाति सिंह ने अपने उद्बोधन में बच्चों को बताया कि क्रिशमस का त्यौहार प्रभु ईशा मसीह के जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता है, तथा श्री फैडरिक ने बताया कि निःस्वार्थ भाव से सेवा एवं सत्य के मार्ग पर सतत रूप चलना ही मानव का उद्देशय होना चाहिए।

श्रीमती रुमकी हालदार ने अपने उद्बोधन में कहा कि त्यौहार हमारे जीवन में खुशियों की लहर लेकर आते हैं। और वर्ष के अंत में जहाँ हम पुराने वर्ष को विदाई देते भाव- विभौर रहते है ऐसे में क्रिशमस हमारे चेहरे पर ताजगी व मुस्कान लाता है और वो उत्साह भरता है जिससे हम नये साल का स्वागत करते हैं। प्राचार्य डॉक्टर संजय गुप्ता ने अपने उद्बोधन में कहा कि अनेकता में एकता यह हमारी विशेषता है। सभी त्यौहारों से हमें जो शिक्षा मिलती हैं, उसे जीवन में आत्मसात करना चाहिए। हर त्यौहार हमें शत्रुनता व वैमनस्य को भूलाकर मित्रता एवं सत्यता का पाठ पढ़ाती है। हमें सच्चे दिल से हर त्यौहार को मनाना चाहिए उससे मिलने वाली सीख को अपने जीवन में लाना चाहिए। श्री संजय गुप्ता ने सभी को क्रिशमस एवं नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ दी।

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