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राइस मिलर्स परेशान, खुले में रखे है धान….

हर वर्ष राज्य शासन के द्वारा किसानों से खरीदे गए धान की कस्टम मिलिंग राइस मिलरो से कराया जाता है, किंतु इस वर्ष 21 qntl प्रति एकड़ से धान खरीदी के कारण पूर्व वर्ष से 40 प्रतिशत अतिरिक्त धान की खरीदी हुई है। जिले के राइस मिलरो के द्वारा अपनी क्षमता से अधिक धान का उठाव किया गया है, जिसके कारण जांजगीर चांपा जिले की समितियों में धान नही के बराबर बचा है। जिले मिलरो ने धान का उठाव कर अपने मिलो के गोदाम व बाहर में स्टैक लगा दिया है। लगातार बीच बीच में बारिश के कारण धान भीग कर खराब होने की संभावना बनी हुई है। राइस मिलों को धान की मिलिंग कर चांवल भारतीय खाद्य निगम में जमा करना होता है, किंतु इस वर्ष रैक नही लगने के कारण अरवा चांवल हेतु जगह उपलब्ध नहीं है, जिसके कारण धान की मिलिंग करने में मिलर असक्षम हो गए है। जिस गति से अरवा चांवल लिया जा रहा है, उस गति से चांवल अगले साल तक भी चला जाए तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी।

मार्कफेड के द्वारा लगातार धान उठाव और DO कटवाने के लिए दबाव बनाया जा रहा है किंतु चांवल जमा लेने के लिए उनके पास कोई प्लानिंग नही है। चांवल न जा पाने से और धान के उठाव के दबाव में राइस मिलर बीच में फंस गया है। अरवा चांवल अगर समय से नही जमा होगा तो आगे age test, discolor और डैमेज में फेल होने की संभावना बनी रहती है, इसी डर से मिलर्स लगातार चांवल जमा हेतु स्थान की मांग कर रहे है, किंतु भारतीय खाद्य निगम के द्वारा समस्त मांगो को अनसुना कर चांवल जमा हेतु स्थान नही बनाया जा रहा है। पूर्व वर्षो के लंबित भुगतान के कारण मिलर वैसे भी आर्थिक तंगी की मार झेल रहा है, उसके बाद ये चांवल का जमा न होना, एक गंभीर समस्या का कारण बन गया है।

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