कपास की इन 8 किस्मों की खेती कर, करे दिन दुगनी रात चौगुनी कमाई, जानिए जानकारी होगी छप्परफाड़ पैदावार
कपास की इन 8 किस्मों की खेती कर, करे दिन दुगनी रात चौगुनी कमाई, जानिए जानकारी होगी छप्परफाड़ पैदावार इस समय गेहूं की फसल कट चुकी है और कपास की बुवाई का समय शुरू हो गया है। ऐसे में जो किसान गेहूं के बाद कपास की खेती करना चाहते हैं उनके लिए कपास की बुवाई की कई शानदार किस्में हैं जो बेहतर पैदावार दे सकती है। कृषि वैज्ञानिकों ने अमेरिकन कपास या नरमा की खेती करने वाले किसानों के लिए सलाह भी जारी की है। इसके लिए कृषि वैज्ञानिकों द्वारा कपास की अनुशंसित किस्में लगाने की सलाह दी जा रही है।
इसी के साथ इसकी बुवाई में ध्यान रखने वाली जरूरी बातों के बारे में भी बताया जा रहा है। विभाग की ओर से राजस्थान के किसानों को 20 मई तक कपास की बुवाई करने के लिए कहा जा रहा है ताकि कपास में गुलाबी सुंडी का प्रकोप न हो। इसके साथ ही कपास की उन्नत किस्मों के बारे में भी बताया जा रहा है।
1. नरमा (कपास) की आर.एस. 2818 किस्म (RS of Narma (Cotton) 2818 variety)
नरमा आरएस किस्म से 31 क्विंटल प्रति हैक्टेयर तक पैदावार प्राप्त की जा सकती है। इसके रेशे की लंबाई 27.36 मिलीमीटर, मजबूती 29.38 ग्राम टेक्स आंकी गई है। टिंडे का औसत भार 3.2 ग्राम होता है। बिनौलों में 17.85 प्रतिशत तेल की मात्रा पाई जाती है। इसकी ओटाई 34.6 प्रतिशत आंकी गई है।
2. नरमा कपास की आर.एस. 2827 किस्म
नरमा (कपास) की आएस- 2827 किस्म से औसत 30.5 क्विंटल प्रति हैक्टेयर पैदावार प्राप्त की जा सकती है। इसके रेशे की लंबाई 27.22 मिलीमीटर व मजबूती 28.86 ग्राम व टेक्स आंकी गई है। इसके टिंडे का औसत वजन 3.3 ग्राम होता है। इसके बिनौले में तेल की मात्रा 17.2 प्रतिशत होती है।
3. नरमा (की आर.एस. 2013 किस्म
नरमा (कपास) की आरएस 2013 किस्म की ऊंचाई 125 से 130 सेमी होती है। इसकी पत्तियां मध्यम आकार की व हल्के हरे रंग की होती हैं। इसके फूलों की पखुड़ियों का रंग पीला होता है। यह किस्म 165 से 170 दिन में पककर तैयार हो जाती है। इस किस्म में गुलाबी सुड़ी द्वारा हानि अन्य किस्मों की अपेक्षा कम होती है। यह किस्म पत्ती मरोड़ विषाणु बीमारी के प्रति भी अवरोधी है। इस किस्म से प्रति हैक्टेयर 23 से 24 क्विंटल तक पैदावार प्राप्त की जा सकती है।
4. नरमा कपास की आरएसटी 9 किस्म
नरमा (कपास) की आरएसटी 9 किस्म के पौधे की ऊंचाई 130 से 140 सेमी होती है। इसकी पत्तियां हल्के रंग की होती हैं और फूल का रंग हल्का पीला होता है। इसमें चार से छह एकांक्षी शाखाएं होती हैं। इसके टिंडे का आकार मध्यम है जिसका औसत वजन 3.5 ग्राम होता है। यह किस्म 160 से 200 दिन में पककर तैयार हो जाती है। तेला (जेसिड) रोग से इस किस्म में कम हानि होती है। इस किस्म की ओटाई का प्रतिशत भी अन्य अनुमोदित किस्मों से ज्यादा है।
5. नरमा कपास की आर.एस. 810 किस्म
नरमा (कपास) की आर.एस. 810 किस्म के पौधे की ऊंचाई 125 से 130 सेमी होती है। इसके फूलों का रंग पीला होता है। इसके टिंडे का आकार छोटा करीब 2.50 से 3.50 ग्राम होता है। इसके रेशे की लंबाई 24 से 25 मिलीमीटर व ओटाई क्षमता 33 से 34 प्रतिशत होती है। यह किस्म 165 से 175 दिन में पककर तैयार हो जाती है। यह किस्म पत्ती मोड़क रोग की प्रतिरोधी है। इस किस्म से करीब 23 से 24 क्विंटल प्रति हैक्टेयर तक उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है।
6. नरमा कपास की आर.एस. 875 किस्म
नरमा (कपास) की आर.एस. 875 किस्म के पौधों की ऊंचाई 100 से 110 सेमी होती है। इसकी पत्तियां चौड़ी व गहरे हरे रंग की होती हैं। इसमें शून्य यानी जीरो से एक एकांक्षी शाखाएं पाई जाती है। इसके टिंडे का आकार मध्यम होता है और औसत वजन 3.5 ग्राम होता है। इसके रेशे की लंबाई 27 मिलीमीटर होती है। इसमें तेल की मात्रा 23 प्रतिशत पाई जाती है जो अन्य अनुमोदित किस्मों से अधिक है। इस किस्म की फसल 150 से 160 दिन में पककर तैयार हो जाती है। इससे उसी खेत में सामान्य समय पर गेहूं की बुवाई की जा सकती है।
7. बीकानेरी नरमा
बीकानेरी नरमा किस्म के पौधे की ऊंचाई करीब 135 से 165 सेमी होती है। इसकी पत्तियां छोटी, हल्के हरे रंग की होती है और फूल छोटे और हल्के पीले रंग के होते हैं। इसमें चार से छह एकांक्षी शाखाएं पाई जाती हैं। इसके टिंडे का आकार मध्यम और औसत वजन 2 ग्राम होता है। इसकी फसल 160 से 200 दिन में पककर तैयार हो जाती है। इस किस्म में तेला (जेसिड) से अपेक्षाकृत कम हानि होती है।
8. मरू विकास (राज, एच.एच. 6)
नरमा (कपास) की मरू विकास (राज, एच.एच. 6) के पौधों की ऊंचाई 100 से 110 सेमी. और पत्तियां चौड़े आकार की होती हैं। इसका रंग हरे रंग का होता है। इसमें शून्य यानी जीरो से एक एकांक्षी शाखाएं पाई जाती हैं। इसके टिंडे का आकार मध्यम और औसत वजन 3.5 ग्राम होता है। इसके रेशे की लंबाई 27 मिलीमीटर होती है। इसमे तेल की मात्रा 23 प्रतिशत पाई जाती है। इस किस्म की फसल 150 से 160 दिन में पककर तैयार हो जाती है। इससे उसी खेत में सामान्य समय पर गेहूं की बुवाई कर सकते हैं।
नरमा कपास की उन्नत किस्मों की बुवाई का तरीका
नरमा कपास की उन्नत किस्मों की बुवाई के लिए 4 किलोग्राम प्रति बीघा की दर से बीज की आवश्यकता होती है। बुवाई के दौरान कतार से कतार की दूरी 67.50 सेंटीमीटर तथा पौधे से पौधे की दूरी करीब 30 सेंटीमीटर रखनी चाहिए। नरमा की बुवाई का समय 15 अप्रैल से 15 मई तक माना जाता है लेकिन किसान मई के अंत तक इसकी बुवाई कर सकते हैं।
नोट : किसानों को सलाह दी जाती है कि वे अपने क्षेत्र के लिए अनुशंसित किस्मों की ही बुवाई करें, इसके लिए किसान अपने जिले के कृषि विभाग से संपर्क कर अनुशंसित किस्मों के बारे में और विस्तार से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।