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7 घंटे तक कुसमुंडा गेवरा टीपर मार्ग पर भुविस्थापितों ने किया चक्काजाम, प्रभावितों को SECL कुसमुंडा के अधिकारियों ने दिया आश्वाशन

भैसमाखार के भू विस्थापितों ने बसावट की मांग को लेकर माकपा के नेतृत्व में 7 घंटे किया चक्काजाम…25 को एलाटमेंट लेटर के साथ जिन भू विस्थापितों को नहीं मिला बसावट उन्हें बसावट देने का आश्वाशन दिया एसईसीएल ने..

कुसमुंडा क्षेत्र से प्रभावित ग्राम भैसमाखार के भू विस्थापितों ने बसावट की मांग को लेकर माकपा और किसान सभा के नेतृत्व में मनगांव के पास कुसमुंडा गेवरा बाईपास रोड में चक्काजाम कर दिया चक्काजाम सुबह 10 बजे शुरू हुआ जो 7 घंटे के बाद सभी भू विस्थापितों को बसावट के साथ एलाटमेंट लेटर देने के आश्वाशन के बाद समाप्त हुआ चक्काजाम की जानकारी होने पर कुसमुंडा थाना प्रभारी के साथ बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात था चक्काजाम से कोयले का परिवहन पूर्ण रूप से बंद हो गया था और ट्रकों की लंबी कतार लग गई थी। चक्काजाम में प्रमुख रूप से माकपा जिला सचिव प्रशांत झा पार्षद राजकुमारी कंवर किसान सभा के जिला अध्यक्ष जवाहर सिंह कंवर,दीपक साहू,जय कौशिक,देव कुंवर कंवर,सुमेंद्र सिंह ठकराल,रेशम यादव,दामोदर श्याम,रघु,अनिल बिंझवार, सुक्रिता,राजकुमारी बिंझवार,सरोज, घसनीन,संतोषी ने संबोधित किया।उल्लेखनीय है कि कुसमुंडा क्षेत्र अंतर्गत खदान विस्तार के लिए ग्राम भैसमाखार का अधिग्रण किया गया अधिग्रहण के बाद से भू विस्थापित परिवार बसावट और रोजगार के लिए भटक रहे हैं। एसईसीएल के साथ अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) कटघोरा से भी बसावट की मांग की गई पर भू विस्थापितों को उनका अधिकार नहीं मिल रहा था बल्कि एसईसीएल द्वारा गांव की पहचान को समाप्त करने की योजना बनाते हुए एक गांव के अंदर दूसरे गांव को जगह दिखा कर दो गांव के भू विस्थापितों को आपस में लड़वाना चाह रही है जिससे भू विस्थापितों में एसईसीएल के प्रति काफी आक्रोश है और अब बसावट की मांग और गांव की पहचान को बचाने को लेकर भू विस्थापितों ने सड़क पर उतर कर आंदोलन की शुरुवात कर दी है।माकपा जिला सचिव प्रशांत झा ने कहा कि जिले के किसी भी बसावट में एसईसीएल ने बुनियादी मानवीय सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराई है और बसावट के नियमों का भी पालन एसईसीएल ने नहीं किया है। ग्राम भैसमाखार के भू विस्थापितों को कुचेना के पास बसावट दिया गया है अब गांव वालों को आपस में प्रबंधन लड़वाना चाहती है जिसका माकपा विरोध करती है। बसावट गांव में गांव की पहचान और संस्कृति को जीवित रखने के लिए विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए लेकिन गांव की पहचान को समाप्त करने की कोशिश एसईसीएल प्रबंधन कर रहा है। जिससे गांव में तनाव की स्थिति निर्मित हो रही है और गांव की पहचान भी समाप्त होने का खतरा मंडराने लगा है। माकपा और किसान सभा भू विस्थापितों के आंदोलन के साथ खड़ी है और आगे बसावट की समस्या का समाधान नहीं होने पर उग्र आंदोलन भी किया जाएगा। आंदोलन में प्रमुख रूप से अमृता बाई, जायता,मंगली बाई,राजकुंवर,बंधन बाई। एसईसीएल ने दिया आश्वाशन25 सितंबर को भैसमाखार के प्रभावितों के साथ बैठक कर विस्थापितों को एलाटमेंट लेटर देने के साथ जिन्हें बसावट सुवधा का लाभ नहीं मिला है उन्हें बसावट देने का आश्वाशन एसईसीएल कुसमुंडा के एपीएम शरद मल्लिक और आर के बधावान ने दिया। (प्रेस विज्ञप्ति द्वारा प्रसारित खबर)

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