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सुस्ती बरतने वाले 7 तहसीलदारों पर गिरी गाज, बिलासपुर कलेक्टर ने क्यों जारी किया नोटिस ?

Bilaspur : बिलासपुर जिले में ऑनलाइन कृषक पंजीयन की धीमी प्रगति को लेकर अब प्रशासन सख्त हो गया है. एग्रीस्टेक परियोजना के तहत कृषकों के पंजीयन कार्य में लापरवाही बरतने पर बिलासपुर, बेलतरा, बिल्हा, मस्तूरी, सीपत, सकरी और तखतपुर के तहसीलदारों को शोकॉज नोटिस जारी किया गया है. दरअसल, राजस्व अधिकारियों की हाल ही में हुई समीक्षा बैठक में 15 मार्च 2025 तक कृषक पंजीयन शत-प्रतिशत पूरा करने का लक्ष्य दिया गया था. लेकिन अब तक की प्रगति संतोषजनक नहीं होने के चलते कलेक्टर ने नाराजगी जाहिर करते हुए 3 दिनों के अंदर स्पष्टीकरण देने का आदेश दिया है.

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लापरवाही पर होगी सख्त कार्रवाई

प्रशासन की ओर से जारी नोटिस में ये स्पष्ट किया गया है कि अगर तय समयसीमा के अंदर संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया या फिर रजिस्ट्रेशन के काम की गति में सुधार नहीं हुआ तो संबंधित तहसीलदारों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई प्रस्तावित की जाएगी.

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बाराद्वार नग
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प्रशासनिक ने अपनाया कड़ा रुख

गौरतलब है कि एग्रीस्टेक परियोजना शासन की महत्वपूर्ण योजनाओं में शामिल है, जिसका मकसद है कि ज़्यादा से ज़्यादा किसानों को डिजिटल प्लेटफॉर्म से जोड़ा जाए. इस परियोजना के तहत सभी किसानों का समयसीमा में रजिस्ट्रेशन को अनिवार्य किया गया है. लेकिन तहसील स्तर पर धीमी प्रगति के बाद प्रशासन ने अब कड़ा रुख इख्तियार किया है.

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कृषक पंजीयन में लेतलाली क्यों ? 

अब तक के आंकड़ों के अनुसार, जिले की औसत प्रगति उम्मीद से कम है. इसे देखते हुए कलेक्टर ने तहसीलवार समीक्षा कर लापरवाह अधिकारियों पर कार्रवाई शुरू की है.

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