हैवी ब्लास्टिंग से भरभराकर गिरा घर का छज्जा बाल-बाल बचा परिवार, ग्रामीणों में दहशत
भागवत दीवान
कोरबा– कोयला उत्पादन का टारगेट पूरा करने खदानों में हैवी ब्लास्टिंग की जा रही हैं। ऐसे ही एक मामले में कुसमुंडा खदान से लगे गांव में हैवी ब्लास्टिंग की गई। ब्लास्टिंग से मकान का छज्जा भरभरा कर गिर गया। सुखद पहलू यह रहा कि मकान में कोई नहीं था अन्यथा बड़ी दुर्घटना हो सकती थी। इस घटना के बाद से ग्रामीणों में भारी दहशत है।
बुधवार को कुसमुंडा खदान से लगे बरपाली ग्राम के ग्रामीणों ने ब्लास्टिंग से परेशान होकर अन्य स्थान पर विस्थापन की मांग को लेकर खदान बंद करा दिया। लगभग 4 घंटे बाद प्रबंधन ने आगामी 5 मार्च को बैठक कर निराकरण की बात कही इधर कुसमुंडा खदान में ब्लास्टिंग कम करने घरों में दरार पडऩे की शिकायत पर प्रबंधन के अधिकारी ब्लास्टिंग कम करने का आश्वासन दे ही रहे थे कि उधर बरपाली गांव में ब्लास्टिंग के दौरान एक घर का छप्पर भरभरा कर गिर गया। घर के मुखिया हरी दास की पत्नी ने बताया ककि उसकी दोनों बेटी दोपहर में अपने बच्चें के साथ घर के कमरे में सो रही थी, थोड़ी देर बाद पड़ोस में रहने वाले कमलेश नामक युवक आया और आवाज देने लगा, उसकी आवाज सुनकर सभी उठ गए और कमरे से बाहर निकल आए। थोड़ी देर बाद कमरे का छप्पर भरभरा कर
जमीन पर गिर गया। सभी दौड़ कर कमरे की ओर आए और देखा कि कमरे का पूरा का पूरा छप्पर जमींदोज हो गया। सभी भगवान का शुक्रिया अदा करने लगे की किसी को कोई चोट नहीं लगी, वरना किसी बड़े हादसे से इंकार नहीं किया जा सकता था। बताया जा रहा है की कुसमुंडा खदान की ब्लास्टिंग की वजह से घर की छप्पर गिरी है। मेदनी बाई ने बताया कि उनके घर पर भी दीवार पर बड़ी बड़ी दरारें हैं, घर की सीट भी टूट रही है। कुसमुंडा खदान से लगे सभी ग्रामों का यही हाल है। बरपाली के साथ साथ पाली पडनिया जटराज इत्यादि ग्रामों में आए दिन ब्लास्टिंग से घर टूट रहे हैं, जल्द से जल्द अगर इन गावों का विस्थापन नही हुआ हुआ तो आने वाले समय में अनहोनी से इंकार नही किया जा सकता।
लगातार खदान बंदी के हो रहे आंदोलन
बढ़ते कोल उत्पादन के बीच खदान प्रभावितों की समस्याएं भी बढ़ रही है। आंदोलनकारियों को देने वाले आश्वासन के पुल पर डिस्पेच हो रहे कोयले के आंकड़े बेशक आज नित नए कीर्तिमान गढ़ रहे हैं। परंतु केवल आश्वासन के भरोसे आखिर कब तक खदान चलेगा। उत्पादन के साथ- साथ विस्थापन, बसावट और रोजगार के मुद्दो पर काम करना होगा। कुसमुंडा परियोजना में नित प्रतिदिन खदान बंद कर आंदोलन देखे जा रहे हैं, यह आंदोलन किसी एक व्यक्ति या किसी एक संगठन के द्वारा नहीं किया जा रहा है। यह आंदोलन हर क्षेत्र हर संगठन हर प्रभावितों के द्वारा किया जा रहा है । कुसमुंडा खदान विस्तार से प्रभावित लोग बेहद परेशान और दुखी हैं । रोजगार विस्थापन बसावट की मांग को लेकर आए दिन आंदोलन हो रहे हैं जो गांव खदान से बेहद करीब है वे खदान में होने वाले ब्लास्टिंग की परेशानियों से जूझ रहे हैं।