शासकीय आदर्श महाविद्यालय कोरबा में वार्षिक क्रीड़ा प्रतियोगिता का हुआ आयोजन,छात्र छात्राओं ने विभिन्न खेल कूद में लिया भाग
शासकीय आदर्श महाविद्यालय कोरबा में वार्षिक क्रीड़ा प्रतियोगिता का हुआ आयोजन, छात्र छात्राओं ने विभिन्न खेल कूद में लिया भाग..
शासकीय आदर्श महाविद्यालय कोरबा में मंगलवार 24 दिसंबर 2024 को वार्षिक कीड़ा प्रतियोगिता महाविद्यालय के प्राचार्य श्रीमती आसमा सिंह के संरक्षण एवं मार्गदर्शन में तथा क्रीड़ा प्रभारी विरेन्द्र श्रीवास के निर्देशन एवं नेतृत्व में सम्पन्न हुआ। महाविद्यालय द्वारा प्रतिवर्ष की तरह इस वर्ष भी आयोजित वार्षिक क्रीड़ा प्रतियोगिता में छात्र -छात्राओं एवं सहायक प्राध्यापकों/ अतिथि व्याख्याता/ सहायक अतिथि व्याख्याता ने बड़े उत्साह के साथ खेलों में भाग लेकर प्रतियोगिता का भरपूर आनंद उठाया। क्रीड़ा प्रतियोगिता में छत्तीसगढ़ की पारंपरिक खेलों को बढ़ावा देने के लिये फुगड़ी, चम्मच दौड़, थ्री लेग रेस, गिल्ली डंडा, धीमी सायकल रेस प्रतियोगिता कराई गई।
महाविद्यालय के प्राचार्य श्रीमती आसमा सिंह ने प्रतियोगिता का उदघाटन करते हुए कहा कि कोई भी खेल हो, जीवन मे आंनद भर देता है।खेल खेलने से शारीरिक एवं मानसिक विकास के साथ -साथ टीम भावना, सामाजिकता ,नेतृत्व क्षमता का विकास भी होता है। खेल चिंता एवं तनाव को दूर कर शरीर को स्वस्थ बनाता है। प्राचार्य मेडम ने विद्यार्थियों एवं स्टाफ को क्रीड़ा प्रतियोगिता का भरपूर आनंद उठाने के लिये कहा। जितने भी खेल विधा है उसमें बढ़ चलकर हिस्सा लेवें ,अनुशासित रहें ,प्रतियोगिता के उद्देश्य को सफल बनाकर महाविद्यालय के विकास में योगदान देवें।
महाविद्यालय के क्रीड़ा प्रभारी डॉ विरेन्द्र श्रीवास ने आज खेली जाने वाली समस्त खेल प्रतियोगिता का परिचय देकर उनके नियमों जैसे – किस खेल को कैसे खेलना है, एकल या समूह में खेलना है,कैसे विजेता का निर्णय किया जाएगा ,इसके साथ ही खेलों का जीवन में क्या महत्व है, कैसे खेल मनुष्य के जीवन को खुशियों से भर देता है, किस प्रकार खेल व्यक्ति का सम्पूर्ण विकास में सहायक होता है , विस्तार पूर्वक बताया गया।
“फुगड़ी” छत्तीसगढ़ की लोकप्रिय पारंपरिक खेल है जो विशेषकर गांवों में मनोरंजन के लिये महिलाओं द्वारा खेली जाती है,यह खेल महिलाओं के शारिरिक विकास के लाभदायक होता है। फुगड़ी प्रतियोगिता में विद्यार्थी वर्ग में प्रथम स्थान अभिषेक नायक , द्वितीय स्थान नेहा विश्वास ,तृतीय स्थान रजत सिंह खैरवार ने प्राप्त किया तथा स्टाफ में प्रथम स्थान अतिथि व्याख्याता रविकांत को , द्वितीय स्थान अतिथि व्याख्याता रितेश यादव को, तृतीय स्थान अतिथि व्याख्याता कुंदन कर्ष को मिला।
“थ्री लेग रेस ” एक लोकप्रिय समूह खेल है, इस खेल में दो व्यक्ति एक-दूसरे के साथ बंधे होते हैं, जहां दोनों के एक ही पैर एक-दूसरे से बांधे जाते हैं। इसका मुख्य उद्देश्य दोनों खिलाड़ियों का मिलकर अपने बंधे हुए पैर के साथ दौड़ना और रेस को जितना होता है। यह खेल सामूहिक समन्वय और टीमवर्क को बढ़ावा देता है।इस प्रतियोगिता में पुरुष वर्ग छात्र में प्रथम स्थान प्रियांशु चौहान एवं रघुवीर ,द्वितीय स्थान विमल जांगड़े एवं विनीत सिंह ,तृतीय स्थान साहिल धुरी एवं रजत सिंह खैरवार ने प्राप्त किया । महिला वर्ग छात्रा में प्रथम स्थान जागृति एवं मेघा दिवाकर,द्वितीय स्थान यामिनी गबेल एवं रचना चौहान,तृतीय स्थान ज्योति रतन एवं संजना साहु ने प्राप्त किया। स्टाफ पुरुष वर्ग में प्रथम स्थान वीरेंद्र श्रीवास एवं सूरज पटेल को , द्वितीय स्थान रोशन पांडे एवं कुंदन कर्ष को,तृतीय स्थान सुनील पटेल एवं सुरेश श्रीवास को तथा स्टाफ महिला वर्ग में प्रथम स्थान रोशनी राठौर एवं प्रिया कौर ,द्वितीय स्थान अनम खान एवं सुमित्रा कर्ष ,तृतीय स्थान तृप्ति साहू एवं धीरेन्द्री राठिया ने प्राप्त किया ।
“गिल्ली -डंडा ” खेल पुरुष वर्ग में प्रचलित है। लकड़ी से बने हुये गिल्ली एवं डंडा गांवों में मनोरंजन का एक प्रमुख साधन होता है , इसमें खिलाड़ी डंडा से गिल्ली को पूरे ताकत एवं तकनीक से मारता है जो हवा में उछलकर दूर चला जाता है। इस खेल में गिल्ली जितना अधिक हवा में उछलकर जमीन पर गिरता है उसको उतना ही अधिक अंक मिलता है। इस प्रतियोगिता में विद्यार्थी पुरुष वर्ग में प्रथम स्थान विनीत सिंह,द्वितीय स्थान रघुवीर , तृतीय स्थान साहिल धुरी ,स्टाफ पुरुष में प्रथम स्थान दीपक सिंह टेकाम, द्वितीय स्थान रजत ,तृतीय स्थान सुनील पटेल ने प्राप्त किया तथा महिला वर्ग विद्यार्थी में प्रथम स्थान नारायणी साहू को , द्वितीय स्थान जागृति चन्द्रा को, तृतीय स्थान मेघा दिवाकर को मिला।
चम्मच दौड़ एक मजेदार खेल है। इस खेल में प्रत्येक खिलाड़ी को एक चम्मच पर एक वस्तु (अक्सर कंचा) रखना होता है और उसे एक निश्चित दूरी तक बिना गिराए दौड़ना होता है। जो खिलाड़ी सबसे पहले बिना कंचा गिराए लाइन तक पहुंचता है, वही विजेता होता है। यह संतुलन, सटीकता और तेज़ी की क्षमता का खेल है।इस प्रतियोगिता में विद्यार्थी पुरूष वर्ग में प्रथम स्थान विमल जांगड़े , द्वितीय स्थान रजत सिंह खैरवार, तृतीय स्थान शशीकांत ने प्राप्त किया , महिला छात्रों में प्रथम स्थान सेविता रात्रे, द्वितीय स्थान जागृति ऊ,तृतीय स्थान मेघा दिवाकर को प्राप्त हुई तथा स्टाफ पुरुष वर्ग में प्रथम स्थान रविकांत को , द्वितीय स्थान वीरेंद्र श्रीवास को, तृतीय स्थान सुरेश श्रीवास को मिला। महिला स्टाफ में प्रथम स्थान सुमित्रा कर्ष ,द्वितीय स्थान अनम खान ,तृतीय स्थान प्रिया कौर को प्राप्त हुई।
“धीमा सायकल रेस” में साइकिल चालक धीमी गति से रेस करते हैं। यह रेस तेजी से नहीं बल्कि संयमित गति से होती है, जिससे साइकिल चालक अपनी संतुलन क्षमता और शारीरिक सहनशक्ति पर ध्यान केंद्रित करते हैं। धीमी सायकल रेस मानसिक एकाग्रता और संतुलन की महत्वपूर्ण परीक्षा होती है। इस प्रतियोगिता में विद्यार्थी पुरुष वर्ग में प्रथम स्थान रजत सिंह खैरवार , द्वितीय स्थान विनीत सिंह, तृतीय स्थान ओम राठौड़ ने प्राप्त किया तथा महिला वर्ग विद्यार्थी में प्रथम स्थान मेघा दिवाकर को , द्वितीय स्थान यामिनी गबेल को,तृतीय स्थान संजना साहु को तथा स्टाफ पुरुष में प्रथम स्थान सुनील पटेल ,द्वितीय स्थान श्री रमेश मौर्य ,तृतीय स्थान केशव जायसवाल ने प्राप्त किया तथा स्टाफ महिला वर्ग में प्रथम स्थान प्रिया कौर को , द्वितीय स्थान अनम खान को ,तृतीय स्थान तृप्ति साहू को मिली।
अंत में सभी विजेता प्रतिभागियों को मेडल एवं प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। इस प्रकार वार्षिक क्रीड़ा प्रतियोगिता महाविद्यालय के अलग अलग खेल विधा के संयोजकों में अतिथि व्याख्यातागण श्री रविकांत , श्री रौशन पाण्डे, मो. नदिम अंसारी, डॉ (श्रीमती) ललिता प्रजापति, डॉ (श्रीमती) अंजु दिवाकर एवं समस्त अतिथि व्याख्याता सदस्य ,कर्मचारी स्टाफ,एनएसएस स्वयं सेवक, एनसीसी कैडेट,स्पोर्ट्स के छात्र -छात्राओं के सम्मिलित सहयोग से सफल एवं सम्पन हुआ।