
अब लोग ज्यादातर कंटेंट मोबाइल पर ही देखते हैं। जिसके कारण टीवी दर्शकों की संख्या कम हो रही है, ऐसे में सरकार ने अब सीधे मोबाइल पर टीवी प्रसारित करने की योजना बनाई है, ताकि आप बिना इंटरनेट के भी मोबाइल पर टीवी चैनल देख सकें। आख़िरकार, सरकार की ‘डायरेक्ट टू मोबाइल टीवी’ योजना क्या है?
वर्तमान में, चैनल आपके घर पर डिश कनेक्शन के माध्यम से सीधे टीवी पर प्रसारित किए जाते हैं। इस ‘डायरेक्ट 2 होम’सुविधा की तर्ज पर सरकार अब ‘डायरेक्ट 2 मोबाइल’ सेवा शुरू करने की योजना बना रही है। यानी आप अपनी टीवी स्क्रीन की बजाय सीधे मोबाइल स्क्रीन पर ही टीवी चैनल देख सकेंगे। जिससे टेलीकॉम कंपनियों को बड़ा झटका लग सकता है.
जियो, एयरटेल और वोडाफोन आइडिया के कई ग्राहक सिर्फ मनोरंजन सामग्री देखने के लिए फोन पर इंटरनेट डालते हैं। ऐसे में अगर लोगों को सिर्फ मोबाइल पर ही डायरेक्ट टीवी की सुविधा मिलेगी तो कंपनियों को इंटरनेट इस्तेमाल करने वाले उपभोक्ताओं से हाथ धोना पड़ सकता है। हालाँकि इसके कुछ फायदे भी होंगे…
सरकार की ‘D2M’ योजना
सरकार ने ऐसी तकनीक का परीक्षण करने की अनुमति दे दी है, जो लोगों की मोबाइल स्क्रीन पर टीवी चैनल प्रसारित करेगी, जैसा कि वर्तमान में केबल कनेक्शन या डी2एच के माध्यम से किया जाता है। इस दिशा में आईआईटी कानपुर और दूरसंचार विभाग तथा सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय मिलकर काम कर रहे हैं।
हालांकि, मामले की जानकारी रखने वाले सरकारी सूत्रों का कहना है कि इस तकनीक का अभी परीक्षण किया जा रहा है। अंतिम निर्णय टेलीकॉम ऑपरेटरों और अन्य हितधारकों के साथ चर्चा के बाद लिया जाएगा।
देश में 80 करोड़ स्मार्टफोन यूजर्स हैं
वर्तमान में, देश में टीवी की पहुंच लगभग 22 करोड़ घरों तक है, जबकि देश में स्मार्टफोन उपयोगकर्ताओं की संख्या 80 करोड़ है, जो 2026 तक बढ़कर 100 करोड़ होने की संभावना है। फिलहाल फोन पर इंटरनेट का 80 फीसदी इस्तेमाल वीडियो के लिए होता है, ऐसे में फोन पर टीवी देखने की सुविधा देना बाजार में बड़ा गेम चेंजर साबित होगा। वहीं, सरकार ने प्रस्ताव दिया है कि ब्रॉडकास्ट कंपनियां ब्रॉडबैंड सुविधाएं भी मुहैया करा सकती हैं। इससे मोबाइल नेटवर्क कॉल आदि के लिए फ्री रहेगा और कॉल ड्रॉप की समस्या भी कम होगी।
टेलीकॉम कंपनियों का विरोध, अगले हफ्ते बड़ी बैठक
ज्यादातर टेलीकॉम कंपनियां सरकार के इस प्रस्ताव के खिलाफ हैं, क्योंकि इससे उनके डेटा रेवेन्यू पर असर पड़ेगा. अधिकांश कंपनियों का डेटा उपयोग केवल वीडियो पर होता है और इस प्रस्ताव से कंपनियों के 5G विस्तार में भी बाधा आएगी।
डायरेक्ट 2 मोबाइल सेवा को लेकर अगले सप्ताह एक बड़ी बैठक होने वाली है। इसमें दूरसंचार विभाग के अलावा सूचना प्रसारण मंत्रालय और आईआईटी कानपुर के अधिकारी शामिल होंगे। इसके साथ ही टेलीकॉम और ब्रॉडबैंड इंडस्ट्री के प्रतिनिधि भी इस बैठक में शामिल हो सकते हैं.