कोरबा / SECL कुसमुंडा कर्मचारियों की सुरक्षा को लेकर श्रमिक संगठनों ने किया विशाल प्रदर्शन, जीएम ने खदान में अनाधिकृत प्रवेश रोकने और कड़ी कार्यवाही करने किया आस्वस्त…
कोरबा – कुसमुण्डा खदान में बड़े पैमाने पर हो रहे कोयला, डीजल एवं कबाड़ चोरी को रोकने एवं कर्मचारियों को अविलंब सुरक्षा मुहैया कराने के संबंध में कुसमुंडा क्षेत्र के श्रमिक संगठनों ने संयुक्त रूप से कुसमुंडा महाप्रबंधक कार्यालय के सामने आज गुरुवार को विशाल धरना प्रदर्शन करते हुए प्रबंधन को ज्ञापन सौंपा, प्रदर्शन की सूचना मिलते ही कुसमुंडा जीएम संजय मिश्रा स्वयं मुख्य गेट के समाने पहुंचे और संगठन प्रमुखों से वार्तालाप करते हुए उन्हें सहयोग करने आस्वस्त किया। संयुक्त श्रम संगठन का कहना है की कुसमुण्डा खदान में आये दिन कोयला, डीजल एवं कबाड़ की चोरी बड़े पैमाने पर हो रही है और न केवल चोरी हो रही है बल्कि कार्यरत कर्मचारियों के साथ छीना झपटी व मारपीट की जा रही है। ऐसे भय के वातावरण में सुरक्षा के साथ कार्य करना हम सभी के लिये बहुत ही मुश्किल है, हम असुरक्षित वातावरण में कार्य करने पर मजबूर हैं। विगत कुछ दिनों में घटनाओं की बाढ़ सी आ गई है, दिनांक 06.03.2023 को अज्ञात कैम्पर गाड़ी द्वारा डीजल चोरी किया गया साथ ही 06 नं. बूम बैरियर तोड़ कर कार्यरत कर्मचारियों को कुचलने का कोशिश करते हुये भाग गये, दिनांक 07.03.2023 को चोरों द्वारा चोरी की घटना को डंपर के आगे गाड़ी लगाकर बलपूर्वक डीजल चोरी को अंजाम दिया एवं कार्यरत कर्मचारी को जान से मारने की धमकी दी गई तथा 06 नं. बूम बैरियर तोड़ कर भाग गये, दिनांक 09.03.2023 को रात्रि पाली में चोरों द्वारा बरकुटा डंपिंग में पथराव किया गया साथ ही डोजर ऑपरेटर के साथ मारपीट कर मोबाईल छीन लिया गया। उक्त अप्रिय घटनाओं की जानकरी आपको भलि भाति है परंतु आपके द्वारा कोई ठोस कदम नही उठाया गया है, जिसके परिणाम स्वरूप कर्मचारियों में व्यापक रोष व्याप्त है. पूर्व में भी संयुक्त ट्रेड यूनियन (बीएमएस, इंटक, एचएमएस, एटक, सीटू) कुसमुण्डा क्षेत्र द्वारा लिखित रूप से आये दिन खदान परसिर में कर्मचारियों के साथ असमाजिक तत्वों द्वारा गाली-गलौज व मारपीट कर शासकीय मशीनों से डीजल की चोरी पर रोक-थाम लगाते हुये कर्मचारियों के जान-माल की रक्षा हेतु कारगर कदम उठाने के लिये अपील किया गया था, कुछ समय के लिये छुट-पुट घटनायें होती रही, परंतु आज पर्यन्त उक्त घटनाओं में कोई विराम नही लग पाया है. इस हेतु प्रशासनिक सहयोग क्यूँ नही लिया जा रहा है, ये समझ से परे है। उपरोक्त संदर्भ में यह भी अवगत कराना चाहेंगे कि आज कुसमुण्डा क्षेत्र में त्रिपुरा राइफल्स के सैकड़ो बंदूक धारी जवान तैनात हैं, इसके बावजूद भी चोरी पर विराम न लग पाना अपने आप में एक प्रश्न चिन्ह दर्शाता है कि आखिर क्यों कंपनी त्रिपुरा राइफल्स के सैकड़ो जवानों के खर्चे का बोझ उठा रही है।
इस धरना प्रदर्शन में प्रमुख रूप से बीएमएस, एटक, सीटू, इंटक, एचएमएस यूनियन के पदाधिकारी एवं सदस्य गण सैकड़ों की संख्या में उपस्थित रहें।