AAj Tak Ki khabarChhattisgarhKorbaTaza Khabar

आईपीएस दीपका में नेशनल मैथेमेटिक्स डे के उपलक्ष्य में हुए विविध क्रियाकलाप, विद्यार्थियों ने जाना जीवन में गणित का महत्व

गणित की जरूरत जिंदगी के प्रत्येक क्षेत्र में होती है चाहे वह चिकित्सा हो इंजीनियरिंग हो या रोजमर्रा की हमारी जरूरतें हो। गणित का योगदान तो अंतरिक्ष विज्ञान में बहुत ही महत्वपूर्ण होता है .. डॉ. संजय गुप्ता

नेशनल मैथेमेटिक्स डे भारतीय वैज्ञानिक श्रीनिवास रामानुजन के जन्म दिन के अवसर पर मनाया जाता है। इनके साथ ही आर्य भट्ट जी का योगदान भी गणित और अतुलनीय रहा जिन्होंने शून्य का लिखित इस्तेमाल आरम्भ किया । आज की पीढ़ी उन पदचिन्हों लर चलकर अपने भविस्य को साकार कर रही है । जिन रास्तों के निर्माण पूर्व के वैज्ञानिकों द्वारा किया गया । गणित हमारी आंकलन शक्ति को बढ़ाता है और जब हमारी बुद्धि सहीं व सटीक आंकलन करने में सक्षम होती है तब हम सहीं निर्णय भी कर सकते हैं । गणित का अर्थ जोड़ घटाओ गुना भाग तक ही सीमित नहीं बल्कि हर क्षेत्र में इसकी उपयोगिता रहती है । गणित बिना तो विज्ञान भी अधूरा है क्योकि विज्ञान के हर खोज में गणित की महत्वपूर्ण उपयोगिता होती है । गणित दिवस हमें गणित के करीब लाने के उद्देश्य से बना है ताकि लोगो के मध्य बेवजह के फैले भ्रांतियों को, भय को इस बहाने मिटाया जा सकें हालांकि नेशलन मैथेमेटिक्स डे महान वैज्ञानिक श्रीनिवास रामानुजन के जन्म दिन के अवसर पर मनाया जाता है चूंकि वह भारत के एक महान गणितज्ञ रहे ।

जिनके जन्म दिन के अवसर के बहाने गणित दिवस मनाना आरम्भ हुवा था । हमें भी श्रीनीवास रामानुजन तथा आर्यभट्ट की तरह सोच विचार अपने जीवन मे लाने की जरूरत है । वह कितने श्रेष्ठ विचार रखते होंगे जिनके पदचिन्हों पर पीढियां चला करती हैं । तो हमें भी लक्ष्य हमेशा ऊंचा रखना चाहिए क्योंकि लक्ष्य ऊंचा होगा तो लक्ष्य से सम्बंधित लक्षण स्वतः ही हमारे अंदर पनप जाएंगे जब हम अपने लिए ना जीकर समाज के लिए जीना आरम्भ करते हैं जब हम स्वार्थ से निस्वार्थ जीवन जीना आरम्भ करते हैं । जब हम मैं पन से हम की तरफ सोचने लगते हैं व खुद से ज्यादा अन्य की फिकर करने लगते हैं तब हम एक कदम उन श्रेष्ठ महान व्यक्तियों के कदम पर चलने लग पड़ते हैं । गणित एक अमूर्त निगमनात्मक प्रणाली है। जिस प्रकार मोरों में शिखा और नागों में मणि का स्थान सबसे ऊपर है उसी प्रकार सभी वेदांग और शास्त्रों में गणित का स्थान सबसे ऊपर है।महान गणितज्ञ गाऊस ने कहा था कि गणित सभी विज्ञानों की रानी है।गणित विज्ञान एवं प्रायोगिकी का एक महत्वपूर्ण टूल है। सभ्यता के इतिहास के पूरे दौर में गुफा में रहने वाले मानव के सरल जीवन से लेकर आधुनिक काल के बहुआयामी मनुष्य तक आते-आते मानव जीवन में धीरे-धीरे परिवर्तन आया है। साथ ही मानव ज्ञान-विज्ञान की एक व्यापक समृद्ध शाखा के रुप में गणित का विकास हुआ है। आज से 4000 वर्ष पहले बेबीलोन तथा मिस्र सभ्यताएँ गणित का इस्तेमाल पंचांग बनाने के लिए तथा ग्रहों के पथों का शुद्ध आलेखन और सर्वेक्षण के लिए तथा अंकगणित का प्रयोग व्यापार में रुपयों पैसों और वस्तुओं के विनिमय के लिए किया जाता था।

अक्सर कई लोगो के जहन में गणित को लेकर एक भय व असमंजस की स्थिति बनी हुई रहती है । कुछ तो इसे बोरिंग मानने लग जाते हैं । तो कुछ इसे कठिन मानने लगे जाते हैं । अंततः इस गणित विषय से समय के साथ मन मे भय व्याप्त होने से लोग इससे दूरी बनाते बनाते इससे दूर हो जाते हैं , जो उनको जीवन को और भी कठिन बना देता है । कुछ दशकों से गणित को लेकर अनेकों भ्रांतियां समाज मे फैली रहती है । खासकर विद्यार्थी वर्ग के मध्य की गणित कठिन विषय है , पर वास्तविकता यह है कि जीवन के हर दूसरे कदम पर हमें गणित की आवश्यकता पड़ती है । अब समय है इससे डरने के बजाए इसे समझकर अपने व्यावहारिक जीवन मे उतारने और प्रयोग करने का है, पर व्यावहारिक जीवन में इसकी उपयोगिता क्या है ? यह किसी को मालूम ही नहीं चलता । इस हिचकिचाहट को मन से मिटाने के उद्देश्य से आईपीएस दीपका ने बच्चों को गणित में दक्ष बनाने के उद्देश्य से मैथेमेटिक्स लैब की स्थापना विद्यालय में की है । जिस लैब में गणित के विभिन्न पहलुओं के संदर्भ में बच्चों को अच्छे से समझाया जाता है । नेशनल मैथेमेटिक्स डे के अवसर पर बच्चों को व्यावहारिक क्रियाकलाप के माध्यम से जोड़कर गणित दिवस से सम्बंधित विभिन्न क्रियाएँ जैसे-गणित प्रश्नोत्तरी, परछाई के माध्यम से ऊँचाई एवं दूरी ज्ञात करना और क्षेत्रफल ज्ञात कर आयतन ज्ञात करना सिखाया गया ।

विद्यालय मे आयोजित नेशनल मैथेमेटिक्स डे में हुए सभी कार्यक्रम का सफल संचालन में विद्यालय के गणित शिक्षक सुश्री सुमाना भूमिया, श्री देवगोपाल सामंता एवं सीसीए प्रभारी श्री हेमलाल श्रीवास ने बहुमूल्य योगदान दिया। मैथमेटिक्स डे पर आयोजित इस कार्यक्रम के अंतर्गत विद्यालय के प्राइमरी स्तर तक के विद्यार्थियों के लिए मैथमेटिक्स रेस का आयोजन किया गया ।विद्यालय में स्थापित सुसज्जित मैथ्स लैब में विद्यार्थियों ने मैथ्स के विभिन्न इंस्ट्रूमेंट का उपयोग कर विभिन्न एक्टिविटी कर मैथ के महत्व को जानने का प्रयास किया।

साथ ही मैथ्स क्विज कंपटीशन का आयोजन कक्षा सातवीं एवं आठवीं स्तर तक के विद्यार्थियों के लिए किया गया जिसमें विद्यार्थियों ने गणित से संबंधित विभिन्न रोचक सवालों का बेहतरीन जवाब देकर अपनी काबिलियत सिद्ध की। इस मैथ्स क्विज कंपटीशन में स्कोरर की भूमिका विद्यालय के हेड बॉय श्री दीपक बारे ने निभाई साथ ही स्मार्ट बोर्ड में सहयोगी के रूप में राहुल उनके साथ थे। प्रश्न पूछने का कार्य विद्यालय की गणित शिक्षिका कुमारी सुमोना भूनिया ने किया। सभी विद्यार्थियों को अलग-अलग समूह में विभाजित किया गया था। सारांश ग्रुप ने क्विज प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त किया एवं प्रयाग ग्रुप ने इस मैथ्स क्विज प्रतियोगिता में द्वितीय स्थान प्राप्त कर मुख्य अतिथि के हाथों सम्मान प्राप्त किया। विद्यालय में आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं में विजयी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम में पधारे अतिथि श्री आरके सिंह (सीनियर जीएम ,जेम्को) ने कहा कि गणित की जीवन में बहुत महत्वपूर्ण उपयोगिता है। आधुनिक मानव जीवन, गणित से अछूता रहकर जीवित रहना असम्भव तो नहीं लेकिन कठिन जरूर है। यदि कोई प्राणी बगैर गणित के ज्ञान के जीवित रहना चाहे तो उसका मनुष्य समाज में गिना जाना पूर्णत: असम्भव है। हालांकि हम अपने विचार भाषा के माध्यम से व्यक्त करते हैं लेकिन कुछ परिस्थितियाँ ऐसी आती हैं जहाँ गणित के ज्ञान के बगैर उनका समझना बहुत कठिन होता है। ऐसे समय गणित का ज्ञान बहुत महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। शिक्षा के पाठ्यक्रम में जितने भी विषय हैं, उनमें भाषा के बाद गणित को ही महत्व है।

इसी कारण शिक्षा के तीन रूप माने गये हैं : पढ़ना, लिखना एवं हिसाब। जिनके ज्ञान के बगैर व्यक्ति अनपढ़, निरक्षर, मूढ़ समझा जाता है। इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए भाषा एवं गणित को हाई स्कूल कक्षाओं तक अनिवार्य विषय बना दिया गया है।हमारी वर्तमान आर्थिक तथा सामाजिक सभ्यता, विज्ञान की देन है। विज्ञान गणित पर आधारित है। जब तक गणित का योगदान नहीं होगा, विज्ञान तिलभर भी आगे नहीं बढ़ेगा। अतः हम कह सकते हैं कि गणित हमारी इस आधुनिक प्रगति, विकास तथा सम्भता के भवन का स्तम्भ है जिसे अगर हटा लिया जाय तो यह वर्तमान सभ्यता, वैज्ञानिक प्रगति तथा समृद्धि का समस्त भवन ढह जायेगा।

अतिथि श्री कल्याण सरकार (चीफ मेडिकल ऑफिसर एनसीएच गेवरा) ने अपने उद्बोधन में कहा कि वर्तमान समय विज्ञान का युग है। इस युग में हमारा प्रतिदिन का व्यवहार पग–पग पर गणित से भरा पड़ा है। किसी भी बात के समझने तथा समझाने हेतु हमें गणित के ज्ञान का सहारा लेना पड़ता है। गणित को व्यापार का प्राण तथा विज्ञान का जन्मदाता कहा जाता है।

दैनिक जीवन में घर–बाहर, बाजार, दुकान, क्रय–विक्रय, आय–व्यय, सरकारी कर, डाक महसूल, बैंक ब्याज, घर का हिसाब, भवन निर्माण तथा इंजीनियरिंग का पूरा काम गणित पर ही आधारित रहता है। यहाँ तक कि डाक्टरों द्वारा दी गयी दवाओं की मात्रा तथा उन दवाओं का रासायनिक तत्वों का अनुपात भी गणित के द्वारा ही तय किया जाता है।मनोविज्ञान में भी बगैर गणित के कार्य नहीं चल सकता है। सांख्यकी का उपयोग मनोविज्ञान में बहुत महत्वपूर्ण है। सांख्यकी, बगैर गणित के एक कदम भी आगे नहीं रख सकती है। इसी तरह मापन तथा मूल्यांकन के लिए मनोविज्ञान में जितने भी टेस्ट तैयार किये हैं जो बुद्धि, व्यक्तित्व, रुचि, अभिरुचियाँ या दृष्टिकोण आदि मापन का कार्य करते हैं। उन सबमें गणित को अधिकतम उपयोगिता है। इसी तरह अन्य उपलब्धि परीक्षण एवं मानक परीक्षणों में भी गणित की सर्वोत्तम उपयोगिता है।

गणित विभाध्यक्ष श्री देव गोपाल सामंता ने कहा कि हमारी जिंदगी में हर जगह गणित है। हमारे खाने-पीने, पहनने-ओढ़ने, खरीददारी से लेकर आवागमन तक गणित समाया हुआ है। यदि हमारे विद्वानों ने गणित के महत्व को नहीं समझा होता तो शायद आज हम चाँद पर जिंदगी नहीं तलाश रहे होते। गणित हमारे जीवन का अनिवार्य अंग है।

सुश्री सुमाना भूनिया ने कहा कि अगर मैथ्स की बारीकी हमें मालूम ना हो तो शायद हम कुछ बड़ा ना कर पाएं। आज जितने भी वैज्ञानिक आविष्कार होते हैं हर आविष्कार के पीछे गणित का ही योगदान होता है। यदि आज हमने चांद पर अपनी पहुंच बनाई है तो उसके पीछे भी गणित की ही भूमिका है। गणित हमारे जीवन का अनिवार्य अंग है। गणित हमारे किचन में है, गणित हमारे साथ बाजार में है, गणित हमारे साथ विद्यालय में है, यत्र , तत्र सर्वत्र गणित ही गणित है।यह बहुत ही रोचक विषय है।

इंडस पब्लिक स्कूल दीपका के प्राचार्य डॉ. संजय गुप्ता ने कहा नेशनल मैथेमेटिक्स डे के अवसर पर बच्चों को व्यवहारिक गणितीय क्रियाकलाप के माध्यम से जोड़कर गणित से सम्बंधित विभिन्न क्रियाकलाप किये गए बच्चों के जहन में बेवजह व्याप्त गणित के प्रति भय को मिटाने की कोशिश की गई । महान गणितज्ञ वैज्ञानिक श्रीनिवास रामानुजन के जीवन कहानी को बतलाकर प्रेरित किया गया साथ ही गणित के ज्ञान को रटकर या किताबी ज्ञान की तरह सीमित ना रखते हुवे उसे व्यावहारिक जीवन मे उतारने हेतु प्रेरित किया गया । उन्होंने कहा कि गणित का उपयोग जीवन के हर क्षेत्र में हैं हमें इस बात को कभी नहीं भूलना चाहिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *