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कल है महाशिवरात्रि आइए जानते हैं महाशिवरात्रि पूजा का शुभ मुहूर्त

रिपोर्टर -सुकिशन कश्यप

शिव की रात्रि है महाशिवरात्रि इस साल महा शिवरात्रि का व्रत 8 मार्च को रखा जाएगा। मान्यता अनुसार, महाशिवरात्रि के दिन पूरे विधि-विधान से शिव जी की पूजा करने से जीवन के दुख-दर्द दूर हो जाते हैं।

वहीं, इस विशेष दिन पर शिवलिंग का रुद्राभिषेक करना पुण्यदायक माना जाता है। रुद्र अभिषेक का अर्थ है शिव के रुद्र रूप का अभिषेक। रुद्राभिषेक के दौरान महादेव के रुद्र अवतार की पूजा होती है। आइए जानते हैं महाशिवरात्रि पूजा का शुभ मुहूर्त, रुद्राभिषेक की विधि और मंत्र-

महा शिवरात्रि पूजा शुभ मुहूर्त
भगवान शिव का जलाभिषेक 8 मार्च की रात 9 बजकर 58 मिनट से आरंभ होगा।शिव रुद्राभिषेक-विधि संध्या के समय स्नान आदि से निवृत होकर सबसे पहले गणेश जी का ध्यान करें। इसके बाद भगवान शिव, पार्वती सहित सभी देवता और नौ ग्रहों का ध्यान कर रुद्राभिषेक करने का संकल्प लें। मिट्टी से शिवलिंग बनाएं और उत्तर दिशा में स्थापित करें। रुद्राभिषेक करने वाले व्यक्ति का मुख पूर्व दिशा की तरफ होना चाहिए। गंगाजल से शिवलिंग का अभिषेक करते हुए इस विधि की शुरुआत करें। सबसे पहले शिवलिंग को गंगाजल से स्नान करवाएं। इसके बाद गन्ने के रस, गाय के कच्चे दूध, शहद, घी और मिश्री से शिवलिंग का अभिषेक करें।

हर सामग्री से अभिषेक करने से पहले और बाद में पवित्र जल या गंगाजल चढ़ाएं। प्रभु पर बिल्व पत्र, सफेद चंदन, अक्षत, काला तिल, भांग, धतूरा, आंक, शमी पुष्प व पत्र, कनेर, कलावा, फल, मिष्ठान और सफेद फूल अर्पित करें। इसके बाद शिव परिवार सहित समस्त देवी-देवताओं की पूजा करें। प्रभु को भोग लगाएं। अंत में पूरी श्रद्धा के साथ शिव जी की आरती करें। अंत में क्षमा प्रार्थना करें। इस क्रिया के दौरान अर्पित किया जाने वाला जल या अन्य द्रव्यों को इकट्ठा कर घर के सभी कोनों और सभी लोगों पर छिड़के और इसे प्रसाद स्वरूप में भी ग्रहण कर सकते हैं। रुद्राभिषेक खासतौर पर विद्वान् पंडित से करवाना अत्यंत सिद्ध माना जाता है। हालाँकि, आप स्वयं भी रुद्राष्टाध्यायी का पाठ कर इस विधि को संपूर्ण कर सकते हैं।

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