Jharkhand

झरिया में छापेमारी में तीस टन कोयला हुआ बरामद..CISF और पुलिस के लिए अवैध कोयला कारोबारी बने सिरदर्द..

धनबाद से मनोज कुमार सिंह कि रिपोर्ट

धनबाद: धनबाद जिला में नए पुलिस कप्तान एचपी जनार्दनन के पदभार संभालते ही जहां कोयला चोरों में हड़कंप मचा हुआ है वही पुलिस के साथ मिलकर बीसीसीएल प्रबंधन व सीआईएसएफ भी अवैध कारोबारियों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की कार्रवाई कर रही है..जिला खनन टास्क फोर्स की टीम ने शनिवार को तिसरा थाना के डिपू धौडा़ में छापामारी कर लगभग तीस टन अवैध कोयला किया जप्त किया है।वहीं छापामारी की भनक लगते ही कोयला चोर भागने मे सफल रहे।सूत्रों की माने तो डिपू धौडा़ में यह कारोबार लगभग कई महीनों से लोकल नेता और स्थानीय धंधेबाजों की मिलीभगत से चल रही थी।


जंहा शाम ढलते ही 06नंबर साइडिंग से स्थानीय लोगों द्वारा कोयला ढूलाई करवा कर उक्त स्थल पर रखी जाती थी और रातो रात बड़े वाहनों में लोड कर झरिया – बलियापुर मुख्य मार्ग होते हुए बलियापुर व गोबिंदपुर स्थित भट्ठों में खपाया जाता है।इसके पूर्व में भी कुजामा बिजली घर के पीछे झाड़ियों के बीच से व कुजामा काली मंदिर के पास से CISF की टीम ने छापामारी कर लगभग 130 टन कोयला जप्त करते हुए चार हाइवा वाहनों में लोड़ कर बीसीसीएल प्रबंधन को सौंपने का काम किया था।

बावजूद सीआईएसएफ व क्षेत्रीय पुलिस ने उक्त स्थल को चिन्हित कर हॉट स्पॉट नहीं बनाया और ना ही किसी भी कोयला चोर का नाम अंकित करते हुए एफआईआर दर्ज किया। जिसके कारण अवैध कारोबारियों का हौसला सातवें असमान पर है और कोयला चोरों द्वारा लगातार अवैध खनन और परिवहन को अंजाम दिया जा रहा है। आखिर इसके लिए कौन जिम्मेदार है?जबकि धनबाद DC ने सीआईएसएफ व पुलिस प्रशासन को अवैध कारोबारी पर नकल कसने के लिए हॉट स्पॉट बनाते हुए महीने के पांच बार छापामारी कर अवैध कोयला को जप्त करते हुए संलिप्त लोगों को चिन्हित करते हुए मामला दर्ज करने का आदेश दिया था। हालांकि दबी जुबान से लोगो का कहना कि बिना मिली भगत के एक छटांक कोयला की भी चोरी नहीं हो सकती है। ऐसे में बीसीसीएल प्रबंधन को अपने कोयले की रक्षा सबसे पहले स्वयं करनी होगी।

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