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‘सीनियर डॉक्टर देखेंगे’ कहकर टालते रहे इलाज, समय पर इलाज न मिलने से मासूम ने तोड़ा दम

कोरबा: कोरबा में दो साल के बच्चे दिव्यांश कुमार की गले में चना अटकने से मौत हो गई। बच्चे के चाचा गोलू बंसल ने मेडिकल कॉलेज अस्पताल के डॉक्टरों पर उपचार में लापरवाही का आरोप लगाया है। बताया जा रहा है कि दिव्यांश अपने घर के आंगन में खेल रहा था। खेलते-खेलते वह कमरे में पहुंचा और वहां रखे चने को निगल लिया, जो उसके गले में अटक गया।

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गले में चना अटकने से बच्चा रोने लगा और उसे सांस लेने में तकलीफ होने लगी। परिजन तुरंत उसे कोरबा मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले गए, लेकिन वहां उपचार में देरी हुई। परिजनों का आरोप है कि डॉक्टरों ने बार-बार कहा कि सीनियर डॉक्टर देखेंगे और इस देरी के कारण बच्चे की हालत बिगड़ती गई। अंततः उसकी मौत हो गई।

गोलू बंसल ने बताया कि वे सुबह आठ बजे से अस्पताल में थे, लेकिन शाम तक बच्चे का समुचित इलाज नहीं हो सका। परिजनों ने डॉक्टरों की लापरवाही को बच्चे की मौत का कारण बताया और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की। शव को पोस्टमॉर्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया गया और वे इसे लेकर अपने गृहग्राम रवाना हो गए।

शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. हरबंश ने बताया कि बच्चा जब अस्पताल पहुंचा, तब उसकी हालत पहले से ही गंभीर थी। चना गले से फेफड़ों में चला गया था, जिससे आंतरिक रक्तस्राव शुरू हो गया। डॉक्टरों की टीम ने तत्काल इलाज शुरू किया, लेकिन बच्चे को बचाया नहीं जा सका। उन्होंने लापरवाही के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उपचार में कोई कमी नहीं थी।

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कोरबा मेडिकल कॉलेज में पहले भी लापरवाही के मामले सामने आ चुके हैं। हाल ही में एक जुड़वां बच्चे की मौत के मामले में भी अस्पताल पर लापरवाही और फर्जीवाड़े का आरोप लगा था। बंसल परिवार ने इस मामले की शिकायत उच्च अधिकारियों से की है और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है।