ओडिशा के कंधमाल जिले से एक दिल दहला देने वाली और बेहद शर्मनाक घटना सामने आई है, जिसने पूरे सिस्टम की पोल खोल दी है। कहा जाता है कि आज के समय में अस्पतालों में सभी सुविधाएं मौजूद हैं, हर गांव और शहर में एंबुलेंस की सुविधा 24 घंटे मिलती है। हालांकि, कंधमाल की यह घटना एक बार फिर यह साबित कर दी है कि जमीनी हकीकत अब भी बहुत अलग है।
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घर तक कंधे पर उठाकर ले गए शव
यह घटना कंधमाल जिले के दारिंगबाड़ी इलाके की है, जहां एक गर्भवती महिला की मौत के बाद उसके शव को अस्पताल से घर तक कंधे पर उठाकर लाया गया। महिला का नाम सुनीमा प्रधान बताया जा रहा है, जो काजुरी पादेरी गांव के सुरेंद्र प्रधान की पत्नी थीं। सुनीमा गर्भवती थीं और तबीयत खराब होने के बाद उन्हें इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया था। लेकिन इलाज के दौरान महिला की मौत हो गई।
ना एंबुलेंस मिली, ना सरकारी सुविधा
मौत के बाद जब परिवार ने महिला के शव को घर ले जाने के लिए वाहन की मांग की, तो न तो उन्हें कोई एंबुलेंस मिली और न ही कोई और सरकारी सुविधा। मजबूरन, परिवार और रिश्तेदारों को मिलकर सुनीमा के शव को करीब 8 किलोमीटर तक कंधे पर उठाकर गांव लाना पड़ा।
2016 की घटना की दिलाई याद
यह घटना लोगों को 2016 की उस काले पन्ने की याद दिलाती है, जब कालाहांडी के दाना माझी ने अपनी पत्नी के शव को कंधे पर उठाकर 10 किलोमीटर तक पैदल चलकर गांव पहुंचाया था। उस वक्त भी पूरी दुनिया ने भारत के हेल्थ सिस्टम पर सवाल उठाए थे, लेकिन लगता है कि उस घटना से कुछ भी नहीं सीखा गया।
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सुविधा के दावे, फिर क्यों रही ऐसी घटनाएं?
कई जगहों से शिकायतें आती हैं कि बार-बार कॉल करने के बावजूद न तो कोई एंबुलेंस भेजा जाता है और न ही अस्पताल प्रशासन की ओर से किसी प्रकार की मदद की जाती है। अब सवाल उठता है कि जब सरकार हर गांव तक स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने का दावा करती है, तो ऐसी घटनाएं क्यों हो रही हैं? गर्भवती महिलाओं के लिए विशेष योजनाएं, जननी सुरक्षा योजना, मुफ्त एंबुलेंस सेवा जैसी स्कीमें सिर्फ कागजों तक ही सीमित हैं क्या?
घटना से दुखी और आक्रोशित
इस घटना से पूरा गांव दुखी है और आक्रोशित भी। अब जरूरत है कि इस घटना की उच्च स्तरीय जांच हो और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाए। साथ ही, यह भी जरूरी है कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए स्वास्थ्य सेवाओं को जमीनी स्तर पर मजबूत किया जाए। यह सिर्फ एक महिला की नहीं, पूरे सिस्टम की हार है।