SECL कुसमुंडा के अधिकारियों की दोगली नीति अब नहीं चलेगी, किसी भी कीमत पर नही तोड़ने देंगे मकान, हक के लिए लड़ेंगे लड़ाई – पार्षद बसंत चंद्रा… इमली छापर ओवरब्रिज निर्माण की जद में आ रहे हैं दर्जनों मकान व दुकान, समर्थन में उतरे क्षेत्र के सभी पार्षद जनप्रतिनिधि गण….

कोरबा – जिले के कुसमुंडा क्षेत्र अंतर्गत इमली छापर चौक में एसईसीएल कुसमुंडा द्वारा ओवरब्रिज का निर्माण कराया जाना है । यह ओवरब्रिज कुसमुंडा थाना चौक से छापर चौक होते हुए कोरबा- कुसमुंडा मार्ग की ओर मुड़ते हुए करीब 1 किलोमीटर लंबा बनेगा । वर्तमान में थाना चौक की ओर से ओवर ब्रिज का निर्माण कार्य प्रारंभ भी हो चुका है।
इस ओवरब्रिज निर्माण में लगभग एक दर्जन से अधिक मकान व दुकान प्रभावित हो रहे हैं जिन्हे तोड़कर ओवरब्रिज बनाया जाएगा। एसईसीएल कुसमुंडा के द्वारा ओवरब्रिज बनने से पूर्व प्रभावित लोगों से मिलकर घर की नापजोख की गई थी, साथ ही SECL कुसमुंडा कार्यालय में मीटिंग कर आपसी सामंजस्य के साथ बीच का रास्ता निकालने की बात भी कही थी, परंतु आज बुधवार को एसईसीएल के अधिकारियों द्वारा प्रभावित लोगों को कुसमुंडा कार्यालय में बुलाया गया जहां उनके साथ अधिकारियों के द्वारा दुर्व्यवहार किया गया, जिससे आक्रोशित होकर सभी लोग वापस आ गए । पूरे मामले पर हमने इमली छापर वार्ड पार्षद बसंत चंद्रा से बात की उनका कहना है कि इमली छापर रेलवे फाटक के लगातार बंद होने की वजह से यहां पर ओवरब्रिज का निर्माण कराया जाना हैं, इस ओवरब्रिज के बन जाने से क्षेत्र के लोगों को काफी राहत मिलेगी। हम सभी क्षेत्र के विकास का सहयोग करते हैं समर्थन करते हैं, हालांकि इस ओवर ब्रिज के बनने से हमारे लगभग एक दर्जन से अधिक मकान व दुकान प्रभावित हो रहे हैं जिन्हें ओवरब्रिज बनाने के लिए तोड़ा जाना है, जिसका हम भी सहयोग कर रहे हैं, हम यहां लगभग बीते 40 वर्षों से निवास कर अपना और अपने परिवार जनों के साथ जीवन यापन कर रहे हैं,हमारी यह मांग है कि हमारे मकान दुकान तोड़ने की एवज में हमें अन्यत्र विस्थापन दिया जाए। कुसमुंडा प्रबंधन के द्वारा शुरुआत में सकारात्मक पहल की जा रही थी परंतु एकाएक एसईसीएल कुसमुंडा प्रबंधन के अधिकारियों का रवैया बदल गया जिससे हम सभी काफी आहत हैं, आने वाले समय में हक की लड़ाई लड़ी जाएगी। हुआ यूं की आज बुधवार को प्रभावितों के साथ कुसुंडा प्रबंधन की एक मीटिंग थी जिसके लिए सभी को नोटिस देकर कुसमुंडा कार्यालय बुलाया गया था, बताया जा रहा है कि वहां पर अधिकारियों ने प्रभावितों के साथ दुर्व्यवहार किया और कहा की ओवरब्रिज बनना है मकान तोड़ने ही पड़ेंगे मकान के एवज में कोई किसी प्रकार का कोई भी सहयोग प्रबंधन नहीं करेगी। जिसके बाद सभी प्रभावित वहां से लौट आए, जाते जाते पार्षद बसंत चंद्रा ने साफ तौर पर कह दिया कि अगर विस्थापन नहीं दिया जाता तो हम अपना मकान दुकान तोड़ने नहीं देंगे, अपने हक के लिए लड़ाई लड़ेंगे। ओवरब्रिज प्रभावितों के समर्थन में इमली छापर पार्षद बसंत चंद्रा के साथ कुसमुंडा क्षेत्र के सभी पार्षद, अमरजीत सिंह, अजय प्रसाद, कौशिल्या बिंझवार, शाहिद कुजूर ने समर्थन देने की बात कही है साथ ही उनकी हक की लड़ाई में साथ लड़ने की बात भी कही है।