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ChhattisgarhKorbaकोरबा न्यूजछत्तीसगढ

कोरबा के गेवरा खदान में रूंगटा कंपनी पर ड्राइवरों से मारपीट और शोषण का आरोप, ड्राइवरों ने शुरू की हड़ताल

Korba News : कोरबा जिले के गेवरा-दीपका क्षेत्र में रूंगटा कंपनी के खिलाफ ड्राइवरों ने गंभीर आरोप लगाए हैं। ड्राइवरों का कहना है कि कंपनी प्रबंधन उन्हें दबाव डालकर मनमाने स्टॉक में कोयला डंप करवाता है और विरोध करने पर मारपीट करता है। मंगलवार दोपहर ऐसी ही एक घटना सामने आई, जिसमें ड्राइवर ईश्वर आनंद के साथ मारपीट की गई। इस घटना के बाद गुस्साए ड्राइवरों ने हड़ताल शुरू कर दी और कंपनी प्रबंधन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।

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ड्राइवरों ने बताया कि रूंगटा कंपनी के प्रबंधन की ओर से कोयले के अवैध कारोबार में संलिप्तता के कारण बार-बार ऐसी घटनाएं हो रही हैं। ईश्वर आनंद ने दीपका थाने में मारपीट की लिखित शिकायत दर्ज की, जिसके आधार पर थाना प्रभारी प्रेमचंद साहू ने मामला दर्ज कर जांच शुरू करने की बात कही। ड्राइवरों ने SECL महाप्रबंधक को पत्र लिखकर मांग की है कि मारपीट करने वालों को तत्काल गिरफ्तार किया जाए और रूंगटा कंपनी की रोड सेल पार्टी को ब्लैक लिस्ट किया जाए।
शिकायत में ड्राइवरों ने बताया कि कोयला प्रोडक्शन के लिए उनकी गाड़ियों को कोल फेस से स्टॉक तक ले जाना पड़ता है, लेकिन रोड सेल से जुड़े अनधिकृत लोग उनकी गाड़ियों के आगे-पीछे दौड़कर दुर्घटना का खतरा पैदा करते हैं। इस संबंध में कई बार लिखित शिकायत की जा चुकी है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। ड्राइवरों ने आरोप लगाया कि रूंगटा कंपनी प्रबंधन को कोयले के अवैध कारोबार से करोड़ों रुपये का फायदा हो रहा है, और यदि इसकी उच्चस्तरीय जांच हो तो बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार उजागर होगा।
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ड्राइवरों ने यह भी बताया कि रूंगटा कंपनी लंबे समय से मजदूरों का शोषण कर रही है। मजदूरों को HPC दर से कम मजदूरी दी जाती है और विरोध करने पर मारपीट की जाती है। दो माह पहले भी कंपनी के कारण दो पक्षों के बीच मारपीट की घटना हुई थी, जिसका FIR दीपका थाने में दर्ज है, लेकिन SECL प्रबंधन या जिला प्रशासन ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। ड्राइवरों ने जिला प्रशासन पर रूंगटा कंपनी को खुली छूट देने का आरोप लगाया है।

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दीपका थाना प्रभारी प्रेमचंद साहू ने पुष्टि की कि ईश्वर आनंद की शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया गया है और जांच जारी है। ड्राइवरों ने चेतावनी दी है कि यदि दोषियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई नहीं हुई, तो वे आंदोलन को और तेज करेंगे। इस घटना ने गेवरा-दीपका क्षेत्र में औद्योगिक कंपनियों के मजदूर शोषण और कोयले के अवैध कारोबार के मुद्दे को फिर से चर्चा में ला दिया है।