जल्द बढ़ सकती हैं रिचार्ज प्लान्स की कीमतें, कॉलिंग-डेटा के लिए खर्च करने पड़ेंगे ज्यादा रुपये
अगर आपके पास मोबाइल फोन है तो उसे रिचार्ज भी कराते होंगे। ऐसे में यह खबर आपके काम की होने वाली है। देश में चुनावी माहौल चल रहा है। 19 अप्रैल को पहले चरण की वोटिंग होगी और 4 जून को चुनाव के नतीजे घोषित किए जाएंगे। चुनाव होने के बाद नई सरकार बनने के साथ ही स्मार्टफोन यूजर्स की जेब की जेब पर बोझ बढ़ सकता है। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि आम चुनाव के बाद टेलिकॉम कंपनियां अपने रिचार्ज प्लान को 15 से 17 प्रतिशत तक महंगा कर सकती हैं।
आम चुनाव के बाद स्मार्टफोन यूजर्स के लिए रिचार्ज कराना पहले से अधिक महंगा हो सकता है। हाल ही में जारी हुई एक रिपोर्ट के मुताबिक टेलिकॉम कंपनियां जल्द ही अपने रिचार्ज शुल्क को बढ़ा सकती हैं। एंटीक स्टॉक ब्रोकिंग की रिपोर्ट के अनुसार टेलिकॉम सेक्टर में शुल्क वृद्धि का मामला काफी दिनों से पेंडिंग और अब इस पर 4 जून के बाद कंपनियां बड़ा फैसला ले सकती हैं।
ग्राहकों को खर्च करने पड़ेंगे अधिक पैसे
रिपोर्ट के मुताबिक रिचार्ज शुल्क में बढ़ोतरी का सबसे बड़ा फायदा भारतीय एयरटेल को होने वाला है। कंपनियों की तरफ से आखिरी बार रिचार्ज शुल्क में दिसंबर 2021 में बढ़ोतरी की गई थी। उस समय कंपनियों ने करीब 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी की थी। अब 3 तीन साल बाद टेलिकॉम कंपनियां स्मार्टफोन यूजर्स को एक बड़ा झटका दे सकती हैं।
जल्द बढ़ सकती हैं रिचार्ज प्लान्स की कीमतें, कॉलिंग-डेटा के लिए खर्च करने पड़ेंगे ज्यादा रुपये
अगर कंपनियां अपने रिचार्ज शुल्क में 17 फीसदी की बढ़ोतरी करती हैं तो इसका मतलब यह है कि अगर आप आज की डेट में कोई प्लान 300 रुपये का कराते हैं तो रिचार्ज शुल्क में बढ़ोतरी के बाद आपको इसी प्लान के लिए 351 रुपये देने होंगे। कंपनियों के इस फैसले से यूजर्स की जेब पर एक्स्ट्रा बोझ पड़ने वाला है।
एआरपीयू में होगी बढ़ोतरी
आपको बता दें कि एयरटेल देश की दूसरी सबसे बड़ी टेलिकॉम कंपनी है। रिचार्ज शुल्क में बढ़ोतरी के बाद एयरटेल को सबसे बड़ा फायदा होने वाला है। रिपोर्ट के मुताबिक एयरटेल का मौजूदा एआरपीयू 208 रुपये है जबकि यह 2026-27 तक 286 रुपये पहुंचने की संभावना है।
भारत में रिलायंस जियो, एयरटेल और वीआई तीन प्रमुख टेलिकॉम कंपनी हैं। रिचार्ज प्लान में बढ़ोतरी को लेकर अभी किसी भी कंपनी की तरफ से कोई संकेत नहीं दिए गए हैं। अगर प्लान्स महंगे होते हैं तो यूजर्स को कॉलिंग और डेटा के लिए पहले के मुकाबले अधिक पैसे खर्च करने पड़ेंगे।