NATIONALभारत

Palak Muchhal : पलक मुच्छल ने सुरीली आवाज़ से छेड़ा मानवता का राग, गिनीज बुक में दर्ज हुआ नाम

Palak Muchhal : भारत की भूमि हमेशा से प्रतिभा, संवेदना और संस्कारों का संगम रही है। यहां कला केवल मनोरंजन का माध्यम नहीं, बल्कि समाज सेवा का दायित्व भी है। इस परंपरा को जीवंत किया है बाॅलीवुड की मशहूर गायिका पलक मुच्छल ने, जिन्होंने अपनी सुरीली आवाज़ के साथ मानवता का सबसे सुंदर राग छेड़ा। 13 नवंबर को विश्व दयालुता दिवस मनाया जा रहा है और पलक मुच्छल दयालुता का प्रतीक हैं। उनकी मानवता के लिए गिनीज बुक में पलक का नाम भी दर्ज किया गया है।

CG Liquor Scam: भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल की 61 करोड़ की संपत्ति कुर्क, अब तक 276 करोड़ अटैच

पलक मुच्छल की कहानी उन सभी महिलाओं के लिए प्रेरणा है जो अपने हुनर को समाज के भले के लिए उपयोग में लाना चाहती हैं। उन्होंने यह साबित किया कि सशक्तिकरण केवल करियर या आर्थिक उपलब्धि तक सीमित नहीं, बल्कि किसी की जिंदगी में उम्मीद जगाने की क्षमता में भी निहित है। वह अपने काम से यह दर्शाती हैं कि सच्चा स्टार वही है जो दूसरों के अंधकार में रोशनी बन जाए। पलक मुच्छल का जीवन यह याद दिलाता है कि दया, करुणा  और सेवा भी कला की तरह ही आत्मा को छूने वाली ध्वनि हैं। उन्होंने दिखाया कि अगर इरादा सच्चा हो तो एक इंसान हजारों दिलों की धड़कन बन सकता है।

Kangana Ranaut: किसान आंदोलन पर विवादित बयान, कंगना रनौत के खिलाफ दर्ज हुआ राष्ट्रद्रोह का मामला

सुरों से सेवा तक, पलक मुच्छल का अनोखा सफर

मध्य प्रदेश के इंदौर में जन्मी पलक मुच्छल बचपन से ही सामाजिक कार्यों के लिए जानी जाती हैं। महज़ छह साल की उम्र में उन्होंने सड़क पर गाना गाकर कारगिल शहीदों और गरीब बच्चों के लिए धन जुटाया था। धीरे-धीरे यह छोटी सी पहल एक बड़े जनआंदोलन में बदल गई।आज पलक अपने ‘पलक मुच्छल हार्ट फाउंडेशन’ के ज़रिए अब तक 3800 से अधिक गरीब बच्चों की हार्ट सर्जरी करवा चुकी हैं, वो भी बिल्कुल मुफ्त। वे खुद कॉन्सर्ट्स से मिलने वाली रकम और अपनी गायकी से हुई कमाई का बड़ा हिस्सा इस नेक काम में दान करती हैं।

गिनीज और लिम्का बुक में दर्ज हुआ नाम

मानवता के इस असाधारण कार्य ने पलक को न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया में सम्मान दिलाया। उनके इस योगदान के लिए गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स और लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में उनका नाम दर्ज किया गया है।