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Odisha Train Accident: ‘पानी भी खून की तरह लगता है…’ बालासोर हादसे का खौफनाक मंजर देखने के बाद बोले NDRF जवान

ओडिशा के बालासोर में दो जून को हुए भीषण रेल हादसे में कई परिवार तबाह हो गए. कई लोग ऐसे भी हैं, जिन्हें अब तक अपने परिवार के लोग नहीं मिल पा रहे हैं. कोई बूढ़ा बाप अपने जवान बेटे को लाशों के ढेर में खोज रहा है तो कोई अपनी मां और पिता की आखिरी झलक के लिए तरस रहा है. इस भीषण हादसे ने हर किसी को घाव दिए हैं, किसी का घाव छोटा है तो किसी का जिंदगी भर के लिए दर्द देने वाला घाव है. इस पूरे दर्द को सबसे करीब से वो जवान देखते हैं जो शुरू से लेकर आखिर तक रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे रहते हैं. एनडीआरएफ के ऐसे ही कुछ जवानों ने अपना दर्द बयां किया है, उन्होंने बताया है कि कैसे ये हादसे उन्हें मानसिक तौर पर प्रभावित करते हैं.

मानसिक तौर पर प्रभावित हुए बचावकर्मी
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के महानिदेशक अतुल करवाल ने इस हादसे का जिक्र करते हुए बताया कि ट्रेन दुर्घटनास्थल पर बचाव अभियान में तैनात एक जवान जब भी कहीं पानी देखता है तो उसे वह खून ही नजर आता है, जबकि एक अन्य बचावकर्मी को खौफनाक मंजर देखने के बाद अब भूख ही नहीं लग रही है. करवाल ने कहा, ‘‘मैं बालासोर ट्रेन हादसे के बाद बचाव अभियान में शामिल अपने कर्मियों से मिला, एक कर्मी ने मुझे बताया कि वह जब भी पानी देखता है तो उसे वह खून की तरह लगता है. एक अन्य बचावकर्मी ने बताया कि इस बचाव अभियान के बाद उसे भूख लगना बंद हो गयी है.’’

एनडीआरएफ कर्मियों की काउंसलिंग
एनडीआरएफ की तरफ से विज्ञान भवन में आयोजित आपदा प्रतिक्रिया के लिए क्षमता निर्माण पर वार्षिक सम्मेलन, 2023 को संबोधित करते हुए महानिदेशक अतुल करवाल ने कहा कि हादसा इतना भीषण था कि बोगियां क्षतिग्रस्त हो गईं, जिससे कई शव उनके अंदर फंसे रह गए. हाल में दुर्घटनास्थल का दौरा करने वाले एनडीआरएफ के महानिदेशक ने कहा कि अपने कुछ कर्मियों की इन समस्याओं को ध्यान में रखते हुए बल ने अपने कर्मियों के बचाव और राहत अभियान से लौटने पर उनके लिए मनोवैज्ञानिक काउंसलिंग और मानसिक स्थिरता पाठ्यक्रम शुरू किया है.

इस दौरान करवाल ने बताया कि हाल में तुर्किये में भूकंप के बाद वहां राहत अभियान से लौटने बचावकर्ताओं के लिए भी ऐसे सेशन आयोजित किए गए थे. करवाल ने कहा कि पिछले साल से अब तक इस संबंध में कराए विशेष अभ्यास के बाद करीब 18,000 कर्मियों में से 95 प्रतिशत कर्मी ‘फिट’ पाए गए. करवाल ने बालासोर ट्रेन हादसे और तुर्किये में एनडीआरएफ की तरफ से किए गए रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए तमाम कर्मियों की तारीफ भी की.

PRITI SINGH

Editor and Author with 5 Years Experience in INN24 News.

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