नये वेरिएंट में Coronavirus India में आ रहा है विदेश से आया कोरोना एक राज्य में बढ़ते कैश फिर देने लगे है टेंशन
नये वेरिएंट में Coronavirus India में आ रहा है विदेश से आया कोरोना एक राज्य में बढ़ते कैश फिर देने लगे है टेंशन
नये वेरिएंट में Coronavirus India में आ रहा है विदेश से आया कोरोना एक राज्य में बढ़ते कैश फिर देने लगे है टेंशन आजकल कोरोना केस के बारे में कोई नहीं जानना चाहता. कहीं चर्चा भी नहीं है तो क्या कोरोना की पूरी तरह से छुट्टी हो गई है? इसका जवाब है- नहीं. फिलहाल कोविड-19 हमें अकेला छोड़ने के मूड में नहीं दिखता. भले ही इसकी बातें कम हो रही हों पर कुछ समय बाद नए वेरिएंट सामने आ जा रहे हैं. अमेरिका में हाल ही में कोरोना के एक सब-वेरिएंट JN.1 ने टेंशन पैदा कर दी थी, वह अब केरल में भी मिल गया है.
नये वेरिएंट में Coronavirus India में आ रहा है विदेश से आया कोरोना एक राज्य में बढ़ते कैश फिर देने लगे है टेंशन
अमेरिका में एक तरफ नए कोविड वेरिएंट आ रहे हैं तो दूसरी तरफ यह देश HV.1 वेरिएंट को काबू में करने के लिए संघर्ष कर रहा है. अब भारत के लोगों को भी थोड़ा सतर्क रहने की जरूरत है. अगर आप केरल में रहते हैं तो खतरा थोड़ा ज्यादा है.
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कौन सा नया वेरिएंट आया है
नये वेरिएंट में Coronavirus India में आ रहा है विदेश से आया कोरोना एक राज्य में बढ़ते कैश फिर देने लगे है टेंशन JN.1 वास्तव में Pirola या BA. 2.86 फैमिली का है. इसने केरल के हेल्थ सिस्टम के लिए चिंता बढ़ा दी है क्योंकि राज्य में पहली बार इसका पता चला है. विशेषज्ञों की मानें तो नए वेरिएंट का राज्य में पहले से ही बढ़ते मामलों पर असर देखने को मिल सकता है. भारतीय सार्स-कोव-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम यानी INSACOG ने केरल में नए सब-वेरिएंट के मिलने की पुष्टि की है. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) कोविड टास्क फोर्स के सह-अध्यक्ष डॉ. राजीब जयदेवन ने कहा कि भारत में, विशेष रूप से केरल में कोविड-19 के मामलों में हाल में हुई वृद्धि में जेएन.1 एक फैक्टर हो सकता है.
1000 के पार करीब मरीज
दरअसल, भारत में एक्टिव मामलों की संख्या 938 तक पहुंच गई है, जिसमें केरल में सबसे ज्यादा 768 मरीज हैं. यह नया वेरिएंट पहली बार अगस्त 2023 में यूरोप में डिटेक्ट हुआ था. नये वेरिएंट में Coronavirus India में आ रहा है विदेश से आया कोरोना एक राज्य में बढ़ते कैश फिर देने लगे है टेंशन लक्ज़मबर्ग में नए वेरिएंट का पहला मामला दर्ज किया गया, इसके बाद इंग्लैंड, आइसलैंड, फ्रांस और अमेरिका में मरीज मिलने लगे. अमेरिका में वैज्ञानिकों ने JN.1 वेरिएंट को ज्यादा संक्रामक पाया क्योंकि यह वैक्सीन की इम्युनिटी को चकमा दे सकता है.
अमेरिका के बिगड़े हालात
इस बीच, अमेरिका अब एचवी.1 वेरिएंट के कारण कोविड मरीजों की संख्या में वृद्धि देख रहा है. वहां पहले से ही सांस संबंधी परेशानियां बढ़ी हैं और कोविड हालात को बदतर बना रहा है. JN.1 और EG.5 या एरिस के बाद HV.1 वहां हावी होता जा रहा है और देशभर में करीब एक तिहाई मामलों के लिए जिम्मेदार है. एचवी.1 अक्टूबर और नवंबर में तेजी से फैलने लगा. अमेरिका में लगभग 30 प्रतिशत नए COVID-19 मामलों के लिए HV.1 जबकि JN.1 करीब 21 प्रतिशत नए कोरोना मामलों के लिए जिम्मेदार है.
विशेषज्ञों का कहना है कि सर्दियों के मौसम में नए मरीजों की संख्या बढ़ सकती है. JN.1 ओमिक्रोन सब-वेरिएंट BA.2.86 का वंशज है. WHO ने कहा है कि इससे संक्रमण बढ़ सकता है. इसके लक्षण की बात करें तो बुखार, खांसी, थकान, डायरिया, सिरदर्द जैसी तकलीफ हो सकती है अगर ये लक्षण महसूस हों तो थोड़ा सतर्क हो जाएं.