
नई दिल्ली: NPCI (National Payments Corporation of India) ने UPI (Unified Payments Interface) ट्रांजेक्शन्स की सुरक्षा और प्रभावशीलता बढ़ाने के लिए नए निर्देश जारी किए हैं. ये नए नियम 1 अप्रैल 2025 से लागू होंगे. नए नियमों के अनुसार, यदि आप अपने मोबाइल नंबर का 90 दिनों तक इस्तेमाल नहीं करते हैं, तो टेलीकॉम कंपनी उस नंबर को किसी दूसरे व्यक्ति को दे सकती है. इसका मतलब है कि अगर आपने अपने पुराने मोबाइल नंबर से UPI लिंक किया है और वो नंबर बंद हो गया है, तो आपकी UPI ID भी काम नहीं करेगी इसलिए अगर आपका बैंक से लिंक किया हुआ नंबर बंद हो गया है या बदल गया है, तो आपको UPI सेवाएं इस्तेमाल करने में दिक्कत हो सकती है. ये सावधानी बरतना जरूरी है ताकि आप UPI का सही से इस्तेमाल कर सकें.
निर्देशों के अनुसार:
1. मोबाइल नंबर रिवोकेशन लिस्ट (MNRL)
यह एक लिस्ट होगी जिसमें उन मोबाइल नंबरों का रिकॉर्ड रहेगा, जिन्हें UPI ट्रांजैक्शन्स से हटा दिया गया है. इसका मतलब है कि अगर किसी मोबाइल नंबर को UPI के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाना है, तो उसे इस लिस्ट में डाला जाएगा.
2. डिजिटल इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म (DIP)
यह एक प्लेटफॉर्म होगा जिसका उपयोग बैंक और पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर्स को अपने डेटा को सुरक्षित रखने और अपडेट करने के लिए करना होगा.
3. डेटा अपडेट
बैंक और PSPs को हर हफ्ते अपने डेटा को अपडेट करना होगा ताकि सभी सूचनाएं ताजा और सुरक्षित रहें.
1 अप्रैल से UPI को लेकर नए नियम हो रहे हैं लागू, यहां जान लें अगर आपका नंबर बंद होता है तो क्या होगा
अब आपको बताते हैं कि आखिर UPI यूजर्स के लिए क्या करना जरूरी?
- UPI यूजर्स बैंक में अपना मोबाइल नंबर अपडेट रखें.
- नंबर बदला हैं, तो जल्दी से बैंक में नया नंबर रजिस्टर करें.
- बैंक-रजिस्टर्ड नंबर का इस्तेमाल करते रहें ताकि UPI सर्विसेज प्रभावित न हों.
हाल ही में NPCI (नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया) ने UPI (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) में कुछ बदलाव किए हैं ताकि धोखाधड़ी कम हो सके. अब “Collect Payment” फीचर केवल बड़े और प्रमाणित व्यापारियों के लिए ही उपलब्ध रहेगा. वहीं, व्यक्तिगत लेन-देन में “Collect Request” की सीमा 2,000 रुपये कर दी गई है.
ये बदलाव UPI को और भी सुरक्षित बनाने के लिए हैं. अगर आप UPI का इस्तेमाल करते हैं तो सुनिश्चित करें कि आपका बैंक में रजिस्टर किया गया मोबाइल नंबर अपडेट हो, ताकि आपको कोई परेशानी न हो.