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हैकर्स का नया तरीका, फर्जी वॉइसमेल से कर रहे अटैक, क्लिक करते ही लुट जाएंगे आप

डिजिटल वर्ल्ड में एक तरफ तो हमारे लिए कई काम करना आसान हो रहा है, तो वहीं हैकर्स दिन-प्रतिदिन नए तरीकों से लोगों को चूना लगा रहे हैं। इन दिनों साइबर अपराधियों ने लोगों को लूटने का एक और नया तरीका इजाद कर लिया है। लोगों को फर्जी वॉइसमेल के जरिए लूटने की कोशिश की जा रही है। सामने आई एक रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले दो सप्ताह में ऐसे 1000 से ज्यादा साइबर अटैक के मामले सामने आ चुके हैं। साइबर अपराधी लोगों को वॉइसमेल के अलावा QR कोड के जरिए भी टार्गेट कर रहे हैं।

नए तरीके से यूजर्स को कर रहे टार्गेट

Hackread की रिपोर्ट के मुताबिक, साइबर अपराधी कार्पोरेट फोन सिस्टम से जुड़े ईमेल में फर्जी और मैलिसियस लिंक वॉइसमेल प्लेबैक में इंबेड करके टारगेट कर रहे हैं यानी लोगों को फर्जी वॉइसमेल वाला ईमेल भेजा जा रहा है। हालांकि, इस मेल में कोई वॉइसमेल नहीं होता है बल्कि एक लिंक होता है, जिसपर क्लिक करते ही आपका बैंक अकाउंट खाली हो सकता है।

हैकर्स का नया तरीका, फर्जी वॉइसमेल से कर रहे अटैक, क्लिक करते ही लुट जाएंगे आप

इस नए ट्रिक के जरिए हैकर्स लोगों को टार्गेट करने की कोशिश कर रहे हैं। लोग इसे कोई जरूरी वॉइसमेल समझकर लिंक पर क्लिक कर देते हैं, जिसके बाद हैकर्स को यूजर के कम्प्यूटर सिस्टम का एक्सेस मिल जाता है। ऐसे मेल भेजने के लिए हैकर्स सोशल मीडिया का सहारा लेते हैं। यूजर्स को कंडिशनल राउटिंग QR कोड भेजे जा रहे हैं, जो डिवाइस पर बेस्ड होता है। इसके जरिए एंड यूजर को टार्गेट किया जाता है।

कैसे बचें?

स्कैमर्स द्वारा भेजे गए QR कोड देखने में एक पेमेंट प्रोसेसर सर्विस स्कवॉयर की तरह लगता है। हालांकि, यह एक तरह का जाल होता है, जिसमें लोग आसानी से फंस जाते हैं। हैकर्स द्वारा भेजे गए ई-मेल की सब्जेक्ट लाइन में एक फोन नंबर मौजूद होता है, जो गूगल सर्च करने पर जेनुइन लगेगा। इस मेल में भेजे गए लिंक पर क्लिक करते ही यूजर के क्रेडेंशियल्स हार्वेस्टिंग पेज पर पहुंच जाते हैं।

  • इस तरह के स्कैम से बचने के लिए यूजर्स को ई-मेल में दिए लिंक पर क्लिक करने से बचना होगा।
  • इसके अलावा अपने ई-मेल अकाउंट के प्रोटेक्शन के लिए हाई लेवल की सिक्योरिटी को एक्टिवेट करना होगा।
  • साइबर अपराधी अलग-अलग ब्रांड के नाम पर यूजर्स को फर्जी ई-मेल भेजते हैं। ऐसे में इनकमिंग ई-मेल के सेंडर का ई-मेल आईडी वेरिफाई करना होगा।
  • अगर, ई-मेल आईडी में आधिकारिक ब्रांड का डोमेन नहीं है, तो ऐसे ई-मेल को इग्नोर करना चाहिए।

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