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‘मन की बात’ कार्यक्रम में आगामी त्यौहारों का जिक्र, पीएम मोदी बोले- कुछ भी खरीदें, वो मेड इन इंडिया ही होना चाहिए

नई दिल्ली: पीएम मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में कहा कि इसके श्रोता ही इस कार्यक्रम के असली सूत्रधार हैं। आमतौर पर ये धारणा है कि जब तक चटपटी और नकारात्मक बातें ना हों तब तक उन्हें तवज्जो नहीं मिलती हैं। लेकिन मन की बात ने ये साबित किया कि लोगों को पॉजिटिव बातें पसंद आती हैं। पीएम ने कहा कि मन की बात मेरे लिए ऐसी है, जैसे मंदिर जाकर ईश्वर के दर्शन करना। पीएम ने कहा कि मन की बात को घर-घर तक पहुंचाने वाले लोगों को धन्यवाद देना चाहता हूं। आज का एपिसोड भावुक करने वाला है।

मन की बात को पूरे हो रहे 10 साल: पीएम मोदी

पीएम ने कहा कि ‘मन की बात’ की हमारी इस यात्रा को 10 साल पूरे हो रहे हैं। 10 साल पहले ‘मन की बात’ का प्रारंभ 3 अक्तूबर को विजयादशमी के दिन हुआ था और ये कितना पवित्र संयोग है, कि इस साल 3 अक्तूबर को जब ‘मन की बात’ के 10 वर्ष पूरे होंगे, तब नवरात्रि का पहला दिन होगा। उन्होंने कहा कि मेरा मन भी तभी गर्व से भर जाता है, जब मैं ‘मन की बात’ के लिए आई चिट्ठियों को पढ़ता हूं।

कार्यक्रम देश की 22 भाषाओं के साथ 12 विदेशी भाषाओं में उपलब्ध: पीएम मोदी

पीएम ने कहा कि इस कार्यक्रम को देश की 22 भाषाओं के साथ 12 विदेशी भाषाओं में भी सुना जा सकता है। मुझे अच्छा लगता है जब लोग ये कहते हैं कि उन्होंने मन की बात कार्यक्रम को अपनी स्थानीय भाषा में सुना। कार्यक्रम पर आधारित एक क्विज कंपटीशन भी चल रहा है, जिसमें कोई भी व्यक्ति हिस्सा ले सकता है। https://Mygov.in पर जाकर आप इस कंपटीशन में हिस्सा ले सकते हैं और ईनाम भी जीत सकते हैं।

जल संरक्षण की जरूरत: पीएम

पीएम मोदी ने कहा कि देश के अलग-अलग हिस्सों में जबरदस्त बारिश हो रही है। बारिश का ये मौसम, हमें याद दिलाता है कि ‘जल-संरक्षण’ कितना जरूरी है। बारिश के दिनों में बचाया गया पानी, जल संकट के महीनों में बहुत मदद करता है, और यही कैच द रेन जैसे अभियानों की भावना है।

पीएम ने कहा कि कहीं नारी-शक्ति, जल-शक्ति को बढ़ाती है तो कहीं जल-शक्ति भी नारी-शक्ति को मजबूत करती है। मुझे मध्य प्रदेश के दो बड़े ही प्रेरणादायी प्रयासों की जानकारी मिली है। यहां डिंडोरी के रयपुरा गांव में एक बड़े तालाब के निर्माण से भू-जल स्तर काफी बढ़ गया है।

स्वच्छता अभियान की बात की

पीएम मोदी ने कहा कि स्वच्छता को लेकर पुडुचेरी के समुद्र तट पर भी जबरदस्त मुहिम चलाई जा रही है। 2 अक्टूबर को ‘स्वच्छ भारत मिशन’ के 10 साल पूरे हो रहे हैं। यह अवसर उन लोगों के अभिनंदन का है जिन्होंने इसे भारतीय इतिहास का इतना बड़ा जन-आंदोलन बना दिया। ये महात्मा गांधी जी को भी सच्ची श्रद्धांजलि है, जो जीवनपर्यंत, इस उद्देश्य के लिए समर्पित रहे।

पीएम ने कहा कि आज ये ‘स्वच्छ भारत मिशन’ की ही सफलता है कि ‘Waste to Wealth’ का मंत्र लोगों में लोकप्रिय हो रहा है। लोग ‘Reduce, Reuse और Recycle’ पर बात करने लगे हैं, उसके उदाहरण देने लगे हैं।

पीएम ने कहा कि स्वच्छता को लेकर जारी अभियान से हमें ज्यादा-से-ज्यादा लोगों को जोड़ना है और यह अभियान किसी एक दिन का, एक साल का नहीं होता है। यह युगों-युगों तक निरंतर करने वाला काम है। यह जब तक हमारा स्वभाव न बन जाए ‘स्वच्छता’, तब तक करने का काम है।

विकास भी-विरासत भी: पीएम

पीएम ने कहा कि हम सभी को अपनी विरासत पर बहुत गर्व है। मैं तो हमेशा कहता हूं ‘विकास भी-विरासत भी’। यही वजह है कि मुझे हाल की अमेरिका यात्रा के एक खास पहलू को लेकर बहुत सारे संदेश मिल रहे हैं। एक बार फिर हमारी प्राचीन कलाकृतियों की वापसी को लेकर बहुत चर्चा हो रही है। इनमें से बहुत सी कलाकृतियों को तस्करी और दूसरे अवैध तरीकों से देश के बाहर ले जाया गया था। यह गंभीर अपराध है, एक तरह से यह अपनी विरासत को खत्म करने जैसा है।

भाषा को लेकर कही ये बात

पीएम ने कहा कि हमारे देश में लगभग 20 हजार भाषाएं और बोलियां हैं और ये सब की सब किसी-न-किसी की मातृ-भाषा हैं। कुछ भाषाएं ऐसी हैं जिनका उपयोग करने वालों की संख्या बहुत कम है, लेकिन उन भाषाओं को संरक्षित करने के लिए अनोखे प्रयास हो रहे हैं। संथाली भाषा की ऑनलाइन पहचान तैयार करने के लिए ओडिशा के मयूरभंज में रहने वाले श्रीमान रामजीत टुडु एक अभियान चला रहे हैं। रामजीत जी ने एक ऐसा डिजिटल प्लेटफॉर्म तैयार किया है, जहां संथाली भाषा से जुड़े साहित्य को पढ़ा और संथाली भाषा में लिखा जा सकता है।

एक पेड़ मां के नाम अभियान की बात

पीएम ने कहा कि एक पेड़ मां के नाम अभियान अद्भुत अभियान रहा। जन-भागीदारी का ऐसा उदाहरण वाकई बहुत प्रेरित करने वाला है। पर्यावरण संरक्षण को लेकर शुरू किये गए इस अभियान में देश के कोने-कोने में लोगों ने कमाल कर दिखाया है। हमारे देश में पेड़ लगाने के अभियान से जुड़े कितने ही उदाहरण सामने आते रहते हैं। ऐसा ही एक उदाहरण है तेलंगाना के के. एन. राजशेखर जी का। पेड़ लगाने के लिए उनकी प्रतिबद्धता हम सब को हैरान कर देती है। एक महिला है सुबाश्री, जिन्होंने अपने प्रयास से दुर्लभ और बहुत उपयोगी जड़ी-बूटियों का एक अद्भुत बगीचा तैयार किया है। वो तमिलनाडु के मदुरै की रहने वाली हैं।

‘मन की बात’ कार्यक्रम में आगामी त्यौहारों का जिक्र, पीएम मोदी बोले- कुछ भी खरीदें, वो मेड इन इंडिया ही होना चाहिए

कुछ भी खरीदेंगे, वो Made In India ही होना चाहिए: पीएम

पीएम मोदी ने कहा कि इस महीने मेक इन इंडिया अभियान के भी 10 साल पूरे हुए हैं। इस अभियान की सफलता में देश के बड़े उद्योगों से लेकर छोटे दुकानदारों तक का योगदान शामिल है। गरीब, मध्यम वर्ग और MSMEs को इस अभियान से बहुत फायदा मिल रहा है। मन की बात में हमने My Product My Pride की भी चर्चा की है। लोकल प्रोडक्ट को बढ़ावा देने से देश के लोगों को किस तरह से फायदा होता है, इसे एक उदाहरण से समझा जा सकता है। त्योहारों के इस मौसम में आप फिर से अपना पुराना संकल्प भी जरूर दोहराइए। कुछ भी खरीदेंगे, वो Made In India ही होना चाहिए, कुछ भी गिफ्ट देंगे, वो भी मेड इन इंडिया ही होना चाहिए। सिर्फ मिट्टी के दीये खरीदना ही वोकल फॉर लोकल नहीं है।

पीएम ने कहा कि कुछ ही दिन बाद त्योहारों का सीजन शुरू होने वाला है। नवरात्र से इसकी शुरुआत होगी, फिर अगले दो महीने तक पूजा-पाठ, व्रत-त्योहार, उमंग-उल्लास। चारों तरफ यही वातावरण छाया रहेगा। मैं आने वाले त्योहारों की आप सबको बधाई देता हूं।

 

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