खेती-किसानी

मक्का वेराइटी बीज : बस एक बार करे इस मक्का बिज का इस्तेमाल नोट गिनते थक ना जाओ तो कहना

मक्का वेराइटी बीज : बस एक बार करे इस मक्का बिज का इस्तेमाल नोट गिनते थक ना जाओ तो कहना

मक्का वेराइटी बीज : बस एक बार करे इस मक्का बिज का इस्तेमाल नोट गिनते थक ना जाओ तो कहना किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए बिहार सरकार ने नई पहल की है. राज्य सरकार मक्का की खेती (Maize Cultivation) को बढ़ावा देने का फैसला किया है. इसके लिए मक्का के 100 % हाइब्रिड बीज लगाने का लक्ष्य रखा है. इसके अलावा, पारम्परिक गेहूं की किस्मों की खेती को बढ़ावा देने की योजना है. राज्य सरकार का रबी सीजन में मक्के के बीज का 100, गेहूं का 36, तेलहन का 40 और दलहन का 40% हाइब्रिड बीज लगाने की तैयारी है. यह योजना चालू वित्त वर्ष 2023-24 के लिए हैं. किसानों को इसके लिए बीज पर अनुदान के अलावा अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराने की पहल है.




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मक्का वेराइटी बीज : बस एक बार करे इस मक्का बिज का इस्तेमाल नोट गिनते थक ना जाओ तो कहना

बिहार सरकार कृषि विभाग के मुताबिक, राज्य में कुल 1.50 लाख एकड़ क्षेत्र में मक्का की खेती का विस्तार करने का लक्ष्य रखा गया है. इससे 12 हजार क्विंटल मक्का उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है. मक्का फसल के दाने और इसके अवशेष को भी इथेनॉल उत्पादन के काम में लाया जाएगा

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गेहूं की पारंपरिक किस्मों यानी सोना मोती, वंशी, टिपुआ गेहूं को बढ़ावा देने की योजना तैयार की गई है. पारंपरिक किस्में रोग प्रतिरोधी के लिए बेहतर व प्राकृतिक (Natural Farming) होती है. इन किस्मों में हाई प्रोटीन संघटक मौजूद होने के कारण ये प्राकृतिक रूप से पोषण और स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है. इन में अन्य अनाजों की तुलना में कई गुणा ज्यादा फोलिक एसिड नामक तत्व की मात्रा है जो ब्ल्ड प्रेशन और हृदय रोगियों के लिए रामबाण है.

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मक्का वेराइटी बीज : बस एक बार करे इस मक्का बिज का इस्तेमाल नोट गिनते थक ना जाओ तो कहना

पारंपरिक किस्में ज्यादा उत्पादन के साथ प्राकृतिक तरीके से अपने क्षेत्र में संतुलन बनाए रखती है. इन किस्मों के उत्पादन में किसानों को कम मेहनत और कम खर्च करने की जरूरत होती है. पारंपरिक किस्में जीवाणु और जैविक उपचारों के बिना संरक्षित रूप से उगाई जा सकती है.

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