Korba News: हसदेव नदी में डूबने से फिर हुई हाथी के बच्चे की मौत

कोरबा : कटघोरा वन मंडल के केंदई रेंज के ग्राम खुरूपारा के निकट हसदेव नदी में डूबने से एक माह के हाथी के बच्चे की मौत हो गई। यह घटना हाथियों के दल के नदी पार करते समय हुई है। साल दर साल हाथी के अलावा ग्रामीणों की मौत आंकड़ा बढ़ते ही जा रहा है। हाथी मानव द्वंद्व थमने का नाम नहीं ले रहा। केंदई और पसान रेंज हाथी के चिंघाड़ से थर्राया हुआ है। ग्रामीणों में भय का माहौल बना हुआ है। जिले में 17 नवंबर को चारों विधानसभा के लिए मतदान होनी है। सुरक्षा की दृष्टि निर्भय मतदान कराना निर्वाचन के लिए चुनौती बनी है।

हाथी-मानव द्वंद्व के बीच मानव ही नहीं बल्कि हाथियों की जान जा रही है। हाथियों की बढ़ती संख्या और उत्पात के बीच प्रभावित क्षेत्र के ग्रामीणों अब समझौता की जिंदगी जीना पड़ रहा है। कटघोरा वन मंडल में 51 हाथी इन दिनों दो दलों में विचरण कर रहे हैं। इनमें पहला दल जिनकी संख्या 30 वे केंदई में हैं। वहीं 21 हाथी पसान में विचरण कर रहे हैं। मंगलवार को 30 हाथियों का दल देर रात कोरबी जंगल से निकल खुरूपारा जा रहा था। दल में एक माह का नन्हा हाथी भी था। हसदेव नदी पार करते समय बड़े हाथियों के पांव तले दब जाने व पानी पी लेने की वजह से मौत हुई।

ग्रामीणों की सूचना पर वन विभाग सक्रिय हुआ। दो माह पहले कोरबा वन परिक्षेत्र के पसरखेत रेंज में एक नन्हे हाथी की मौत हुई थी। बताना होगा कि जिला निर्वाचन विधानसभा चुनाव के लिए जिला निर्वाचन ने अधिसूचना तो जारी कर दी है लेकिन हाथी प्रभावित क्षेत्रों में शत प्रतिशत मतदान सुनिश्चत करने की दिशा में अभी तक कोई गाइड लाइन जारी नहीं की है। प्रभावित क्षेत्रों 60 से भी अधिक मतदान केंद्र बनाए गए हैं। पाली-तानाखार और रामपुर विधानसभा क्षेत्र सर्वाधिक हाथी प्रभावित क्षेत्र में आते हैं। ऐसे में सारी दारोमदार वन विभाग पर है। वन मंडलाधिकारी का कहना है कि मतदान के दिन प्रभावित क्षेत्र के सभी केंद्रों में निगरानी के लिए कर्मचारियों की सतर्कता रहेगी। मतदान केंद्र की ओर रूख करने वाले दलों को जंगल की ओर खदेड़ा जाएगा, ताकि लोग निर्भय मतदान कर सकें।

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