खेती-किसानी

Kisan News 2024: अरहर की फसल की खेती कर किसान होंगे मालामाल, यहाँ जाने A TO Z विधि की जानकारी 

Kisan News 2024: अरहर की फसल की खेती कर किसान होंगे मालामाल, यहाँ जाने A TO Z विधि की जानकारी  मानसून का समय खरीफ फसल की बुवाई के लिए काफी उपयुक्त माना जाता है. इस मौसम में किसान दलहनी फसल की खेती काफी मात्रा में करते हैं. इस दौरान किसान अरहर की खेती कर काफी बेहतर मुनाफा कमा सकते हैं. अरहर की खेती वैज्ञानिक तरीके से करने से किसानों को काफी बेहतरीन उत्पादन प्राप्त होगा. इसको लेकर कृषि विज्ञान केंद्र कोडरमा के वरीय कृषि वैज्ञानिक ने खेती करने के पूरे तरीके की जानकारी दी है.




कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर ए.के राय ने लोकल 18 से कहा कि कोडरमा समेत आसपास के इलाके में काफी संख्या में किसान छिटकवा विधि से बीज की बुआई करते हैं. इससे किसानों को बचना चाहिए. किसानों को अरहर के बीज की बुआई लाइन से करनी चाहिए.

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बीज की बुआई करते लाइन से लाइन की दूरी और पौधे से पौधे की दूरी 30 सेमी रखनी चाहिए. उन्होंने बताया कि पौधों के बीच उचित दूरी रखने से सभी पौधों को बेहतर पोषण प्राप्त होता है..और फसल की डालियां बेहतर तरीके से तैयार होती है

बुवाई के समय और फूल लगने के समय खाद का करें प्रयोग

दलहनी फसल की खेती में खाद की कम आवश्यकता होती है. एक एकड़ में अरहर की खेती करने के लिए बीज की बुवाई के समय 10 से 15 किलो यूरिया और 3-4 किलो डीएपी का उपयोग करना चाहिए. बुआई के समय खाद डालने से फसल की जड़ों में बेहतर गांठे बनती है. इससे फसल को नाइट्रोजन का अवशोषण करने में आसानी होती है. फसल की डालियों में जब फूल लगने शुरू हो जाते हैं. फूल पर कीड़े भी आने शुरू हो जाते हैं. इससे बचाव के लिए किसानों को कीटनाशक का उपयोग करना चाहिए.

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कितने क्विंटल तक का होगा उत्पादन उत्पादन

जल्दी पकने वाली प्रजातियां के बीज एक एकड़ में 20 से 25 किलोग्राम एवं मध्यम पकने वाली प्रजातियों के बीज 15 से 20 किलोग्राम उपयोग करना चाहिए. जल्दी पकने वाले बीज 150-160 दिन में तैयार हो जाते हैं. जिसमें किसानों को 20 से 22 क्विंटल प्रति हेक्टेयर अरहर के प्राप्त होंगे. वहीं मध्यम पकने वाले बीज में किसानों को 170 से 190 दिन का समय लग सकता है. इसमें किसानों को प्रति एकड़ 25 क्विंटल तक अरहर प्राप्त होंगे

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