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CG में पत्रकार पर हमला, रेत माफिया ने की हवाई फायरिंग, पुलिस ने दर्ज की FIR

रायपुर – छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर और आसपास के इलाकों में पत्रकारों पर हमले की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। एक ओर जहां राजिम के पिटाईबंध घाट में रेत माफिया ने कवरेज करने गए पत्रकारों पर जानलेवा हमला किया, वहीं दूसरी ओर रायपुर के अंबेडकर अस्पताल (मेकाहारा) में भी रिपोर्टिंग करने पहुंचे पत्रकारों के साथ बाउंसरों ने न केवल मारपीट की, बल्कि पिस्टल लहराकर खुलेआम धमकाया। दोनों घटनाओं ने राज्यभर के पत्रकारों में आक्रोश की लहर पैदा कर दी है।
राजिम में रेत माफिया का आतंक
थाना प्रभरी विकास बघेल ने बताया है कि राजिम थाना क्षेत्र अंतर्गत पिटाईबंध घाट में अवैध रेत खनन की जानकारी मिलने के बाद कुछ पत्रकार मौके पर कवरेज के लिए पहुंचे थे। इस दौरान रेत माफिया से जुड़े सोनू और शेखर नाम के युवकों ने पत्रकारों को कवरेज करने से रोकने की कोशिश की और विरोध करने पर हवाई फायरिंग कर दी। घटना से क्षेत्र में अफरा-तफरी मच गई। पत्रकार नेमी चंद बंजारे समेत अन्य रिपोर्टर किसी तरह जान बचाकर वहां से निकले और तत्काल इसकी सूचना पुलिस को दी। राजिम थाना पुलिस ने गंभीरता दिखाते हुए तत्काल कार्रवाई की और बीएनएस की धारा 296 (धमकी देकर शांति भंग करना), 115(2) (जान से मारने की कोशिश), 351(3), 3, 5 के तहत मामला दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है।
मेकाहारा में पत्रकारों से बाउंसरों की मारपीट
कुछ दिन पहले रायपुर के डॉ. भीमराव अंबेडकर अस्पताल (मेकाहारा) में भी एक बड़ी घटना सामने आई। रविवार देर रात पत्रकारों की एक टीम अस्पताल में चाकूबाजी के घायल मरीज की कवरेज के लिए पहुंची थी। वहां तैनात निजी सुरक्षा एजेंसी “कॉल मी सर्विस” के बाउंसरों ने पत्रकारों को रिपोर्टिंग से रोकते हुए बदसलूकी शुरू कर दी। विवाद उस समय और बढ़ गया जब एजेंसी का संचालक वसीम बाबू खुद पिस्टल लेकर मौके पर पहुंचा और अपने तीन बाउंसरों के साथ पत्रकारों को धमकाने लगा। हद तो तब हो गई जब पुलिस की मौजूदगी में भी बाउंसरों ने महिला सुरक्षाकर्मियों को हटाकर पत्रकारों को अस्पताल परिसर से जबरन बाहर निकालने की कोशिश की।
प्रेस क्लब और पत्रकारों का विरोध प्रदर्शन
घटना की सूचना मिलते ही रायपुर प्रेस क्लब के पदाधिकारी और बड़ी संख्या में पत्रकार अस्पताल पहुंच गए और गेट पर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। जब कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई, तो सभी पत्रकार मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने निकल पड़े। रात लगभग 12 बजे वे मुख्यमंत्री आवास के सामने धरने पर बैठ गए। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. लाल उम्मेद सिंह और मेकाहारा के अधीक्षक डॉ. संतोष सोनकर मौके पर पहुंचे। अधीक्षक डॉ. सोनकर ने सड़क पर बैठकर पत्रकारों से माफी मांगी और सुरक्षा एजेंसी के टेंडर को रद्द करने की अनुशंसा की घोषणा की।
मंत्री का सख्त बयान, पुलिस की कार्रवाई
घटना को लेकर छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “जो पत्रकारों को धमकाते हैं और मारपीट करते हैं, उन्हें मिट्टी में मिला दिया जाएगा।” उन्होंने पत्रकारों को हर संभव सुरक्षा देने का भरोसा दिलाया। इस मामले में मौदहापारा थाना पुलिस ने आरोपी वसीम बाबू और उसके दो बाउंसरों को गिरफ्तार कर लिया गया था।