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आई0पी0एस0 – दीपका में समर कैंप में बच्चे सीख रहे डांस के स्टेप

इतिहास में मानव संस्कृति का अभिन्न अंग रहा है ‘‘नृत्य‘‘-डॉ.संजय गुप्ता

नृत्य मानवीय अभिव्यक्तियों का एक अभिन्न अंग रहा है।यह सार्वभौम कला है; जिसका जन्म मानव जीवन के साथ हुआ है।बालक जन्म लेते ही रोकर अपने हाथ-पैर मारकर अपनी भावाभिव्यक्ति करता है कि वह भूखा है।इन्हीं आंगिक क्रियाओं से नुत्य की उत्पत्ति हुई।यह कला देवी-देवताओं; दैत्य-दानवों; मनुष्यों एवं पशू-पक्षियों को अति प्रिय है।

आज से 2000 वर्ष पूर्व त्रेतायुग में देवताओं की विनती पर ब्रम्हाजी ने नृत्य वेद तैयार किया, तभी से नृत्य की उत्पत्ती संसार में मानी जाती हैं। आज हर कोई नृत्य की विधा सीखना और नृत्य करना चाहता है। खासकर बच्चों में इस विधा की बारीकीयों को जानने एवं नृत्य करने की प्रबल इच्छा होती है।

इंडस पब्लिक स्कूल- दीपका में समर कैंप पर बच्चे डांस एक्टिविटी में बढ़-चढ़ कर हिस्सा ले रहे हैं। एरोबिक्स,कत्थक , वेस्टर्न आदि अनेक विधाओं में नृत्य की कलाएँ बच्चों को सिखाई जा रहीं हैं। नृत्य शिक्षिका श्रीमती रूमकी हलदर ने बताया कि डांस करने से न सिर्फ हमारा शरीर फिट रहता है अपितु हमारा मन भी स्वस्थ एवं तनाव रहित रहता है।समर कैंप में डांस प्रशिक्षण के लिए विशेष रुप से श्री हरिशंकर सारथी सर एवं रूमकी मैडम लगातार विभिन्न प्रकार के नृत्यों का प्रशिक्षण समर कैंप में आए हुए बच्चों को दे रहे हैं। समर कैंप में अलग-अलग स्कूलों के बच्चों ने इंडस पब्लिक स्कूल- दीपका में अपना पंजीयन कराया है। बच्चे अपनी रुचि के अनुसार अलग-अलग कलाओं का प्रशिक्षण ले रहे हैं लेकिन जब बात करें डांस की तो बच्चों की पहली पसंद की सूची में डांस का नाम अवश्य आता है।विभिन्न एज ग्रुप के बच्चों को अलग-अलग रो-वाइज डिवाइड कर प्रशिक्षकों द्वारा डांस के अलग-अलग विधाओं का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

बच्चों के उम्र एवं रुचि के अनुसार गीतों का चुनाव कर डांस के स्टेप बच्चों को बताया जा रहा है।बच्चे अपनी पसंद के गानों में जी भरकर झूमते हैं। डांस करते समय बच्चे खूब एंजॉय करते हैं।विद्यालय के प्राचार्य डॉ.संजय गुप्ता ने कहा कि डांस करने के अनेक फायदे भी है, डांस करने से एकाग्रता बढ़ती है और अनिद्रा; डिप्रेशन; हाइपर टेंशन आदि होने की संभावना कम होती जाती है । डांस शरीर में लचीलापन लाता है जिससे ज्वांइट पेन में आराम मिलता है। डांस से मानसिक तनाव में कमी आती है, हदय संबंधी बीमरीयों में भी नृत्य की गतिविधि सहायक होती है, इससे वजन कम होता है यह हमारी शारिरिक और मानसिक ऊर्जा को बढाता है। डॉ.संजय गुप्ता ने सभी बच्चों को नृत्य की कला को सीखने मे रूचि लेने हेतु बधाई दी और कहा इंडस स्कूल में सतत रूप से नृत्य की कक्षाएं संचालित होती हैं न सिर्फ समर कैंप बल्कि हमारे स्कूल के विभिन्न विषयों के कालखंडों में एक कालखंड डांस का रोज रहता है।

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