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इंडस पब्लिक स्कूल दीपका में ‘नैतिक मूल्यों का जीवन में महत्व’ विषय पर आयोजित हुई प्रेरक संगोष्ठी

प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय से आए ब्रह्मा कुमार भगवान भाई के प्रेरक विचारों और सकारात्मक संदेशों से लाभान्वित हुए आईपीएस दीपका के विद्यार्थी

जीवन में नैतिक मूल्यों का महत्व व्यक्ति के चरित्र निर्माण, सामाजिक सद्भाव और एक संतुलित जीवन के लिए अत्यंत आवश्यक है। नैतिक मूल्य हमें सही और गलत के बीच अंतर करना सिखाते हैं, जिससे हम महत्वपूर्ण निर्णय लेते समय सही रास्ते पर चल पाते हैं। ये गुण जैसे ईमानदारी, करुणा, सम्मान, और अनुशासन व्यक्तिगत विकास के साथ-साथ एक बेहतर समाज के निर्माण में भी सहायक होते हैं।

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इंडस पब्लिक स्कूल दीपका में जीवन में नैतिक मूल्यों का महत्व पर एक विशेष संगोष्ठी का शानदार आयोजन किया गया। इस आयोजन में विशेष रूप से प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरी विश्वविद्यालय माउंट आबू राजस्थान से ब्रह्मा कुमार भगवान भाई उपस्थित हुए। उनके साथ ही प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरी विश्वविद्यालय से ब्रह्म कुमार भाई एवं ब्रह्मकुमारी बहने भी उपस्थित थी। विद्यालय के छात्राओं द्वारा उपस्थित अतिथियों का पुष्प कुछ से स्वागत किया गया तत्पश्चात वरिष्ठ शिक्षक श्री हेमलाल श्रीवास ने ब्रह्मा कुमार भगवान भाई के जीवनी एवं उपलब्धियां पर प्रकाश डाला। ब्रह्मा कुमार भगवान भाई ने नैतिक मूल्यों का जीवन पर प्रभाव पर अपने वक्तव्य प्रस्तुत किया ।उन्होंने कहा नीति से ही नैतिक शब्द बना है, जिसका अर्थ है सोच समझ के बनाए गए नियम। आज के समय में शिक्षा का मुख्य उद्देश्य होता है जॉब करना पैसा कमाना, और इंसान सिर्फ धन कमाने के उद्देश्य भ्रष्टाचार की गलत राह पकड़ लेता है। हर व्यक्ति को उसके मूल्यों का सही ज्ञान होना चाहिए , जिसका उसको हर परिस्थिति में पालन करना चाहिए।यदि हमारे जीवन में नैतिक मूल्य शून्य है तो हम अपराध की और सतत अग्रसर होते जाते हैं ।मानव का प्रथम उद्देश्य से ही व्यवहार में मानवता लाना है अर्थात बिना नैतिक मूल्यों के हमारा जीवन व्यर्थ होता है। राम और रावण में राम की इसीलिए पूजा होती है क्योंकि राम का प्रत्येक कार्य व्यवहार नैतिक मूल्यों से परिपूर्ण था जबकि रावण का कार्य व्यवहार दुराचार से परिपूर्ण था अतः हमें अपने जीवन को राम जैसा परिपूर्ण बनाना है ना कि रावण जैसा व्यवहार करना है। हमें अपनी वाणी में विनम्रता रखनी चाहिए क्योंकि यदि हम विनम्र हैं तो हमारा कार्य आसानी से होता है कठोर या कर्कश वाणी वाले इंसान को कोई भी पसंद नहीं करता ।कोयल और कौवे दोनों का रंग काला होता है लेकिन लोग कोयल की वाणी पसंद करते हैं ना कि कौवे की।
अतिथि श्री भगवान भाई ने विभिन्न उदाहरणों के द्वारा विद्यार्थियों को नैतिक मूल्य समझाया ।एक से एक प्रेरक कहानी सुनाकर नैतिक मूल्यों के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि यदि जीवन को सफल बनाना है तो जीवन में आध्यात्मिकता का समावेश अनिवार्य है यदि हमारे कार्य व्यवहार में आध्यात्मिकता का समावेश है तो बेशक हम भटकने से बचेंगे हम अपने लक्ष्य की और सतत अग्रसर होते रहेंगे। हमें हमेशा सकारात्मक रहना है नकारात्मकता को अपने ऊपर हावी भी नहीं होने देना है। सब कुछ ईश्वर को अर्पण करते हुए सिर्फ हम अपना कम करें। फल को ईश्वर पर पर छोड़ देना चाहिए।

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विद्यालय के प्राचार्य डॉ संजय गुप्ता ने कहा कि हर व्यक्ति के जीवन में नैतिकता का बहुत महत्व होता है। हमारे जीवन का हर हिस्सा नैतिक मूल्यों से जुड़ा होता है। इससे हमें वस्तुगत ज्ञान प्राप्त होता है। इस शिक्षा से व्यक्ति समाज में आदरणीय बनता है। हमारे समाज और देश में नैतिक मूल्यों को सबसे ज्यादा महत्व दिया जाता है। विद्यार्थी जीवन में नैतिक मूल्य का अत्यंत महत्व है क्योंकि यही विद्यार्थी हमारे राष्ट्र के भावी कर्णधार हैं।समाज में मूल्यों में ह्रास होने से हर प्रकार के अपराध दिन पर दिन बढ़ते जा रहे हैं, जिसकी वजह से मूल्य विहीन समाज में असंतोष फैल रहा है, और वातावरण खराब हो रहा है। असंतोष बढ़ने से युवक अपराध की ओर आकर्षित हो रहे हैं, जिससे समाज के समक्ष चुनौतियाँ बढ़ती जा रही हैं। ज्यादातर लोग निकम्मेपन और भ्रष्टाचार के अंधकूप में डूब रहे हैं और उन्हें समाज या देश की कोई परवाह नहीं है। ऐसी विकट परिस्थितियों में आत्ममंथन करना जरूरी है। हमारी शिक्षा प्रणाली तो दोषपूर्ण है ही, परंतु अगर व्यक्ति के मूल्यों में खोट है तो इसमें दोष शिक्षा का नहीं बल्कि इंसान की गलती है। एक दूसरे पर दोषारोपण करने के बजाय इस समस्या का हल खोजना अधिक महत्वपूर्ण है।
अंत में विद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर संजय गुप्ता जी ने श्री भगवान भाई को विद्यालय का स्मृति चिन्ह भेंट किया एवं उनके प्रेरक उद्बोधन हेतु धन्यवाद प्रेषित किया।