ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय में सावन महीने में भक्तों को मिला द्वादश ज्योतिर्लिंगों के दर्शन का पुण्य लाभ
जिला रिपोर्टर शक्ति उदय मधुकर

सक्ती शिव आराधना के पावन महीने में जहां एक ओर शिव भक्त जलाभिषेक के लिए शिवालयों में पहुंचते रहे वहीं दूसरी ओर सक्ती नगर में संचालित प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय सक्ती में सावन के महीने में द्वादश ज्योतिर्लिंगों की झांकी लगाई गई। इस झांकी के जरिए वाराणसी उत्तर प्रदेश स्थित विश्वनाथ मंदिर, नाशिक महाराष्ट्र स्थित त्र्यंबकेश्वर मंदिर, रुद्रप्रयाग उत्तराखंड स्थित केदारनाथ मंदिर, औरंगाबाद महाराष्ट्र स्थित घृष्णेश्वर मंदिर, देवघर झारखंड स्थित वैद्यनाथ मंदिर, पुणे महाराष्ट्र स्थित भीमा शंकर मंदिर, प्रभास पाटन गुजरात स्थित सोमनाथ मंदिर, श्रु शैलम स्थित मल्लिकार्जुन मंदिर, उज्जैन मध्यप्रदेश स्थित महाकालेश्वर मंदिर, रामेश्वर धाम स्थित रामेश्वरम मंदिर, सौराष्ट्र स्थित नागेश्वर मंदिर तथा खंडवा मध्यप्रदेश स्थित ओंकारेश्वर मंदिर स्थित सभी ज्योतिर्लिंगों के दर्शन लाभ भक्तजनों को सुलभ हो पाया।
इधर द्वादश ज्योतिर्लिंगों के दर्शन करने ब्रम्हकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय सक्ती पहुंचे टेमर निवासी रेवती नंदन पटेल ने इसे बेहद सौभाग्यशाली क्षण बताया। श्री पटेल ने कहा कि देश में स्थापित द्वादश ज्योतिर्लिंगों के दर्शन करने में सालों लग जाते हैं ऐसे में द्वादश ज्योतिर्लिंगों के एक साथ दर्शन होना अपने आप में बेहद पुण्य फलदाई है। इस संबंध मे प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय सक्ती की संचालिका तुलसी दीदी ने बताया कि सभी बारह ज्योतिर्लिंगों के दर्शन एक साथ संभव नहीं हो पाता हमारी कोशिश यह कि एक ही जगह पर एक ही स्थान पर सभी द्वादश ज्योतिर्लिंगों के दर्शन हो सके।
ब्रह्माकुमारी तुलसी दीदी ने आगे कहा कि सभी को लाभ मिले, परमात्मा की शक्तियों का सानिध्य मिले। परमात्मा इस सृष्टि में अवतरित होकर भक्तों को बहुत भरपूर कर रहे हैं पर हम ले नहीं पा रहे हैं। इसलिए हम मेडिटेशन के माध्यम से विधि बताई जाती है। मेडिटेशन याने परमात्मा को याद करना है। विदित हो कि प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय सक्ती में 14 जुलाई से शुरू हुए द्वादश ज्योतिर्लिंगों के झांकी दर्शन के भक्तिमय आयोजन का समापन आज 11 अगस्त को होगा ।