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GST on UPI Payments: सरकार ने आम आदमी के लिए बड़ा फैसला अब यूपीआई पेमेंट्स पर जीएसटी नहीं लगेगा, पढ़िए पूरी खबर

GST on UPI Payments: सरकार ने आम आदमी के लिए बड़ा फैसला अब यूपीआई पेमेंट्स पर जीएसटी नहीं लगेगा, पढ़िए पूरी खबर सरकार ने आम आदमी के लिए बड़ा फैसला किया है. वित्त मंत्रालय ने राज्यसभा में साफ कर दिया कि 2000 रुपये से ज्यादा के यूपीआई ट्रांजैक्शंस पर जीएसटी लगाने का कोई प्रस्ताव नहीं है. यह खबर उन लोगों के लिए राहत की बात है जो रोजमर्रा के लेनदेन के लिए यूपीआई का इस्तेमाल करते हैं. आईये जानते है यूपीआई पेमेंट्स पर जीएसटी का खबर।

GST on UPI Payments यूपीआई पेमेंट्स पर जीएसटी

यूपीआई पेमेंट्स पर जीएसटी 22 जुलाई को राज्यसभा के मॉनसून सत्र के दौरान वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने इस बारे में जानकारी दी. उन्होंने कहा कि जीएसटी काउंसिल ने यूपीआई ट्रांजैक्शंस पर जीएसटी लगाने की कोई सिफारिश नहीं की है. जीएसटी काउंसिल एक संवैधानिक संस्था है, जिसमें केंद्र और राज्य-केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधि शामिल होते हैं. यह काउंसिल जीएसटी से जुड़े टैक्स रेट्स और छूट का फैसला करती है. चौधरी ने यह भी साफ किया कि यूपीआई पेमेंट्स पर जीएसटी लगाने का कोई प्लान नहीं है.

People are not taking UPI नहीं ले हैं लोग यूपीआई

नहीं ले हैं लोग यूपीआई हाल ही में कर्नाटक में करीब 6,000 व्यापारियों को यूपीआई ट्रांजैक्शंस के डेटा के आधार पर जीएसटी डिमांड नोटिस भेजे गए थे. इस वजह से लोगों में डर था कि सरकार यूपीआई पेमेंट्स पर टैक्स लगा सकती है. लेकिन सरकार के इस बयान ने सारी आशंकाओं को खत्म कर दिया. अब लोग बिना किसी चिंता के यूपीआई के जरिए पेमेंट कर सकते हैं.

The most popular method of digital payment डिजिटल पेमेंट का सबसे पॉपुलर तरीका

डिजिटल पेमेंट का सबसे पॉपुलर तरीका यूपीआई आज भारत में डिजिटल पेमेंट का सबसे पॉपुलर तरीका बन चुका है. छोटे-मोटे लेनदेन से लेकर बड़े पेमेंट्स तक लोग इसे आसानी से इस्तेमाल करते हैं. यह सस्ता, तेज और सुरक्षित है. सरकार का यह फैसला डिजिटल इंडिया को और बढ़ावा देगा. आम आदमी को अब न तो अतिरिक्त टैक्स की चिंता होगी और न ही ट्रांजैक्शन लिमिट की. यह कदम न सिर्फ आम लोगों के लिए, बल्कि छोटे व्यापारियों के लिए भी फायदेमंद है, जो यूपीआई के जरिए अपने बिजनेस को आसान बनाते हैं. बेंगलुरु में नोटिस मिलने के बाद दिल्ली जैसे शहरों में भी कई व्यापारी यूपीआई पेमेंट लेने से बच रहे हैं.