खेती-किसानी

Farming of Watermelon: गर्मी के सीजन में तरबूज की खेती बनाएगी आपको मालामाल जानिए इस तरीके से खेती कर मिलेगा भरपूर मुनाफा

Farming of Watermelon: गर्मी के सीजन में तरबूज की खेती बनाएगी आपको मालामाल जानिए इस तरीके से खेती कर मिलेगा भरपूर मुनाफा

Farming of Watermelon: गर्मी के सीजन में तरबूज की खेती बनाएगी आपको मालामाल जानिए इस तरीके से खेती कर मिलेगा भरपूर मुनाफा। नमस्कार किसान भाइयों हम आपके लिए आज बहुत ही शानदार खबर लेकर आए हैं जिसमें आपको हम बताएंगे कि आप तरबूज की खेती कर कर किस तरह लाखों कमा सकते हैं कम खाद और कम लागत में उगाए जाने वाले तरबूज की बाजार में अच्छी मांग होती है, जिससे किसानों को अच्छा मुनाफा मिलता है। चलिए तरबूज लगाने के तरीके के बारे में हम आपको बताते हैं नीचे स्क्रॉल कर कर जाने।



अगर आपको तरबूज की खेती करना है तो आपको किस मौसम में इसकी खेती कर सकते हैं चलिए आपको मौसम के बारे में जानकारी देते हैं तरबूज की खेती दिसंबर से लेकर मार्च तक की जा सकती है। लेकिन तरबूज की बुवाई का उचित समय मध्य फरवरी माना जाता है। वहीं पहाड़ी क्षेत्रों में मार्च-अप्रैल के महीनों में इसकी खेती कर सकते है। इसकी खेती करके आप अच्छा खासा पैसा कमा सकते है।

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Farming of Watermelon: गर्मी के सीजन में तरबूज की खेती बनाएगी आपको मालामाल जानिए इस तरीके से खेती कर मिलेगा भरपूर मुनाफा

हम आपको बता दे की आप किस तरह की मिट्टी में इसकी खेती आसानी से कर सकते हैं चलिए हम आपको बताते हैं जानकारी के मुताबिक हम आपको बता दे की इसकी खेती करने के लिए खेत की पहली जुताई मिट्टी पलटने वाले हल से करनी चाहिए। इसके बाद देसी हल या कल्टीवेटर से जुताई कर सकते है। इस बात का ध्यान रखे कि खेत में पानी की मात्रा कम या ज्यादा नहीं होना चाहिए। अब भूमि में गोबर की खाद को अच्छी तरह मिला दिजिये। यदि रेत की मात्रा अधिक है, तो ऊपरी सतह को हटाकर नीचे की मिट्टी में खाद मिला ले। उसके बाद आप इसकी खेती बड़े पैमाने पर आसानी से कर सकते हैं।

Farming of Watermelon:

चलिए जानते हैं इसकी खेती करने के तरीके आप किस तरह की खेती कर सकते हो और कौन सी मिट्टी में आप उसकी खेती कर सकते हैं हम आपको बता दे की इसकी बुवाई समतल भूमि में या डौलियों पर की जाती है, लेकिन पर्वतीय क्षेत्रों में बुवाई कुछ ऊंची उठी क्यारियों में की जाती है। क्यारियां 2.50 मीटर चौड़ी बना ले। उसके दोनों किनारों पर 1.5 सेमी. गहराई पर 3-4 बीज बो दिए जाते है। और वर्गाकार प्रणाली में 4 गुणा 1 मीटर की दूरी रखी जाती है पंक्ति और पौधों की आपसी दूरी तरबूज की किस्मों पर निर्भर करता है। आप तरबूज की अच्छी किस्म लेकर इसकी खेती करते हैं तो आपको बहुत तगड़ा मुनाफा प्राप्त होने वाला है।

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